दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में स्थित ऐतिहासिक जामा मस्जिद इन दिनों एक अनोखी वजह से सुर्खियों में है। यहां एक हिंदू लड़की, नेहा भारती, हर रोज रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम भाइयों को इफ्तार करवाती हैं। यह नजारा देखने में जितना खूबसूरत है, उतना ही समाज में भाईचारे और एकता का संदेश भी देता है। नेहा, जो खुद हिंदू धर्म से ताल्लुक रखती हैं, ने अपने इस नेक काम से लोगों का दिल जीत लिया है। उनके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं और लोग उनकी इस पहल की जमकर तारीफ कर रहे हैं। यह कहानी न सिर्फ इंसानियत की मिसाल है, बल्कि यह भी दिखाती है कि प्यार और सहयोग की कोई धर्म या मजहब की सीमा नहीं होती।
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नेहा भारती हर शाम जामा मस्जिद पहुंचती हैं और वहां मौजूद रोजेदारों के लिए इफ्तार का इंतजाम करती हैं। खजूर, फल, शरबत और कुछ हल्का खाना लेकर वह मुस्लिम भाइयों के बीच बैठकर उनकी सेवा करती हैं। उनके इस काम में खास बात यह है कि इसे अंजाम देने के लिए उन्हें हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों से भरपूर सहयोग मिलता है। नेहा का कहना है कि यह सब उनके अकेले के बस की बात नहीं थी। उनके दोस्त, पड़ोसी और कई अनजान लोग आगे आए और इस नेक काम में हाथ बंटाया। कोई खाने का सामान देता है तो कोई पैसे से मदद करता है। इस सहयोग ने नेहा के इरादों को और मजबूत किया है।
सोशल मीडिया पर नेहा के वीडियो को देखकर लोग हैरान हैं कि एक हिंदू लड़की इतने प्यार और समर्पण के साथ मुस्लिम भाइयों के लिए इफ्तार का आयोजन कैसे कर सकती है। लेकिन नेहा के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। वह कहती हैं कि उनके लिए इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है। रमजान का महीना उनके लिए भी खास है, क्योंकि यह एकता और भाईचारे का समय होता है। वह मानती हैं कि अगर हम एक-दूसरे के त्योहारों में शामिल हों और खुशियां बांटें, तो समाज में नफरत की कोई जगह नहीं रहेगी। उनकी यह सोच लोगों को प्रेरित कर रही है और कई लोग अब उनके साथ जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं।
जामा मस्जिद में इफ्तार करवाने की नेहा की यह पहल कोई नई बात नहीं है। वह पिछले कुछ सालों से ऐसा करती आ रही हैं और हर बार उनका जज्बा देखने लायक होता है।