राजद-कांग्रेस का सनसनीखेज दावा
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पार्टी ने बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दोनों विपक्षी दलों ने दावा किया है कि विजय सिन्हा के पास दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (EPIC) हैं और उन्होंने दो अलग-अलग स्थानों—बांकीपुर और लखीसराय—से मतदाता पुनरीक्षण फॉर्म भरा है। इस मामले को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने रविवार सुबह एक प्रेस वार्ता आयोजित की, जिसमें उन्होंने इस मुद्दे पर तीखे सवाल उठाए। तेजस्वी ने पूछा कि डिप्टी सीएम ने किस कारण से दो अलग-अलग स्थानों से मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) फॉर्म भरा और उनका नाम दो अलग-अलग वोटर लिस्ट में कैसे शामिल हो गया? यह मामला बिहार की राजनीति में हलचल मचा सकता है, क्योंकि यह आरोप न केवल विजय सिन्हा की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है, बल्कि मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है।
उम्र में अंतर और दो EPIC नंबर
तेजस्वी यादव ने प्रेस वार्ता में यह भी खुलासा किया कि विजय सिन्हा की उम्र दोनों वोटर लिस्ट में अलग-अलग दर्ज है। लखीसराय की वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 57 साल बताई गई है, जबकि बांकीपुर की वोटर लिस्ट में उनकी उम्र 60 साल दर्ज की गई है। इसके अलावा, उनके दो अलग-अलग EPIC नंबर भी सामने आए हैं। पहला EPIC नंबर IAF 39393370 है, जिसका सीरियल नंबर 274 है, और दूसरा EPIC नंबर AFS0853341 है, जिसका सीरियल नंबर 767 है। तेजस्वी ने इन तथ्यों को प्रस्तुत करते हुए इस मामले की गंभीरता पर जोर दिया और कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति की विश्वसनीयता का सवाल है, बल्कि यह पूरी मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाता है। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इस मामले की तत्काल जांच करे और विजय सिन्हा को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
इस्तीफे की मांग और जांच की अपील
तेजस्वी यादव ने अपने बयान में कहा कि यदि विजय सिन्हा इस मामले में दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें तुरंत अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच में यह पाया जाता है कि मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया में कोई खामी है, तो पूरी प्रक्रिया को ही रद्द कर देना चाहिए। यह मामला बिहार की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है, क्योंकि यह न केवल डिप्टी सीएम की छवि को प्रभावित कर सकता है, बल्कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा सकता है। राजद और कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का फैसला किया है और इसे लेकर जनता के बीच जागरूकता फैलाने की योजना बना रहे हैं। इस मामले में विजय सिन्हा या उनकी पार्टी की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस विवाद के और तूल पकड़ने की संभावना है।