रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को घोषणा की कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का रक्षा उत्पादन 1.5 लाख करोड़ रुपये के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि देश के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा उत्पादन का कुल मूल्य 1.27 लाख करोड़ रुपये था, जिसके मुकाबले इस साल लगभग 18 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। राजनाथ सिंह ने अपने सोशल मीडिया मंच एक्स (X) पर इस उपलब्धि को साझा करते हुए लिखा, “वित्त वर्ष 2024-25 में एनुअल डिफेंस प्रोडक्शन 150,590 करोड़ रुपये के अब तक के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है।” यह आंकड़ा न केवल भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को दर्शाता है, बल्कि सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान की सफलता को भी रेखांकित करता है।
2019-20 से 90 फीसदी की वृद्धि
रक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि वित्त वर्ष 2019-20 में रक्षा उत्पादन का मूल्य 79,071 करोड़ रुपये था, जिसके मुकाबले वर्तमान आंकड़ा 90 फीसदी की प्रभावशाली वृद्धि को दर्शाता है। यह वृद्धि भारत के रक्षा क्षेत्र में हो रहे नवाचारों, नीतिगत सुधारों और स्वदेशी तकनीक के उपयोग को प्रदर्शित करती है। राजनाथ सिंह ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि यह उपलब्धि रक्षा क्षेत्र में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। सरकार ने हाल के वर्षों में स्वदेशी रक्षा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई नीतियां लागू की हैं, जिनमें मेक इन इंडिया और डिफेंस प्रोक्योरमेंट प्रोसीजर (डीपीपी) जैसे कदम शामिल हैं। इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, भारत अब न केवल अपने रक्षा बलों की जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है।
वैश्विक मंच पर भारत की मजबूती
रक्षा उत्पादन में इस वृद्धि ने भारत को वैश्विक रक्षा उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने हाल के वर्षों में रक्षा निर्यात में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। स्वदेशी हथियारों और उपकरणों, जैसे कि तेजस लड़ाकू विमान, आकाश मिसाइल सिस्टम और विभिन्न नौसैनिक प्रणालियों के उत्पादन ने न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा किया है, बल्कि विदेशी मांग को भी पूरा करने में मदद की है। राजनाथ सिंह ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि यह उपलब्धि भारत के रक्षा उद्योग, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नीति निर्माताओं के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य रक्षा उत्पादन को और बढ़ाने और इसे 2027 तक 2 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य भारत को रक्षा क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।