देहरादून-मसूरी रोप-वे परियोजना तेजी से प्रगति कर रही है, जो उत्तराखंड के पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है। इस परियोजना के तहत बनने वाले 26 टावरों में से करीब 20 का निर्माण शुरू हो चुका है। मसूरी के गांधी चौक में अपर टर्मिनल का समतलीकरण पूरा होने के बाद स्टील बाइंडिंग का कार्य जोरों पर है। साथ ही, गांधी चौक से रोप-वे तक पहुंचने के लिए एप्रोच मार्ग का निर्माण भी चल रहा है। दूसरी ओर, पुरकुल गांव में लोअर टर्मिनल स्टेशन के तीन टावरों का निर्माण तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां तीन मंजिल तक मल्टीलेवल पार्किंग बन चुकी है, और चौथी मंजिल का कार्य जल्द शुरू होने वाला है। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड का दावा है कि वर्ष 2026 के अंत तक यह परियोजना पूर्ण होकर संचालन शुरू कर देगी। यह रोप-वे न केवल पर्यटकों के लिए समय बचाएगा, बल्कि मसूरी के खूबसूरत नजारों को और करीब लाएगा।
जाम से मुक्ति और पर्यटन को बढ़ावा
पर्यटन सीजन के दौरान, विशेष रूप से मई से जुलाई तक, रोजाना 25 हजार से अधिक पर्यटक देहरादून से मसूरी पहुंचते हैं। इस दौरान भारी भीड़ और वाहनों की संख्या के कारण मसूरी में जाम की समस्या आम हो जाती है। देहरादून-मसूरी मार्ग, जो 33 किलोमीटर लंबा है, अक्सर जाम से प्रभावित रहता है, और पर्यटकों को मसूरी पहुंचने में डेढ़ से तीन घंटे लग जाते हैं। रोप-वे परियोजना इस समस्या का स्थायी समाधान लाने वाली है। 5.5 किलोमीटर लंबा यह रोप-वे पर्यटकों को मात्र 15 मिनट में मसूरी की माल रोड तक पहुंचाएगा। स्वचालित ट्रॉलियों के माध्यम से एक घंटे में 1300 पर्यटक एक दिशा में सफर कर सकेंगे। इससे न केवल जाम की समस्या हल होगी, बल्कि पर्यटन विभाग के राजस्व में भी वृद्धि होगी। साथ ही, पुरकुल गांव में पर्यटकों की चहल-पहल से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। यह रोप-वे बारिश और बर्फबारी में भी संचालित होगा, जिससे भूस्खलन के कारण मार्ग बंद होने की समस्या से पर्यटकों को राहत मिलेगी।