वाराणसी के पिंडरा तहसील स्थित अपने पैतृक गांव करखियाव में रविवार को समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने एक बार फिर अपनी जड़ों से गहरा जुड़ाव दर्शाया। उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से सांसद प्रिया सरोज अपने गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने न केवल गांव की ताजी हवा में सांस ली, बल्कि स्थानीय महिलाओं और सहेलियों के साथ खेतों में उतरकर धान की रोपाई की। सादे कपड़ों में, नंगे पांव, और कीचड़ भरे खेतों में काम करती प्रिया का यह अंदाज देखकर हर कोई हैरान रह गया। इस दृश्य ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वे अपनी मिट्टी और संस्कृति से उतनी ही मजबूती से जुड़ी हैं।
प्रिया ने इस खास पल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया, जहां उन्होंने एक वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, “हमारा गांव…”। यह छोटा सा कैप्शन उनके दिल में बसे गांव और वहां की मिट्टी के प्रति उनके गहरे प्रेम को बयां करता है। वीडियो में प्रिया को खेतों में धान की रोपाई करते हुए देखा जा सकता है, जहां वे पूरी तन्मयता के साथ स्थानीय महिलाओं के साथ काम कर रही हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग उनकी सादगी और जमीनी जुड़ाव की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रिया का जमीनी अंदाज
प्रिया सरोज का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस कदम ने न केवल उनके समर्थकों, बल्कि आम लोगों का भी दिल जीत लिया है। लोग उनके इस जमीनी अंदाज को देखकर कह रहे हैं कि प्रिया ने साबित कर दिया है कि सत्ता और शोहरत उनके मूल्यों और संस्कृति को नहीं बदल सकती। खेतों में काम करने का उनका यह कदम न केवल उनकी सादगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों की जिंदगी और मेहनत को कितनी गहराई से समझती हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रिया के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि एक सांसद का इस तरह खेतों में उतरना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन और खेती की चुनौतियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। प्रिया का यह कदम युवाओं और विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो यह दिखाता है कि मेहनत और अपनी जड़ों से जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट्स में लिखा, “प्रिया जी ने दिखा दिया कि असली नेता वही है, जो अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करे।”
प्रिया सरोज का यह कदम निश्चित रूप से उनके क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश देगा और लोगों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देगा। उनकी यह सादगी और मेहनत न केवल उनके व्यक्तित्व को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को करीब से समझने और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।