पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गांवों से लेकर उत्तराखंड तक, नीले लाइट वाले ड्रोन ने लोगों में दहशत फैला दी है। ग्रामीणों का आरोप है कि चोर इन ड्रोन का उपयोग रेकी के लिए कर रहे हैं और इसके बाद घरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कई गांवों में लोग रात भर हथियारों के साथ पहरा दे रहे हैं, ताकि अपने घरों और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें। खासकर मेरठ, बागपत, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर जैसे जिलों में यह डर अधिक देखा जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि रात के समय आसमान में नीली रोशनी के साथ उड़ते ड्रोन देखे गए हैं, जिसके बाद चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं। इस स्थिति ने न केवल लोगों में डर पैदा किया है, बल्कि उनकी नींद भी उड़ा दी है। कई गांवों में लोग समूह बनाकर रात में गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं। कुछ स्थानों पर ग्रामीणों ने ड्रोन को पकड़ने की कोशिश भी की, लेकिन उनकी गति और ऊंचाई के कारण यह संभव नहीं हो सका।
मुख्यमंत्री योगी का सख्त रुख
इस बढ़ते खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने ड्रोन से दहशत फैलाने वालों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। सीएम ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था से कोई समझौता नहीं होगा और तकनीक का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को हर जिले में ड्रोन गतिविधियों की समीक्षा करने और त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। योगी ने कहा, “प्रदेश में अफवाह फैलाने या डर पैदा करने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” इसके साथ ही, उन्होंने ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त रखने और कड़ी निगरानी के आदेश दिए हैं। सीएम ने यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई हो।
पुलिस की सख्ती और सोशल मीडिया पर नजर
मेरठ पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस ने बिना इजाजत ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का ऐलान किया है। सोशल मीडिया पर ड्रोन कैमरों की वीडियो पोस्ट करने और अफवाह फैलाने के मामलों में भी सख्ती बढ़ा दी गई है। मेरठ पुलिस ने अब तक 28 ऐसी पोस्ट को चिह्नित किया है, जिनमें से 16 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए हैं और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विशेष साइबर सेल बनाई गई है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
ड्रोन संचालन पर कड़ा नियंत्रण
प्रदेश सरकार ने ड्रोन के उपयोग को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। ड्रोन संचालन के लिए अब अनुमति लेना अनिवार्य है और बिना अनुमति के ड्रोन उड़ाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। इसके अलावा, ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। सरकार का कहना है कि ड्रोन का उपयोग केवल वैध और अनुमत कार्यों के लिए किया जाना चाहिए। सीएम योगी ने कहा, “तकनीक का गलत इस्तेमाल करने वालों से सरकार सख्ती से निपटेगी।” इसके लिए जिला प्रशासन को नियमित रूप से ड्रोन गतिविधियों की निगरानी करने और संदिग्ध मामलों में तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस और प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का विश्वास बना रहे और उन्हें सुरक्षा का भरोसा दिया जाए।
इस पूरे मामले ने न केवल कानून व्यवस्था की चुनौती को उजागर किया है, बल्कि तकनीक के दुरुपयोग के खतरों को भी सामने लाया है। सरकार और पुलिस की सख्ती से उम्मीद है कि जल्द ही इस दहशत पर काबू पाया जाएगा और लोग निश्चिंत होकर अपने दैनिक जीवन में लौट सकेंगे।