नई दिल्ली: में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक भ्रामक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है। इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि फेसबुक एक नया नियम लागू करने जा रहा है, जिसके तहत कंपनी यूजर्स के डेटा जैसे नाम, तस्वीर, वीडियो, मोबाइल नंबर आदि का इस्तेमाल अपनी मर्जी से कर सकेगी। इस अफवाह ने पिछले 24 घंटों में लाखों लोगों को प्रभावित किया है, और लोग धड़ाधड़ इस मैसेज को शेयर करते हुए एक डिस्क्लेमर पोस्ट कर रहे हैं, जिसमें वे अपने डेटा के दुरुपयोग पर आपत्ति जता रहे हैं। इस डिस्क्लेमर में यूजर्स यह घोषणा कर रहे हैं कि वे फेसबुक को अपने डेटा का उपयोग करने की अनुमति नहीं देते। हालांकि, विशेषज्ञों ने इसे महज एक अफवाह करार दिया है।
सोशल मीडिया एक्सपर्ट ने दी चेतावनी: यह सिर्फ भ्रम है
सोशल मीडिया और साइबर विशेषज्ञों ने इस मैसेज को पूरी तरह से निराधार बताया है। उनका कहना है कि इस तरह के दावे भ्रामक हैं और केवल लोगों में भ्रम फैलाने का काम करते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब कोई यूजर किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साइन अप करता है, तो वह पहले ही उस प्लेटफॉर्म की नीतियों और शर्तों को स्वीकार कर लेता है। बिना इन शर्तों को माने कोई भी व्यक्ति फेसबुक या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खाता नहीं बना सकता। विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि इस तरह के मैसेज पहले भी साल 2020 और 2021 में वायरल हो चुके हैं। न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी ऐसे भ्रामक संदेश फैल चुके हैं, जो लोगों को गलत जानकारी देकर भयभीत करते हैं।
पहले भी हो चुकी है ऐसी अफवाहें, सतर्क रहने की जरूरत
साइबर विशेषज्ञों ने बताया कि इस तरह के मैसेज कोई नई बात नहीं हैं। ये समय-समय पर अलग-अलग रूपों में सामने आते रहते हैं। फेसबुक ने अभी तक ऐसी कोई नई नीति लागू करने की घोषणा नहीं की है, जिसके तहत यूजर्स के डेटा का दुरुपयोग हो। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे मैसेज पर विश्वास करने से पहले उनकी सत्यता की जांच करें। सोशल मीडिया पर किसी भी जानकारी को शेयर करने से पहले उसकी पुष्टि करना जरूरी है, ताकि भ्रामक जानकारी फैलने से रोका जा सके। लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे फेसबुक की आधिकारिक वेबसाइट या विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें। साथ ही, साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना और अनावश्यक रूप से व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचना चाहिए।