ना आंचल न तकिया भिगोती है आंखेंबड़ी एहतियातों से रोती हैं आंखें कभी दिल में नश्तर चुभोती है आंखेंकभी मिशले मरहम भी होती हैं आंखें रवा रंजिशो में तो आंसू है लेकिनखुशी में

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Rahat Indori Best Gajal: इश्क़ में जीत के आने के लिये काफ़ी हूँमैं अकेला ही ज़माने के लिये काफ़ी हूँ हर हक़ीक़त को मेरी ख़्वाब समझने वालेमैं तेरी नींद उड़ाने के लिये काफ़ी

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