सांसद इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी: करणी सेना उपाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। राणा ने अपने फेसबुक पोस्ट और वीडियो में इकरा हसन से निकाह की बात कहते हुए आपत्तिजनक बयान दिए, जिसमें उन्होंने AIMIM नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी को “जीजा” कहने की शर्त रखी। इस बयान ने न केवल सांसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि सामाजिक सौहार्द और महिला सम्मान को भी चोट पहुंचाई। इस मामले में मुरादाबाद पुलिस ने राणा के खिलाफ FIR दर्ज की है।

राणा ने अपने वीडियो में कहा, “इकरा हसन अभी कुंवारी हैं, मैं भी कम सुंदर नहीं हूं। मेरे पास मुरादाबाद में कई मकान और संपत्ति हैं। मैंने अपनी पत्नी से भी इजाजत ले ली है। अगर इकरा हसन मुझसे निकाह करें, तो मैं उन्हें घर में नमाज पढ़ने की इजाजत दूंगा, लेकिन शर्त है कि ओवैसी बंधु मुझे जीजा कहकर बुलाएं।”

इस पोस्ट के वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष फैल गया। पार्टी के जिला अध्यक्ष जयवीर यादव ने इसे महिला सम्मान और संसद की गरिमा पर हमला करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। विवाद बढ़ने के बाद राणा ने अपनी पोस्ट हटा ली, लेकिन तब तक यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैल चुका था।

FIR और कानूनी कार्रवाई की मांग

इस मामले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुरादाबाद में जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर दो दिनों में कार्रवाई की चेतावनी दी। एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से कटघर थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा की गई टिप्पणी न केवल सांसद इकरा हसन के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। पत्र में मांग की गई कि राणा के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए और उनके सोशल मीडिया अकाउंट को निष्क्रिय करने के लिए संबंधित प्लेटफॉर्म को सूचित किया जाए।

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 73 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी), धारा 356 (आपराधिक मानहानि), और धारा 356(2) (लैंगिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी) के तहत FIR दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66A और 67 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। मुरादाबाद पुलिस ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के प्रति अपमानजनक और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला कृत्य बताया। समाजवादी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने इसे मौजूदा सरकार के संरक्षण में की गई “घटिया हरकत” करार दिया। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इसे मुस्लिम समाज और संसद का अपमान बताया। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश ने राणा के बयान की निंदा की।

इकरा हसन, जो कैराना से युवा और शिक्षित सांसद हैं, ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह घटना भारतीय राजनीति में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपमान और डिजिटल मंचों पर उत्पीड़न के मुद्दों को फिर से उजागर करती है।

Leave a Comment