मेरी काँवर राष्ट्र के नाम का शरीफ नगर विकास समिति ने किया स्वागत

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद। सावन का पवित्र महीना अपने अंतिम पड़ाव पर है, और कल सावन के अंतिम सोमवार को देशभर के मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा। इस अवसर पर लाखों शिव भक्त हरिद्वार, प्रयागराज और अन्य पवित्र स्थानों से गंगा जल लेकर अपने गंतव्य की ओर लौट रहे हैं। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और अभिषेक की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। श्रद्धालु भक्ति और उत्साह के साथ भगवान भोलेनाथ की आराधना में जुटे हैं। इस दिन मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है, और प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।

कांवड़ यात्रियों का जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत

रविवार को हरिद्वार से गंगा जल लेकर लौट रहे कांवड़ यात्रियों का विभिन्न स्थानों पर जोरदार स्वागत किया गया। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के उत्साह और भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिला। विशेष रूप से, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी इस यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और शिविर लगाकर फल वितरण, पुष्प वर्षा और जल सेवा की। शरीफ नगर में शान धर्मकांटे पर शरीफ नगर विकास समिति द्वारा आयोजित शिविर में पूर्व ग्राम प्रधान एम इल्यास, भाकियू जिलाध्यक्ष घनेंद्र शर्मा, मास्टर शीशराम सिंह, नृपेंद्र सिंह, मास्टर देशराज सिंह, सुभाष कुमार, नरेश कुमार, भानूप्रताप सिंह, मास्टर ओमप्रकाश, संजीव उर्फ मोनू, लाखन सिंह आदि ने कांवड़ियों का स्वागत किया। इसके अलावा, रामनगर खागूवाला में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की ओर से डॉ. आफताब आलम हाशमी, सईद, शरीफ सलमानी, कबीर शाह, राजकमल, शुएब कुरेशी, नईम आदि ने पुष्प वर्षा कर यात्रियों का अभिनंदन किया।

कांवड़ यात्रा में दिखा राष्ट्रीय एकता का प्रतीक

इस वर्ष की कांवड़ यात्रा में राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण देखने को मिला। भाजपा नेता अजय प्रताप सिंह ने “मेरी कांवड़ राष्ट्र के नाम” के संदेश के साथ यात्रा में हिस्सा लिया। उनके जत्थे के आगे चल रहे वाहन पर तिरंगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कटआउट लगे थे। डमरू की ध्वनि और “बम बम भोले” के जयकारों के बीच श्रद्धालु उत्साहपूर्वक आगे बढ़े। सुरजन नगर बस स्टैंड, कुआखेड़ा खालसा, कृषक इंटर कॉलेज, और रामपाल द्वार पर ग्रामीणों ने फूल-मालाओं के साथ कांवड़ियों का स्वागत किया। यात्रा सरकारी अस्पताल, कोतवाली, शगुन चौराहा, बाजार गंज, कदीर तिराहा, और कमालपुरी चौराहा होते हुए तहसील स्थित हनुमान मंदिर पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने विश्राम किया। यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्साह, बल्कि सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक बनी।

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