मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में वृंदावन के संतों ने रक्षाबंधन के पावन पर्व से पहले देशवासियों से एक विशेष अपील की है। संतों ने सभी हिंदू माता-बहनों से अनुरोध किया है कि वे रक्षाबंधन का सामान केवल सनातनी हिंदुओं की दुकानों से ही खरीदें। संतों का कहना है कि इस बार रक्षाबंधन पर 95 वर्षों बाद एक विशेष शुभ संयोग बन रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाता है। इस संयोग के कारण उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि पवित्र राखी और अन्य सामग्री सनातनी दुकानदारों से ही खरीदी जाए, ताकि इस पर्व की पवित्रता और गरिमा बनी रहे। संतों ने जोर देकर कहा कि यह पर्व हिंदू संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, और इसे शुद्धता के साथ मनाया जाना चाहिए।
श्री कृष्ण जन्मभूमि के याचिकाकर्ता का बयान
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर-मस्जिद केस के मुख्य याचिकाकर्ता दिनेश फलाहारी महाराज ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि हिंदू अपने धार्मिक स्थलों और पर्वों में किसी भी प्रकार की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं करेंगे। फलाहारी महाराज ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम उनके मक्का-मदीना में दुकानें लगाने नहीं जाते, तो वे हमारे पवित्र रक्षाबंधन जैसे त्योहारों में घुसपैठ क्यों करते हैं?” उन्होंने सभी हिंदुओं से अपील की कि वे अपनी परंपराओं की रक्षा करें और केवल सनातनी दुकानों से ही राखी खरीदें। उनका कहना है कि यह न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रश्न है।
रक्षाबंधन का महत्व और संतों का संदेश
रक्षाबंधन का यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। वृंदावन के संतों ने इस अवसर पर लोगों से यह भी अपील की है कि वे इस पर्व को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाएं। संतों का कहना है कि राखी केवल एक धागा नहीं, बल्कि एक पवित्र बंधन है, जो समाज में प्रेम और एकता को मजबूत करता है। इस बार के शुभ संयोग को देखते हुए, संतों ने सभी से इस पर्व को और भी भव्यता के साथ मनाने का आह्वान किया है।