
2.5% जकात: गरीबों का हक, अमीरों का फर्ज, जानिए क्या है, क्यों है जरूरी और कैसे दें
रमज़ानुल मुबारक में सालाना जकात अदा की जाती है। जकात इस्लाम के पांच अरकानों में से एक रूक्न है। जकात हर साहिब-ए-निसाब पर फर्ज है। जिसके पास साढ़े बावन तौले चांदी या इनकी कीमत के बराबर नकद रूपया हो, उस पर जकात फर्ज है। जकात देने के लिए साल गुजरना शर्त है। शहर इमाम शरीफ … Read more