शराब का सेवन: शराब से सबसे पहले प्रभावित होता है लिवर

शराब से सबसे पहले प्रभावित होता है लिवर

शराब का सेवन शरीर के कई अंगों को नुकसान पहुंचाता है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, इसका सबसे पहला और गंभीर असर लिवर पर पड़ता है। लिवर शरीर में शराब को फिल्टर करने का काम करता है, जिसके लिए उसे अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। शराब में मौजूद विषाक्त पदार्थ लिवर की कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं, जिससे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक या अत्यधिक शराब का सेवन करने वालों में लिवर कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। रिसर्च बताती है कि नियमित शराब पीने वालों में लिवर डैमेज के लक्षण शुरुआती दौर में ही दिखाई देने लगते हैं, लेकिन लोग अक्सर इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।

लिवर डैमेज के लक्षण

शराब के कारण लिवर डैमेज होने पर कई लक्षण उभरते हैं, जिन्हें समय रहते पहचानना जरूरी है। शुरुआती लक्षणों में पेट में दर्द, थकान, भूख न लगना, जी मिचलाना और त्वचा का पीला पड़ना शामिल है। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती है, पीलिया, पेट में सूजन, और मानसिक भ्रम जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। डायटीशियन और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन लक्षणों को अनदेखा किया जाए, तो लिवर पूरी तरह खराब हो सकता है, जिसका इलाज बेहद जटिल और महंगा होता है। इसलिए, शराब का सेवन कम करना या पूरी तरह बंद करना लिवर की सेहत के लिए जरूरी है।

बचाव के लिए जरूरी कदम

शराब से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सबसे पहला कदम है इसकी लत को छोड़ना। अगर शराब का सेवन नियमित है, तो धीरे-धीरे इसकी मात्रा कम करें। इसके अलावा, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त पानी पीना लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। लिवर की जांच के लिए समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाएं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि शराब छोड़ने के लिए काउंसलिंग और सपोर्ट ग्रुप की मदद लेना फायदेमंद हो सकता है। शराब का सेवन न केवल लिवर, बल्कि हृदय, गुर्दे और मस्तिष्क को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, स्वस्थ जीवन के लिए शराब से दूरी बनाना बेहद जरूरी है।

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