ग्रामीण इलाकों में फैली बेचैनी
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं और हापुड़ के गांवों और कस्बों में रहस्यमयी ड्रोन की उड़ान ने लोगों में भय और बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया है। रात के समय आसमान में मंडराते ये ड्रोन अब केवल अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि इनके दिखने के बाद चोरी, लूट और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की घटनाओं ने ग्रामीणों को चिंता में डाल दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन ड्रोन की मौजूदगी के बाद असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं, जिससे रात में घरों की सुरक्षा को लेकर डर बढ़ गया है। कई गांवों में लोग रात में जागकर पहरा दे रहे हैं, और सामूहिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक ड्रोन के स्रोत या उनके संचालकों का कोई पुख्ता सुराग नहीं मिल सका है।
स्योहारा में दुखद हादसा
बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव कोलासागर में ड्रोन से जुड़ा एक दुखद हादसा सामने आया है। 45 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ सोनू की छत से गिरकर मौत हो गई, जब वह रात में ड्रोन की वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा था। बताया जाता है कि सुरेंद्र छत पर सो रहा था, तभी ड्रोन की आवाज सुनकर वह जाग गया और अपने मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस इस घटना को सामान्य हादसा मान रही है और पोस्टमॉर्टम के बाद आगे की जांच कर रही है। हालांकि, ग्रामीण इस घटना को रहस्यमयी ड्रोन की गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं और इसे लेकर और अधिक आशंकाएं बढ़ गई हैं। इस हादसे ने इलाके में डर का माहौल और गहरा कर दिया है।
प्रशासन से कार्रवाई की मांग
स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ड्रोन की उड़ान पर तुरंत रोक लगाई जाए और उनके संचालकों की पहचान की जाए। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि ये ड्रोन तस्करी, जासूसी या अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। अमरोहा के एक निवासी ने कहा, “रात में ड्रोन की आवाज सुनकर लोग डर जाते हैं। प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” पुलिस ने कुछ इलाकों में ड्रोन की निगरानी के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक का उपयोग शुरू किया है, लेकिन उनकी सीमित पहुंच के कारण यह प्रयास अपर्याप्त साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने रात में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध और जागरूकता अभियान की मांग की है। प्रशासन ने केंद्र सरकार और तकनीकी विशेषज्ञों से सहायता मांगी है ताकि इन ड्रोन के स्रोत का पता लगाया जा सके। इस बीच, लोग अपनी सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से रात में गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।