फिटमेंट फैक्टर और सैलरी में बढ़ोतरी
आठवें वेतन आयोग को लेकर सरकारी कर्मचारियों में उत्साह चरम पर है। हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि उनकी सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी और इस बार का फिटमेंट फैक्टर क्या होगा। फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणक है, जिसके आधार पर मौजूदा मूल वेतन को गुणा करके नया वेतन निर्धारित किया जाता है। ब्रोकरेज फर्म्स और विशेषज्ञों की मानें तो इस बार सैलरी में 13% से लेकर 54% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
एंबिट कैपिटल की हालिया रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.83 से 2.46 के बीच हो सकता है। इसका मतलब है कि अलग-अलग स्तर के कर्मचारियों को उनकी मौजूदा सैलरी के आधार पर अलग-अलग बढ़ोतरी मिल सकती है। रिपोर्ट में तीन संभावनाओं का जिक्र किया गया है:
- बेस केस: अगर फिटमेंट फैक्टर 1.83 होता है, तो सैलरी में लगभग 14% की बढ़ोतरी होगी।
- मीडियन केस: फिटमेंट फैक्टर 2.15 होने पर सैलरी में 34% तक का इजाफा हो सकता है।
- अपर केस: अगर फिटमेंट फैक्टर 2.46 की सिफारिश की जाती है, तो सैलरी में 54% की भारी-भरकम बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
वहीं, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने 21 जुलाई को अपनी रिपोर्ट में 1.8 का फिटमेंट फैक्टर अनुमानित किया है, जिसके आधार पर सैलरी में 13% की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सैलरी बढ़ोतरी का गणित
फिटमेंट फैक्टर का सीधा मतलब है कि मौजूदा मूल वेतन को इस फैक्टर से गुणा करके नया वेतन तय किया जाएगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50,000 रुपये है और फिटमेंट फैक्टर 2.0 है, तो नया मूल वेतन 1,00,000 रुपये होगा। हालांकि, एक महत्वपूर्ण बात यह है कि नए वेतन आयोग के लागू होने पर महंगाई भत्ता (DA) शून्य हो जाता है। इससे वास्तविक बढ़ोतरी उम्मीद से थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि कर्मचारियों को अभी मिल रहा DA उनके कुल वेतन का हिस्सा होता है।
उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 50,000 रुपये है और उसे 50% DA मिल रहा है, तो उसका कुल वेतन 75,000 रुपये होगा। अब, अगर फिटमेंट फैक्टर 2.0 लागू होता है, तो नया मूल वेतन 1,00,000 रुपये होगा, लेकिन DA शून्य हो जाएगा। इस तरह, वास्तविक बढ़ोतरी 75,000 से 1,00,000 रुपये यानी लगभग 33% होगी।
कर्मचारियों की उम्मीदें और आर्थिक प्रभाव
8वां वेतन आयोग न केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। सैलरी में बढ़ोतरी से कर्मचारियों की क्रय शक्ति बढ़ेगी, जिससे बाजार में मांग बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सरकार फिटमेंट फैक्टर को संतुलित रखने की कोशिश करेगी ताकि कर्मचारियों को लाभ मिले और सरकारी खजाने पर ज्यादा बोझ न पड़े।
कर्मचारी संगठन लंबे समय से उच्च फिटमेंट फैक्टर की मांग कर रहे हैं। उनकी उम्मीद है कि सरकार कम से कम 2.0 का फिटमेंट फैक्टर लागू करे। हालांकि, अंतिम फैसला सरकार और वेतन आयोग की सिफारिशों पर निर्भर करेगा। फिलहाल, कर्मचारी इस खबर का इंतजार कर रहे हैं कि आखिर उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा और कब से यह लागू होगा।