बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यह खौफनाक वारदात शनिवार की देर रात बरेली के थाना किला क्षेत्र के बारादरी मोहल्ले में हुई। नेपाल के पोखरा जिले की रहने वाली सुषमा सरू मगर, जिन्हें काजल के नाम से भी जाना जाता है, नोएडा में अपनी नौकरी छूटने के बाद काम की तलाश में बरेली आई थीं। वह अपने एक परिचित विनय गंगवार के पास रुकी थीं। शनिवार रात करीब 1 बजे काजल अपने घर की छत पर फोन पर बात कर रही थीं। तभी कुछ लोगों ने उन्हें चोर समझ लिया और शोर मचाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गई और काजल पर हमला बोल दिया। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग इस तरह की हिंसा पर सवाल उठा रहे हैं।
भीड़ की क्रूरता और वायरल वीडियो
भीड़ ने काजल को चोर समझकर न सिर्फ गालियां दीं, बल्कि डंडों और लाठियों से उनकी बेरहमी से पिटाई की। वीडियो में साफ दिख रहा है कि काजल हाथ जोड़कर अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन भीड़ का दिल नहीं पसीजा। वह रहम की भीख मांगती रही, पर क्रूर भीड़ ने उसकी एक न सुनी और डंडों से उसकी पिटाई करती रही। इस अमानवीय घटना का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस क्रूरता पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। यह वीडियो समाज में बढ़ती असंवेदनशीलता और भीड़ हिंसा की गंभीर समस्या को उजागर करता है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस को इस घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत हरकत में आई। थाना किला की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने पीड़िता काजल का बयान दर्ज किया है और उसे मेडिकल जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस घटना ने न केवल बरेली बल्कि पूरे देश में लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
समाज के लिए सबक
यह घटना न केवल इंसानियत को शर्मसार करती है, बल्कि समाज में फैली असंवेदनशीलता और भीड़ की मानसिकता पर भी सवाल उठाती है। बिना किसी सबूत के किसी पर चोर का ठप्पा लगाकर उसकी पिटाई करना निंदनीय है। इस तरह की घटनाएं समाज में डर और अविश्वास को बढ़ावा देती हैं। लोगों को चाहिए कि वे ऐसी परिस्थितियों में संयम बरतें और कानून को अपने हाथ में लेने के बजाय पुलिस को सूचित करें। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि समाज में जागरूकता और शिक्षा की कितनी जरूरत है, ताकि ऐसी अमानवीय घटनाओं को रोका जा सके।