पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद; उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के फैजुल्लागंज खोखरा ताल गांव में स्थित प्राचीन शिव मंदिर के निकट वावा जाहर दीवान के स्थान पर नवमी के अवसर पर एक भव्य मेला आयोजित किया गया। इस धार्मिक आयोजन में क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में भाग लिया और बाबा जाहरवीर के स्थान पर प्रसाद चढ़ाकर अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। मेले में पहुंचे लोग परिवारों के साथ उत्साहपूर्वक शामिल हुए, जिससे यह आयोजन और भी जीवंत हो गया।
श्रद्धालुओं की आस्था और मन्नतों का केंद्र
मेले में क्षेत्र के लोग अपने परिवार के साथ पहुंचे और जाहरवीर बाबा के स्थान पर माथा टेककर प्रसाद चढ़ाया। श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नतें मांगीं और बाबा के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त की। मंदिर के महंत दिनेश गिरी महाराज ने बताया कि यह मेला प्रतिवर्ष आयोजित होता है, जिसमें दूर-दराज से लोग अपनी मुरादें लेकर आते हैं। जिनकी मन्नतें पूरी होती हैं, वे हर साल इस पवित्र स्थान पर लौटकर बाबा के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हैं।
मेले में खरीदारी और मनोरंजन का उत्साह
मेले में विभिन्न प्रकार की दुकानें सजी थीं, जिनमें सौंदर्य प्रसाधन, खिलौने, कपड़े और खाने-पीने की वस्तुएं शामिल थीं। महिलाओं ने सौंदर्य प्रसाधनों की दुकानों पर उत्साहपूर्वक खरीदारी की, जबकि बच्चे झूलों और खेलों में मस्त रहे। मेले में मौजूद खान-पान के स्टॉल्स पर लोगों ने विभिन्न स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया। यह आयोजन धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ मनोरंजन का भी एक शानदार मंच बना।
सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक
नवमी के अवसर पर आयोजित यह मेला एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जो क्षेत्र के लोगों की आस्था और विश्वास को दर्शाता है। यह मेला समाज में एकता और सौहार्द्र को बढ़ावा देता है, साथ ही लोगों को अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों से जोड़े रखता है। जाहरवीर बाबा के प्रति लोगों की गहरी श्रद्धा और मेले की जीवंतता ने इस अवसर को और भी विशेष बना दिया। इस प्रकार के आयोजन सामाजिक समरसता को मजबूत करते हैं और परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।