दो भाइयों की एक ही दुल्हन से शादी, जवाब सुनकर हैरान रह जाएंगे!

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के शिलाई गांव में एक अनोखी शादी ने सबका ध्यान खींच लिया है। इस शादी में दो सगे भाइयों, प्रदीप और कपिल नेगी ने एक ही युवती, सुनीता के साथ सात फेरे लिए। यह शादी 12 से 14 जुलाई 2025 तक पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ धूमधाम से संपन्न हुई। सोशल मीडिया से लेकर गलियों तक यह शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां कुछ लोग इस शादी से हैरान हैं, वहीं कुछ ने इसका खुलकर समर्थन किया है। यह शादी हाटी समुदाय की सदियों पुरानी ‘जोड़ीदार प्रथा’ का हिस्सा है, जिसने एक बार फिर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

जोड़ीदार प्रथा: सदियों पुरानी परंपरा

यह शादी हाटी समुदाय की ‘जोड़ीदार प्रथा’ या ‘उजला पक्ष’ के तहत हुई, जो सिरमौर और उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्रों में प्रचलित है। इस प्रथा में दो या अधिक भाई एक ही महिला से विवाह करते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य संयुक्त परिवार की संरचना को बनाए रखना और संपत्ति के बंटवारे से बचना है। प्रदीप नेगी ने बताया, “यह प्रथा हमारे पूर्वजों से चली आ रही है और आगे भी चलती रहेगी। यह न केवल हमारे क्षेत्र में, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भी प्रचलित है।” इस प्रथा को हिमाचल में कानूनी मान्यता प्राप्त है, और इसे सामाजिक रूप से भी स्वीकार किया जाता है।

भाइयों का जवाब: “हमने कुछ गलत नहीं किया”

शादी के बाद सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद कुछ लोगों ने सवाल उठाए और आलोचना की। जवाब में, दोनों भाइयों ने एक वीडियो बनाकर अपनी बात रखी। कपिल नेगी ने कहा, “यह जोड़ीदार प्रथा सदियों से चली आ रही है। हमारी शादी में कोई जोर-जबरदस्ती नहीं थी। हम दोनों भाई और हमारी दुल्हन सुनीता इस शादी के लिए पूरी तरह सहमत थे।” प्रदीप ने आगे कहा, “हमारा और हमारी पत्नी का पूरा परिवार इस शादी से खुश है। सोशल मीडिया पर गालियां देने वालों को हमारे संस्कारों की समझ नहीं।” दोनों भाइयों ने स्पष्ट किया कि यह उनकी संस्कृति का हिस्सा है और वे इसे गर्व से निभाते रहेंगे।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

यह शादी केवल एक वैवाहिक आयोजन नहीं, बल्कि हाटी समुदाय की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह प्रथा संयुक्त परिवार को एकजुट रखने, संपत्ति के विखंडन को रोकने और पहाड़ी क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में संसाधनों के प्रबंधन में मदद करती है। दोनों दूल्हे शिक्षित और पेशेवर हैं—प्रदीप जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं, जबकि कपिल विदेश में शेफ की नौकरी करते हैं। इस शादी ने न केवल परंपराओं को जीवित रखा, बल्कि आधुनिकता और संस्कृति के संगम को भी दर्शाया। हालांकि, आधुनिक समाज में इस प्रथा को लेकर बहस जारी है, जो सामाजिक बदलाव और परंपराओं के बीच संतुलन की जरूरत को रेखांकित करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *