सावन माह के तीसरे सोमवार को लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। शुक्रवार शाम छह बजे से दिल्ली हाईवे पर रोडवेज बसों, निजी बसों और भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान मुरादाबाद से दिल्ली जाने वाली लेन में केवल कार जैसे हल्के वाहनों को अनुमति होगी, जबकि दिल्ली से मुरादाबाद वाली लेन को कांवड़ियों और उनके वाहनों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रविवार से छोटे वाहनों का आवागमन भी बंद किया जा सकता है। यह व्यवस्था सोमवार शाम पांच बजे तक लागू रहेगी। पुलिस ने यातायात को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वैकल्पिक मार्गों की भी व्यवस्था की है।
रूट डायवर्जन: भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग
ट्रैफिक डायवर्जन के तहत भारी वाहनों को बिलारी, सिरसी, संभल, गवां और बुलंदशहर के रास्ते दिल्ली और मेरठ भेजा जाएगा। इसी मार्ग से वाहनों की वापसी भी होगी। कांठ रोड पर भी भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह डायवर्जन शुक्रवार शाम से शुरू होकर सोमवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेगा। पुलिस प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों पर यातायात को सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, कांवड़ियों के लिए सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और सहयोग करने की अपील की है।
रामपुर में भी कांवड़ यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था
रामपुर में भी कांवड़ यात्रा के लिए शुक्रवार शाम से हाईवे और टांडा बाजपुर मार्ग पर भारी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्जन की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जो शुक्रवार शाम से प्रभावी होने की संभावना है। सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। कांवड़ियों की सुविधा के लिए मार्ग पर बैरियर, चेकपॉइंट और मेडिकल कैंप स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, यातायात को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।