500 Rupee Note Ban : भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार पिछले कुछ वर्षों से लगातार कदम उठा रही है। नकदी पर निर्भरता कम करने और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बड़े नोटों के चलन को कम करने की योजना पर काम चल रहा है।
हाल ही में चर्चा है कि 500 रुपये के नोट को भी धीरे-धीरे बाजार से हटाया जा सकता है, जैसा कि 2,000 रुपये के नोटों के साथ पहले हो चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पहले ही 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है, और अब 500 रुपये के नोटों पर भी नजर है। आइए, जानते हैं कि इस बदलाव की क्या योजना है और इसका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
बैंकिंग विशेषज्ञ अश्विनी राणा के अनुसार, सरकार और आरबीआई मिलकर मार्च 2026 के बाद 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की दिशा में काम कर सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया 2016 की नोटबंदी की तरह अचानक नहीं होगी।
ये भी पढ़े- 14 साल की बच्ची के पेट से निकला 3 किलो बालों का गुच्छा, डॉक्टर्स भी रह गए हैरान!
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और आरबीआई इस बदलाव को धीरे-धीरे लागू करेंगे ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। पहले चरण में बैंकों को निर्देश दिए जा सकते हैं कि वे एटीएम में 100 और 200 रुपये के छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाएं। इससे बाजार में 500 रुपये के नोटों का चलन धीरे-धीरे कम होगा, और लोग छोटे मूल्य के नोटों का उपयोग करने लगेंगे।
क्या पूरी तरह बंद होंगे 500 रुपये के नोट?
विशेषज्ञों का कहना है कि 500 रुपये के नोटों को पूरी तरह से बंद करने के बजाय, उनके सर्कुलेशन को कम किया जाएगा। लोगों को अपने पास मौजूद 500 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। इससे आरबीआई के पास इन नोटों का स्टॉक जमा होगा, और धीरे-धीरे ये नोट बाजार से गायब हो जाएंगे।
यह प्रक्रिया सुनियोजित और पारदर्शी होगी, ताकि लोगों को असुविधा न हो और वे आसानी से अपने पैसे का उपयोग या जमा कर सकें।
छोटे नोटों पर बढ़ेगा जोर
500 रुपये के नोटों के चलन को कम करने के लिए सरकार 100 और 200 रुपये के नोटों की मांग और आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान देगी। बैंकों और एटीएम में इन छोटे नोटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे लोगों को रोजमर्रा के लेन-देन में आसानी होगी। यह कदम न केवल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगा, बल्कि नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा।जैसे-जैसे 500 रुपये के नोट बाजार से कम होंगे, लोग डिजिटल लेन-देन की ओर अधिक आकर्षित होंगे, जो सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ये भी पढ़े- बीजेपी का नया अध्यक्ष कौन? अचानक सामने आया यह चौंकाने वाला नाम