सुसाइड नोट में छिपा दर्दनाक सच,17 साल की चंचल ने क्यों लिखा ‘मैं खुद जिम्मेदार हूं’?

लखनऊ के कृष्णानगर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। 17 वर्षीय पॉलिटेक्निक छात्रा Chanchal Singh ने अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उनके पास मिला एक सुसाइड नोट, जिसमें लिखा था, “लड़की होना अभिशाप है… मैं जो कर रही हूं, उसकी जिम्मेदारी मेरी है,” समाज के सामने कई गंभीर सवाल खड़े करता है। यह घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह हमारे समाज में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबावों पर गहरे चिंतन की मांग करती है।

चंचल सिंह की कहानी: सपनों और दर्द के बीच

Chanchal Singh, मूल रूप से Aligarh के नौरंगाबाद छावनी, गांधी पार्क की निवासी थीं। वह लखनऊ के जाफरखेड़ा में किराए के मकान में रहकर Lucknow Polytechnic में पढ़ाई कर रही थीं। उनके भाई Nitish Singh ने बताया कि चंचल ने हाल ही में अपनी परीक्षाएं पूरी की थीं। परीक्षा के दौरान उनकी मां Kripa Devi उनके साथ थीं,

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लेकिन परीक्षा समाप्त होने के बाद वह Aligarh लौट गई थीं। रविवार की रात, मकान मालिक ने परिवार को सूचित किया कि चंचल लंबे समय से अपने कमरे से बाहर नहीं निकली थीं। जब खिड़की से झांककर देखा गया, तो उनका शव पंखे से दुपट्टे के सहारे लटका हुआ मिला।

पुलिस और परिवार का दर्द

Krishnanagar Police को सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची और चंचल को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। चंचल के पिता Satyawan Singh, जो एक TTE हैं, और उनकी मां Kripa Devi इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं। Krishnanagar Inspector के अनुसार, सुसाइड नोट को जांच के लिए भेजा गया है, जिसमें चंचल ने अपने दुखद निर्णय के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया। हालांकि, परिवार ने अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

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