नई दिल्ली, 14 अगस्त 2025: देश में इन दिनों राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। विपक्षी दलों ने इलेक्शन कमीशन पर बीजेपी का सहयोग करने और वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है। इंडिया गठबंधन के प्रमुख नेता, विशेष रूप से कांग्रेस के राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लेकर संसद में जमकर हंगामा किया। SIR मामले को लेकर विपक्ष ने इलेक्शन कमीशन की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, जिसके कारण संसद के अंदर और बाहर तीखी बहस छिड़ गई है। विपक्ष का दावा है कि हाल के चुनावों में अनियमितताएँ हुईं, जिससे जनता का विश्वास लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर कमजोर हुआ है। इस मुद्दे पर विपक्ष ने एकजुट होकर सरकार और इलेक्शन कमीशन से जवाब माँगा है।
वाराणसी में सपा कार्यकर्ताओं का अनोखा प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक अनोखा कदम उठाया है। उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को वाराणसी का सांसद मान लिया है। इस घोषणा के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ उत्सव का माहौल बनाया और अजय राय के आवास पर पहुँचकर उन्हें बधाई दी। समाजवादी पार्टी की अंबेडकर वाहिनी के महानगर अध्यक्ष अमन यादव की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने अजय राय के घर के बाहर ढोल-नगाड़े बजाए और नाच-गाकर जीत का जश्न मनाया। यह प्रदर्शन न केवल एक राजनीतिक बयान था, बल्कि यह विपक्ष के कार्यकर्ताओं के जोश और एकजुटता को भी दर्शाता है। इस आयोजन में बड़ी संख्या में सपा और कांग्रेस के समर्थक शामिल हुए, जिन्होंने बीजेपी पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया।
अजय राय ने बीजेपी पर साधा निशाना
अजय राय, जिन्हें वाराणसी में सपा कार्यकर्ताओं ने अपना सांसद घोषित किया, इस समर्थन से बेहद उत्साहित दिखे। उन्होंने बीजेपी पर वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा, “वाराणसी की जनता ने मुझे चुना है, लेकिन बीजेपी ने अनुचित तरीकों से इस जनादेश को छीना है। मैं वाराणसी का सच्चा सांसद हूँ।” राय ने अपने समर्थकों के उत्साह की सराहना की और कहा कि यह जनता की ताकत का प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा, “हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ते रहेंगे और जनता के अधिकारों को सुनिश्चित करेंगे।” इस बीच, बीजेपी ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया है। पार्टी का कहना है कि विपक्ष हार को स्वीकार करने के बजाय अनावश्यक विवाद पैदा कर रहा है।
इस घटनाक्रम ने वाराणसी में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम विपक्ष की रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जनता के बीच अपनी मौजूदगी को मजबूत करना और इलेक्शन कमीशन पर दबाव बनाना है। वाराणसी में यह जश्न न केवल एक प्रतीकात्मक विरोध है, बल्कि यह विपक्ष की एकता और उनके कार्यकर्ताओं के उत्साह को भी दर्शाता है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और बहस होने की संभावना है।