दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने एक बार फिर देश के कोने-कोने में अपनी रफ्तार तेज कर दी है। उत्तर भारत से लेकर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत तक भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 13 से 18 अगस्त तक देश के अधिकांश हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। पश्चिम भारत में मॉनसून धीरे-धीरे विदाई लेने की ओर अग्रसर है, लेकिन अन्य क्षेत्रों में इसका प्रभाव अभी भी तीव्र बना हुआ है। भारी बारिश के कारण कई इलाकों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। समुद्री तटवर्ती क्षेत्रों में तेज हवाओं और तूफान की आशंका भी जताई गई है। मौसम विभाग ने लोगों से सतर्कता बरतने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
उत्तर भारत में मॉनसून का प्रकोप
उत्तर भारत में मॉनसून का प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। उत्तराखंड में 13 से 18 अगस्त तक भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है, जिसके कारण नदियों का जलस्तर बढ़ सकता है। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भी इसी अवधि में भारी बारिश का अनुमान है, जहां भूस्खलन और सड़क मार्ग अवरुद्ध होने का खतरा बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर में 13 से 15 अगस्त तक मौसम खराब रहेगा, और बादल फटने की आशंका से स्थानीय प्रशासन हाई अलर्ट पर है। हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में 13 से 15 अगस्त तक तेज बारिश के साथ गरज-चमक की स्थिति बनी रहेगी। दिल्ली-एनसीआर में भी 18 अगस्त तक रुक-रुक कर तेज बारिश होने की संभावना है। इस दौरान जलभराव और ट्रैफिक जाम की समस्या बढ़ सकती है, जिससे लोगों को दैनिक जीवन में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सावधानी और तैयारियों का आह्वान
मौसम विभाग ने लोगों से नदियों और निचले इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने के साथ-साथ आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी गई है, क्योंकि तेज हवाओं और तूफान का खतरा बना हुआ है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे मौसम अपडेट्स पर नजर रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें। मॉनसून के इस दौर में सावधानी और जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।