लखनऊ के चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए टर्मिनल टी-थ्री की छत बारिश में जगह-जगह से टपकने लगी है। शुक्रवार को हुई बारिश के बाद बोर्डिंग हॉल में कई स्थानों पर छत से पानी तेजी से टपकता देखा गया। इस घटना ने एयरपोर्ट प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। पानी से फर्श को बचाने के लिए कर्मचारियों ने टब और बाल्टियां रख दीं, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं। इन तस्वीरों ने न केवल यात्रियों का ध्यान खींचा, बल्कि प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। यह पहली बार नहीं है जब इस टर्मिनल की छत टपकने की शिकायत सामने आई है। इससे पहले भी कई बार यात्री इस समस्या की ओर ध्यान दिला चुके हैं, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।
2400 करोड़ की लागत से बना टर्मिनल, फिर भी खामियां
पिछले वर्ष 2400 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस अत्याधुनिक टर्मिनल का उद्घाटन बड़े धूमधाम से किया गया था। इसे आधुनिक सुविधाओं और बेहतर यात्री अनुभव के लिए डिज़ाइन किया गया था। हालांकि, बारिश के मौसम में छत टपकने की घटना ने इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों ने बताया कि बोर्डिंग हॉल में पानी टपकने से असुविधा हुई और कई लोग फिसलन भरे फर्श के कारण सतर्कता बरतते नजर आए। एयरपोर्ट प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए जहां-जहां पानी टपक रहा था, वहां टब रखे, लेकिन यह अस्थायी समाधान यात्रियों के गुस्से को शांत करने में नाकाम रहा। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों ने प्रशासन की किरकिरी कर दी, और लोग इस महंगे प्रोजेक्ट की गुणवत्ता पर सवाल उठाने लगे।
बारिश का सिलसिला जारी, मौसम विभाग ने दी चेतावनी
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार ने बताया कि खाड़ी में बने वेदर सिस्टम की सक्रियता बढ़ने के कारण बारिश का सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है। शुक्रवार को लखनऊ में औसतन 9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जिससे दिन का तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग की इस चेतावनी के बाद एयरपोर्ट प्रशासन पर जल्द से जल्द छत की मरम्मत और दीर्घकालिक समाधान निकालने का दबाव बढ़ गया है। यात्रियों का कहना है कि इतने बड़े बजट के बावजूद इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है। प्रशासन ने मरम्मत कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है, लेकिन बारिश के मौसम में इस समस्या का त्वरित समाधान चुनौतीपूर्ण हो सकता है।