14 वर्षीय बेटी की हत्या करने वाली मां को उम्रकैद,बेटी ने मां को देखा था आपत्तिजनक हालत में

अमरोहा: हसनपुर के मोहल्ला काला शहीद में दो साल पहले 14 वर्षीय बेटी खुशबू वर्मा की गला दबाकर हत्या करने वाली मां रानी वर्मा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जघन्य अपराध तब हुआ जब खुशबू ने अपनी मां और उसके प्रेमी को आपत्तिजनक हालत में देख लिया था, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। हालांकि, साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने रानी के प्रेमी अनिल को दोषमुक्त कर दिया है। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी, और अब कोर्ट के फैसले ने समाज में एक कड़ा संदेश दिया है।

मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट द्वितीय की अदालत में हुई। दो साल के भीतर कुल 67 तारीखों पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को अंतिम फैसला सुनाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नितिन बंसल ने पैरवी की। कोर्ट ने साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर रानी वर्मा को दोषी ठहराया, जबकि अनिल को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि एक मां द्वारा अपनी बेटी की हत्या करना मानवता को शर्मसार करने वाला क्रूर और गंभीर अपराध है।

घटना का विवरण और जांच

घटना 20 दिसंबर 2023 की है, जब रानी वर्मा ने अपनी 14 वर्षीय बेटी खुशबू की गला दबाकर हत्या कर दी थी। रानी मूल रूप से गंगाचोली गांव की रहने वाली थी और अपने पति सुशील वर्मा से मनमुटाव के बाद बेटे वंश और बेटी खुशबू के साथ हसनपुर में किराये के मकान में रह रही थी। उस समय वंश संभल गया हुआ था। 21 दिसंबर की सुबह 6:30 बजे रानी ने खुशबू की हत्या की और परिजनों व मोहल्ले वालों को गुमराह करने के लिए उसे निजी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

रानी ने मोहल्ले में अफवाह फैलाई कि खुशबू ने घर में फंदे पर लटककर आत्महत्या कर ली। हालांकि, पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, जिसमें गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। खुशबू के पिता सुशील वर्मा ने रानी और उसके प्रेमी अनिल के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। तत्कालीन इंस्पेक्टर सुशील कुमार वर्मा ने 199 पेज का आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, हालांकि बाद में वे जमानत पर रिहा थे।

पिता की पीड़ा और इंसाफ की जीत

खुशबू के पिता सुशील वर्मा ने कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि उनकी बेटी को आखिरकार इंसाफ मिल गया। उन्होंने बताया कि वह अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे, लेकिन रानी की हरकतों ने उनके परिवार को बर्बाद कर दिया। सुशील ने बताया कि रानी के प्रेमी अनिल का उनके घर आना-जाना था, जिसका वह विरोध करते थे। इस वजह से रानी ने बच्चों को लेकर उनसे अलग रहना शुरू कर दिया था। सुशील ने कहा, “अगर मुझे थोड़ा भी एहसास होता, तो मैं अपनी बेटी को रानी के पास कभी नहीं छोड़ता।” इस फैसले ने सुशील को अपनी बेटी की हत्या का न्याय दिलाया, लेकिन उनके मन में अपनी बेटी को खोने का दर्द हमेशा रहेगा।

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