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प्रेमिका ने प्रेमी को फोन कर घर बुला लिया सूचना परदोनों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ लियायुवक की पिटाई के बाद प्रेमी युवक अपनी प्रेमिका कापति बन गयादोनों परिवारों की राजा बंदी से प्रेमी प्रेमिका बने पति पत्नी
मुरादाबाद, ठाकुरद्वारा l युवती के परिजन किसी काम से अचानक बाहर चले गए। युवती ने अपने प्रेमी को फोन करके रात में घर बुला लिया। रात में दोनों एक कमरे में रंगरेलियां मनाने लगे । परिवार के अन्य सदस्यों को शक हुआ तो प्रेमी युगल को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया।परिजनों ने प्रेमी प्रेमिका को रंगे हाथों पकड़ा युवक की पिटाई कर डाली ।बताया जाता है कि उत्तराखंड निवासी एक युवक ठाकुरद्वारा क्षेत्र के एक गांव की युवती एक कोचिंग सेंटर पर नौकरी की तैयारी में जुटे थे इसी दौरान दोनों का प्रेम प्रसंग शुरू हो गया । प्रेम का कुमार इतना बड़ा की युवती ने वीती गुरुवार की रात प्रेमिका प्रेमिका से अकेले नहीं रहा गया तो अपने प्रेमी को फोन कर रात में अपने घर बुला लिया । रात में परिजनों को शक होने पर दोनों को कमरे में आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया । और युवक की कर जमकर पिटाई कर दी। मामला पुलिस तक पहुंचा । सूचना पर युवक पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंचे । शुक्रवार की सुबह दोनों पक्षों की पंचायत में प्रेमी युगल की शादी करा दी। प्रेमिका ने फोन कर प्रेमी को बुलायाठाकुरद्वारा के गांव गांवड़ी निवासी एक युवती का उत्तराखंड के उधमसिंह नगर अंतर्गत थाना जसपुर के गांव बढि़योवाला निवासी युवक से कोचिंग सेंटर पर पढ़ाई के दौरान एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवती के परिजन किसी काम से बाहर गए थे। जिस पर युवती ने फोन करके रात में प्रेमी को मिलने के लिए घर बुला लिया। रात में दोनों एक कमरे में बंद होकर रंगरेलियां बनाने लगे । परिवार के अन्य सदस्यों को शक हुआ तो घर पहुंचे और प्रेमी युगल को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया और युवक को पीटने के बाद युवती के माता-पिता को सूचना दी। युवती के माता-पिता रात को घर पहुंचे , प्रेमी को खूब पीटाजानकारी मिलते ही युवती के माता-पिता रात में ही घर पहुंच गए और युवक को फिर पीटा गया। ग्राम प्रधान और अन्य लोगों ने युवती के पिता को प्रेमी युगल की शादी कराने की सलाह दी। शुक्रवार को युवक के परिजन गांव पहुंचे और दोनों पक्षों की पंचायत हुई। जिसमें दोनों पक्ष की सहमति पर प्रेमी युगल की शादी करा दी गई।
मुसलमान की ज़ुबान और हाथ से नही पहुंचनी चाहिए किसी को तकलीफ़ – मुफ़्ती इमामुद्दीन
Moradabad News: आगामी त्यौहार ईद उल अज़हा को लेकर कोतवाली परिसर मे अमन कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया।बैठक की अध्यक्षता उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने की,बैठक के दौरान भारी संख्या मे सामाजिक लोग व धर्मगुरुओं शामिल रहे।
अमन कमेटी की बैठक के दौरान शहर इमाम मुफ़्ती इमामुद्दीन ने मुस्लिम समुदाय को जागरूक करते हुए कहा कि कुर्बानी के दौरान साफ़ – सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखे,ऐसा कोई काम न करें जिससे हमारे किसी भाई को तकलीफ़ पहुंचे।उन्होंने कहा कि सच्चा मुसलमान वो है जिसकी ज़ुबान व हाथ से किसी इंसान को तकलीफ़ न पहुंचे।इस दौरान शहर इमाम ने कहा कि दुनिया भर मे हमारे मुल्क हिंदुस्तान को हमारे भाईचारे और गंगा ज़मुनी तहज़ीब के लिए जाना जाता है हमे इस पहचान को क़ायम रखना है।
वहीं बैठक के दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी रुद्र कुमार व उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोई भी नया काम न करें भाईचारे के साथ आगामी त्यौहार को मनाए।वहीं कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने क्षेत्रीय लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि यदि कोई समस्या सामने आए तो प्रशासन को सूचना दें प्रशासन सदैव आपकी सेवा मे तत्पर है।
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क्या आप अपने पैसे को ऐसी जगह निवेश करना चाहते हैं, जो न केवल सुरक्षित हो, बल्कि अच्छा मुनाफा भी दे? अगर हां, तो भारत सरकार की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) योजना आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकती है। यह छोटी बचत योजना न केवल आपकी पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि 7.7% की चक्रवृद्धि ब्याज दर के साथ आपके निवेश को बढ़ाने में भी मदद करती है। चाहे आप अपने बच्चों के भविष्य के लिए बचत कर रहे हों या रिटायरमेंट की योजना बना रहे हों, यह योजना हर किसी के लिए एक भरोसेमंद और लचीला विकल्प है।
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सरकार की गारंटी, जोखिम-मुक्त निवेश
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) एक ऐसी योजना है, जो अपनी विश्वसनीयता और आकर्षक रिटर्न के लिए जानी जाती है। इस योजना में आप न्यूनतम 1,000 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, और इसमें कोई ऊपरी सीमा नहीं है। यानी, आप अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार जितना चाहें निवेश कर सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा समर्थित है, जिससे आपका पैसा हमेशा सुरक्षित रहता है। पांच साल की परिपक्वता अवधि के बाद आपको निवेश की राशि के साथ-साथ चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलता है, जो इसे जोखिम-मुक्त निवेश का एक शानदार विकल्प बनाता है। सरकार हर तिमाही में ब्याज दरों की समीक्षा करती है, ताकि निवेशकों को हमेशा प्रतिस्पर्धी रिटर्न मिले।
टैक्स बचत का सुनहरा अवसर
NSC योजना का एक और बड़ा फायदा है इसकी टैक्स बचत सुविधा। आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत, आप एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए खास तौर पर फायदेमंद है, जो अपने टैक्स बोझ को कम करना चाहते हैं। साथ ही, इस योजना में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होने के कारण, आप अपनी जरूरत के हिसाब से जितना चाहें निवेश कर सकते हैं। चाहे आप अपने भविष्य के लिए बचत कर रहे हों या लंबी अवधि के वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करना चाहते हों, NSC आपको दोहरा फायदा देती है—सुरक्षित निवेश और टैक्स बचत।
बच्चों के भविष्य के लिए आदर्श
NSC योजना की एक खास विशेषता यह है कि आप इसे अपने बच्चों के नाम से भी शुरू कर सकते हैं। अगर आपके बच्चे की उम्र 10 साल से कम है, तो उनके खाते को माता-पिता संचालित कर सकते हैं। यह सुविधा इसे बच्चों के भविष्य के लिए बचत का एक शानदार विकल्प बनाती है। चाहे आप उनकी पढ़ाई, शादी, या अन्य बड़े खर्चों के लिए पैसा जोड़ना चाहते हों, NSC आपको एक सुरक्षित और सुनिश्चित रास्ता देती है। आप अपने नजदीकी डाकघर में जाकर या ऑनलाइन इस योजना में निवेश शुरू कर सकते हैं, जिससे यह और भी सुगम और सुविधाजनक हो जाता है।
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पांच साल में लाखों का मुनाफा
NSC योजना की खूबसूरती इसकी चक्रवृद्धि ब्याज दर में छिपी है। उदाहरण के लिए, अगर आप 11 लाख रुपये का निवेश करते हैं, तो 7.7% की ब्याज दर के साथ पांच साल बाद आपको लगभग 15.94 लाख रुपये मिलेंगे। यानी, आपको करीब 4.94 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा होगा। अगर आप और अधिक निवेश करते हैं, तो आपका लाभ भी उसी अनुपात में बढ़ेगा। यह योजना उन लोगों के लिए आदर्श है, जो जोखिम से बचते हुए सुनिश्चित और आकर्षक रिटर्न चाहते हैं। हालांकि, इस योजना में पांच साल का लॉक-इन पीरियड होता है, जिसका मतलब है कि आपको पूरे ब्याज का लाभ तभी मिलेगा, जब आप निवेश को इस अवधि तक बनाए रखेंगे। अगर आप समय से पहले खाता बंद करते हैं, तो आपको केवल निवेश की राशि वापस मिलेगी, बिना किसी ब्याज के।
क्यों चुनें NSC?
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट उन लोगों के लिए एकदम सही है, जो अपने निवेश को सुरक्षित और लाभकारी बनाना चाहते हैं। यह योजना न केवल आपको सरकार की गारंटी देती है, बल्कि टैक्स बचत और आकर्षक रिटर्न के साथ आपके वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करती है।
500 के नोट पर आया नया फैसला! अब 100 और 200 के नोटों का होगा बोलबाला?
500 Rupee Note Ban : भारत में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार पिछले कुछ वर्षों से लगातार कदम उठा रही है। नकदी पर निर्भरता कम करने और डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बड़े नोटों के चलन को कम करने की योजना पर काम चल रहा है।
हाल ही में चर्चा है कि 500 रुपये के नोट को भी धीरे-धीरे बाजार से हटाया जा सकता है, जैसा कि 2,000 रुपये के नोटों के साथ पहले हो चुका है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पहले ही 2,000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी है, और अब 500 रुपये के नोटों पर भी नजर है। आइए, जानते हैं कि इस बदलाव की क्या योजना है और इसका आम लोगों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
बैंकिंग विशेषज्ञ अश्विनी राणा के अनुसार, सरकार और आरबीआई मिलकर मार्च 2026 के बाद 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की दिशा में काम कर सकते हैं। हालांकि, यह प्रक्रिया 2016 की नोटबंदी की तरह अचानक नहीं होगी।
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विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और आरबीआई इस बदलाव को धीरे-धीरे लागू करेंगे ताकि आम लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। पहले चरण में बैंकों को निर्देश दिए जा सकते हैं कि वे एटीएम में 100 और 200 रुपये के छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाएं। इससे बाजार में 500 रुपये के नोटों का चलन धीरे-धीरे कम होगा, और लोग छोटे मूल्य के नोटों का उपयोग करने लगेंगे।
क्या पूरी तरह बंद होंगे 500 रुपये के नोट?
विशेषज्ञों का कहना है कि 500 रुपये के नोटों को पूरी तरह से बंद करने के बजाय, उनके सर्कुलेशन को कम किया जाएगा। लोगों को अपने पास मौजूद 500 रुपये के नोटों को बैंकों में जमा करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा। इससे आरबीआई के पास इन नोटों का स्टॉक जमा होगा, और धीरे-धीरे ये नोट बाजार से गायब हो जाएंगे।
यह प्रक्रिया सुनियोजित और पारदर्शी होगी, ताकि लोगों को असुविधा न हो और वे आसानी से अपने पैसे का उपयोग या जमा कर सकें।
छोटे नोटों पर बढ़ेगा जोर
500 रुपये के नोटों के चलन को कम करने के लिए सरकार 100 और 200 रुपये के नोटों की मांग और आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान देगी। बैंकों और एटीएम में इन छोटे नोटों की संख्या में वृद्धि होगी, जिससे लोगों को रोजमर्रा के लेन-देन में आसानी होगी। यह कदम न केवल डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देगा, बल्कि नकदी आधारित अर्थव्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा।जैसे-जैसे 500 रुपये के नोट बाजार से कम होंगे, लोग डिजिटल लेन-देन की ओर अधिक आकर्षित होंगे, जो सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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अब तो बल्ले-बल्ले! 8th Pay Commission से मिलेगी इतनी ज्यादा सैलरी, जानिए कैसे
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। 8th Pay Commission को लेकर ताजा अपडेट सामने आया है, जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में भारी बढ़ोतरी की उम्मीद है। जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना के साथ, यह आयोग लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन में नई आर्थिक उम्मीदें लेकर आएगा। आइए, इस बड़े अपडेट को विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि यह आपके लिए क्या मायने रखता है।
8वां वेतन आयोग: कब से होगा लागू?
सूत्रों के अनुसार, 8th Pay Commission की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू हो सकती हैं। अभी तक, 7th Pay Commission के आधार पर सरकारी कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है, जो 2016 से प्रभावी है। नया वेतन आयोग लागू होने के बाद Government Employees की सैलरी में 40-50% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है। यह न केवल कर्मचारियों के लिए बल्कि Pensioners के लिए भी एक सुनहरा अवसर होगा, क्योंकि उनकी पेंशन में भी इजाफा होगा।
फिटमेंट फैक्टर: सैलरी बढ़ोतरी का आधार
8th Pay Commission Updates के अनुसार, सैलरी और पेंशन की गणना में Fitment Factor की भूमिका अहम होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिटमेंट फैक्टर 2.28 से 2.86 के बीच हो सकता है। इसका मतलब है कि Basic Salary में 40-50% की वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, तो यह बढ़कर 41,000 से 51,480 रुपये के बीच हो सकती है। यह बढ़ोतरी कर्मचारियों के स्तर (Level) के आधार पर अलग-अलग होगी।
कर्मचारी स्तर के आधार पर सैलरी में बढ़ोतरी
8th Pay Commission के लागू होने पर विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों की सैलरी में निम्नलिखित बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- Level 1 Employees: इसमें चपरासी और अटेंडेंट जैसे कर्मचारी शामिल हैं। इनकी Salary Hike 18,000 रुपये से बढ़कर 51,480 रुपये तक हो सकती है, यानी 33,480 रुपये का सीधा लाभ।
- Level 2 Employees: लोअर डिवीजन क्लर्क की सैलरी 19,900 रुपये से बढ़कर 56,914 रुपये हो सकती है, जिसमें 37,014 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
- Level 3 Employees: कॉन्स्टेबल और कुशल कर्मचारियों की सैलरी 21,700 रुपये से बढ़कर 62,062 रुपये तक पहुंच सकती है, यानी 40,362 रुपये का इजाफा।
- Level 4 Employees: ग्रेड D स्टेनोग्राफर की सैलरी 25,500 रुपये से बढ़कर 72,930 रुपये हो सकती है, जिसमें 47,430 रुपये की वृद्धि होगी।
- Level 5 Employees: सीनियर क्लर्क और तकनीकी कर्मचारियों की सैलरी 29,200 रुपये से बढ़कर 83,512 रुपये हो सकती है, यानी 54,312 रुपये का लाभ।
- Level 18 Employees: IAS Officers और सेक्रेटरी जैसे उच्च पदों पर कार्यरत कर्मचारियों की सैलरी 2,50,000 रुपये से बढ़कर 7,15,000 रुपये तक हो सकती है।
पेंशनर्स के लिए भी राहत
8th Pay Commission से करीब 49 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा। अगर फिटमेंट फैक्टर 2.86 लागू होता है, तो न्यूनतम पेंशन बढ़कर 25,740 रुपये प्रति माह हो सकती है। यह पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत होगी, क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए इसका महत्व
8th Pay Commission का ऐलान सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आया है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों के कल्याण के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
पेट्रोल पंप खोलो और हर लीटर पर कमाओ इतना! जानिए पूरा खर्च और मुनाफा
भारत में पेट्रोल पंप व्यवसाय शुरू करना एक आकर्षक और दीर्घकालिक लाभकारी अवसर हो सकता है। बढ़ते वाहनों की संख्या और ईंधन की निरंतर मांग के कारण Indian Oil Corporation (IOC), Bharat Petroleum Corporation Ltd (BPCL), और Hindustan Petroleum Corporation Ltd (HPCL) जैसी तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के साथ डीलरशिप लेना कई उद्यमियों का सपना होता है। लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए कितनी लागत, कौन-सी प्रक्रिया, और कितना कमीशन मिलता है? आइए, इस लेख में हम इसे आसान और रोचक तरीके से समझते हैं, ताकि आप अपने सपने को हकीकत में बदल सकें।
पेट्रोल पंप खोलने की लागत: कितना पैसा चाहिए?
पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए सबसे पहला सवाल यही होता है कि इसमें कितना खर्च आएगा। लागत कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि स्थान, जमीन का आकार, और बुनियादी ढांचे की आवश्यकता। अगर आप शहर में Indian Oil या BPCL जैसे ब्रांड का पेट्रोल पंप खोलना चाहते हैं, तो आपको कम से कम 25 लाख से 50 लाख रुपये की जरूरत हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह लागत 15 लाख से 30 लाख रुपये तक हो सकती है। इसमें जमीन की कीमत (यदि आपकी अपनी जमीन नहीं है), पंप का निर्माण, टैंक और डिस्पेंसर मशीनों की लागत, और लाइसेंस शुल्क शामिल होता है। उदाहरण के लिए, एक शहरी क्षेत्र में 800-1200 वर्ग फुट की जमीन और ग्रामीण क्षेत्र में 1200-1500 वर्ग फुट की जमीन की आवश्यकता होती है। साथ ही, आपको कार्यशील पूंजी के लिए अतिरिक्त 10-15 लाख रुपये रखने होंगे, ताकि शुरुआती खर्च जैसे स्टाफ की सैलरी और ईंधन स्टॉक की लागत को पूरा किया जा सके।
कमीशन कितना मिलता है?
पेट्रोल पंप मालिकों को हर लीटर ईंधन बिक्री पर एक निश्चित कमीशन मिलता है। हाल ही में, अक्टूबर 2024 में, Indian Oil Corporation (IOC) और अन्य OMCs ने डीलर कमीशन में वृद्धि की घोषणा की। अब पेट्रोल पर प्रति लीटर 65 पैसे और डीजल पर 44 पैसे का कमीशन मिलता है। इसके अलावा, डीलरों को प्रति किलोलीटर 1,868.14 रुपये और बिक्री मूल्य का 0.875% अतिरिक्त कमीशन मिलता है। यह वृद्धि सात साल बाद हुई, जिसे All India Petroleum Dealers Association के अध्यक्ष Ajay Bansal ने स्वागत किया। हालांकि, कुछ डीलरों का कहना है कि बढ़ती परिचालन लागत और Electric Vehicles (EVs) की लोकप्रियता के कारण मुनाफा अभी भी कम है। फिर भी, एक औसत शहरी पेट्रोल पंप जो प्रतिदिन 10,000-20,000 लीटर ईंधन बेचता है, वह रोजाना 15,000 से 60,000 रुपये तक कमा सकता है।
पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया
पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले IOC, BPCL, या HPCL जैसी तेल कंपनियों से डीलरशिप के लिए आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म भरना होगा। आवेदन के साथ आपको अपनी जमीन के दस्तावेज, वित्तीय स्थिति, और व्यक्तिगत जानकारी देनी होगी। इसके बाद, आपको निम्नलिखित लाइसेंस और अनुमोदन प्राप्त करने होंगे:
- स्थानीय नगर निगम से ट्रेड लाइसेंस: यह सुनिश्चित करता है कि आपका व्यवसाय स्थानीय नियमों का पालन करता है।
- अग्नि सुरक्षा मंजूरी: पेट्रोल पंप में आग से सुरक्षा के लिए यह अनिवार्य है।
- पर्यावरण मंजूरी: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मंजूरी लेनी होगी।
- विस्फोटक लाइसेंस: ईंधन भंडारण के लिए यह जरूरी है।
इनके अलावा, आपको पेट्रोल पंप के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा, जैसे टैंक, डिस्पेंसर, और सुरक्षा उपकरण। एक बार सभी अनुमोदन मिलने के बाद, कंपनी आपके साथ एक डीलरशिप समझौता करेगी। इस प्रक्रिया में 6 महीने से एक साल तक का समय लग सकता है।
चुनौतियां और समाधान
पेट्रोल पंप व्यवसाय में कई चुनौतियां भी हैं। उदाहरण के लिए, Ludhiana में पेट्रोल पंप मालिकों ने 2024 में कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की थी। उनकी शिकायत थी कि सात सालों में कमीशन में कोई वृद्धि नहीं हुई थी, जबकि परिचालन लागत बढ़ रही थी। इसके अलावा, Electric Vehicles की बढ़ती लोकप्रियता से पारंपरिक ईंधन की मांग पर असर पड़ रहा है। हालांकि, इन चुनौतियों से निपटने के लिए डीलर अतिरिक्त सेवाएं जैसे कि सुविधा स्टोर, कार वॉश, या ऑटोमोटिव एक्सेसरीज की बिक्री शुरू कर सकते हैं। Nayara Energy जैसी कंपनियां भी अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही हैं, जो नए डीलरों के लिए अवसर पैदा कर रही हैं।
क्यों है यह व्यवसाय आकर्षक?
भारत में वाहनों की बढ़ती संख्या, खासकर Royal Enfield Classic 350, TVS Apache RTR 160, और Maruti Suzuki Swift जैसे लोकप्रिय वाहनों की मांग, पेट्रोल पंप व्यवसाय को स्थिर बनाती है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की PM Ujjwala Yojana जैसी योजनाएं और Hardeep Singh Puri जैसे नेताओं की नीतियां ईंधन क्षेत्र को बढ़ावा दे रही हैं। अगर आप सही स्थान पर पेट्रोल पंप खोलते हैं और इसे अच्छे से प्रबंधित करते हैं, तो यह न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी होगा, बल्कि सामाजिक रूप से भी आपको सम्मान दिलाएगा।
पेट्रोल पंप खोलना एक बड़ा निवेश और मेहनत का काम है, लेकिन सही योजना और प्रबंधन के साथ यह आपके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। Indian Oil, BPCL, और HPCL जैसे बड़े ब्रांड्स के साथ जुड़कर आप इस व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं। अगर आप इस क्षेत्र में कदम रखने की सोच रहे हैं, तो आज ही इन कंपनियों की वेबसाइट पर जाकर आवेदन प्रक्रिया शुरू करें। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए सही समय यही है!
सरकार की इस योजना का आप भी उठाएं लाभ,मां बनने पर मिलेंगे 6,000 रुपये
Janani suraksha yojana :भारत में मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए जननी सुरक्षा योजना (JSY) एक क्रांतिकारी पहल है। यह योजना गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रोत्साहित करती है और उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करती है। औसतन, पात्र महिलाओं को 6,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से उनके बैंक या डाकघर खाते में हस्तांतरित होती है। इस लेख में, हम जननी सुरक्षा योजना के लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
प्रमुख कीवर्ड्स: जननी सुरक्षा योजना, मातृत्व लाभ, संस्थागत प्रसव, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, गर्भवती महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता, JSY लाभ, आशा कार्यकर्ता।
janani suraksha yojana : सामग्री तालिका
- जननी सुरक्षा योजना क्या है?
- योजना के उद्देश्य
- पात्रता मानदंड
- प्रोत्साहन राशि का विवरण
- प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया
- आवेदन कैसे करें?
- आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
- योजना के लाभ और प्रभाव
janani suraksha yojana : जननी सुरक्षा योजना क्या है?
जननी सुरक्षा योजना (JSY) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के तहत शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव और मातृत्व देखभाल प्रदान करना है। यह योजना 12 अप्रैल 2005 को शुरू हुई थी और इसका फोकस विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और निम्न प्रदर्शन करने वाले राज्यों (LPS) जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, और राजस्थान पर है।
janani suraksha yojana : योजना की मुख्य विशेषताएं
- संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन: सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में प्रसव को बढ़ावा।
- वित्तीय सहायता: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अलग-अलग प्रोत्साहन राशि।
- आशा कार्यकर्ताओं की सहायता: स्थानीय स्तर पर जागरूकता और समन्वय।
- मातृ और शिशु स्वास्थ्य: प्रसव पूर्व और बाद की देखभाल।
janani suraksha yojana : योजना के उद्देश्य
जननी सुरक्षा योजना के निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य हैं:
- मातृ मृत्यु दर में कमी: सुरक्षित प्रसव सुविधाओं के माध्यम से माताओं की जान बचाना।
- शिशु मृत्यु दर में कमी: नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा: घर पर होने वाले असुरक्षित प्रसव को कम करना।
- आर्थिक सहायता: गरीब परिवारों को प्रसव से संबंधित खर्चों में राहत।
नोट: यह योजना विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने के लिए बनाई गई है।
janani suraksha yojana : पात्रता मानदंड
जननी सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तों को पूरा करना आवश्यक है:
janani suraksha yojana :पात्रता
- आर्थिक स्थिति: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या कम आय वाली महिलाएं।
- उम्र: 19 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिलाएं।
- प्रसव स्थान: सरकारी स्वास्थ्य केंद्र या JSY द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल।
- बच्चों की संख्या: योजना दो जीवित बच्चों तक लागू।
- पंजीकरण: प्रसव के लिए सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण अनिवार्य।
janani suraksha yojana :अपात्रता
- गैर-मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में प्रसव।
- कॉटेज सुविधा (पेड वार्ड) का उपयोग करने वाली महिलाएं।
- दो से अधिक जीवित बच्चों वाली महिलाएं।
janani suraksha yojana :प्रोत्साहन राशि का विवरण
जननी सुरक्षा योजना के तहत प्रोत्साहन राशि क्षेत्र के आधार पर भिन्न होती है। औसतन, प्रत्येक पात्र महिला को 6,000 रुपये तक की सहायता मिलती है, जिसमें JSY और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) की राशि शामिल हो सकती है।
प्रोत्साहन राशि तालिका
क्षेत्र | JSY प्रोत्साहन | PMMVY राशि | कुल राशि |
---|---|---|---|
ग्रामीण क्षेत्र | 1,400 रुपये | 5,000 रुपये | 6,400 रुपये |
शहरी क्षेत्र | 1,000 रुपये | 5,000 रुपये | 6,000 रुपये |
janani suraksha yojana : अतिरिक्त प्रोत्साहन
- आशा कार्यकर्ता: ग्रामीण क्षेत्र में 600 रुपये और शहरी क्षेत्र में 400 रुपये।
- सी-सेक्शन प्रसव: मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में अधिकतम 1,500 रुपये अतिरिक्त।
janani suraksha yojana : भुगतान की शर्तें
- प्रसव के बाद कम से कम 48 घंटे अस्पताल में रहना।
- मेडिकल कॉलेज में प्रसव के लिए 24 घंटे पर्याप्त।
janani suraksha yojana : प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) की प्रक्रिया
प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) एक पारदर्शी और त्वरित प्रणाली है, जिसके माध्यम से प्रोत्साहन राशि सीधे लाभार्थी के बैंक या डाकघर खाते में हस्तांतरित होती है।
janani suraksha yojana : डीबीटी के लाभ
- पारदर्शिता: बिचौलियों की कोई भूमिका नहीं।
- त्वरित भुगतान: प्रसव के कुछ दिनों के भीतर राशि खाते में।
- सुरक्षा: नकद भुगतान की तुलना में अधिक सुरक्षित।
janani suraksha yojana : डीबीटी के लिए आवश्यकताएं
- आधार से लिंक खाता: बैंक या डाकघर खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
- जननी कार्ड: पंजीकरण के बाद प्राप्त होता है।
- सत्यापन: प्रसव के बाद दस्तावेजों का सत्यापन।
सुझाव: सुनिश्चित करें कि आपका बैंक खाता सक्रिय है और आधार से लिंक है।
janani suraksha yojana :आवेदन कैसे करें?
जननी सुरक्षा योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:
janani suraksha yojana : आवेदन प्रक्रिया
- स्वास्थ्य केंद्र में पंजीकरण: नजदीकी सरकारी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र में जाएं।
- आशा कार्यकर्ता से संपर्क: वे पंजीकरण और दस्तावेज जमा करने में मदद करेंगी।
- दस्तावेज जमा करें: सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
- जननी कार्ड प्राप्त करें: पंजीकरण के बाद यह कार्ड जारी होता है।
- प्रसव के बाद भुगतान: डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित।
janani suraksha yojana : आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र
- बैंक/डाकघर खाता पासबुक
- गर्भावस्था पंजीकरण प्रमाण
- BPL कार्ड (यदि लागू)
- निवास प्रमाण पत्र
janani suraksha yojana :आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
आशा कार्यकर्ताएं इस योजना को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में प्रभावी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनकी जिम्मेदारियां:
- जागरूकता फैलाना: गर्भवती महिलाओं को योजना के बारे में जानकारी देना।
- पंजीकरण सहायता: दस्तावेज और पंजीकरण प्रक्रिया में मदद।
- प्रसव पूर्व देखभाल: कम से कम 3 प्रसव पूर्व जांच (ANC) सुनिश्चित करना।
- प्रसव में सहायता: अस्पताल पहुंचने और प्रसव के दौरान सहायता।
नोट: आशा कार्यकर्ताओं को उनके प्रयासों के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
janani suraksha yojana : योजना के लाभ और प्रभाव
जननी सुरक्षा योजना ने भारत में मातृ और शिशु स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार किया है। इसके प्रमुख लाभ:
- संस्थागत प्रसव में वृद्धि: 80% से अधिक प्रसव अब अस्पतालों में।
- मातृ मृत्यु दर में कमी: सुरक्षित प्रसव सुविधाओं के कारण।
- आर्थिक राहत: गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता।
- नवजात देखभाल: प्रसव के बाद मुफ्त टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच।
janani suraksha yojana : प्रभाव
- ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच में सुधार।
- महिलाओं में स्वास्थ्य जागरूकता में वृद्धि।
- नवजात शिशुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य और पोषण।
janani suraksha yojana : महत्वपूर्ण सुझाव
- जल्दी पंजीकरण करें: गर्भावस्था के शुरुआती चरण में ही पंजीकरण कराएं।
- आशा कार्यकर्ता से संपर्क: वे योजना की प्रक्रिया को आसान बनाती हैं।
- दस्तावेज तैयार रखें: आधार, बैंक खाता, और अन्य दस्तावेज समय पर जमा करें।
- अस्पताल में समय बिताएं: प्रसव के बाद आवश्यक समय तक अस्पताल में रहें।
janani suraksha yojana : अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- जननी सुरक्षा योजना का लाभ कौन ले सकता है?
गरीबी रेखा से नीचे की गर्भवती महिलाएं जो सरकारी या मान्यता प्राप्त अस्पतालों में प्रसव कराती हैं। - प्रोत्साहन राशि कब मिलती है?
प्रसव के बाद 48 घंटे अस्पताल में रहने के बाद डीबीटी के माध्यम से। - क्या निजी अस्पतालों में लाभ मिलता है?
केवल JSY द्वारा मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में। - आवेदन के लिए कौन से दस्तावेज चाहिए?
आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, और गर्भावस्था पंजीकरण प्रमाण। - क्या योजना दो से अधिक बच्चों के लिए लागू है?
नहीं, यह केवल दो जीवित बच्चों तक सीमित है।
जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं और उनके नवजात शिशुओं के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना न केवल सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देती है, बल्कि आर्थिक सहायता के माध्यम से गरीब परिवारों को सशक्त बनाती है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए पारदर्शी और त्वरित भुगतान सुनिश्चित होता है। यदि आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आशा कार्यकर्ता से संपर्क करें और आज ही पंजीकरण कराएं।
पास होने की मिठाई वितरण घर लौट रही छात्रा बुरी नीयत से दबोचा
विरोध करने पर मारपीट
पुलिस को दी तहरीर
पंडित अनिल शर्मा
मुरादाबाद/ ठाकुरद्वारा ।
कक्षा 12 में उत्तीर्ण होने पर
टियूशन शिक्षक को मिठाई देकर लौट रही छात्रा को युवक ने बुरी नीयत की इरादे से दबोच अपने साथ ले जाने लगा । जब उसने विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की । लोगों को आता देख युवक धमकी देता हुआ फरार हो गया । पीड़ित छात्रा की मां ने पुलिस को तहरीर देकर कानूनी कार्यवाही की मांग की ।
नगर निवासी महिला ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि मेरे मोहल्ले का एक युवक मेरी पुत्री पर गलत नज़र रखता है और आए दिन उसके साथ छेड़छाड़ फब्तियां कसता रहता है। आरोप है कि 27,अप्रेल को शाम को मेरी पुत्री ने कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी । वह अपने ट्यूशन शिक्षक को मिठाई देने गई थी तभी वापस आते समय मेरी पुत्री को अकेला देख बुरी नियत के इरादे से जबर्दस्ती अपने साथ ले जाने लगा । पुत्री ने जब विरोध किया तो उसके साथमारपीट की । उसके शोर मचाने परउसके शोर मचाने पर लोगों को आता देख आरोपीधमकी देता हुआ फरार हो गया । वेटी ने सारी घटना घर पर बताई तव मैंने युवक के घर पहुंच कर युवक के परिजनों से शिकायत की तो आप है कि परिजनों ने भी गाली गलौज कर मारपीट शुरू कर दी । किसी तरह वह अपनी जान बचाकर घर वापस लौटी । महिला ने पुलिस को तहरीर देकर आरोपी युवक व उसके परिजनों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कीमांग की ।
केंद्र एवं राज्य की जनहित की योजनाएं जनता तक पहुंचाएं
पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष सोहनलाल माली
पंडित अनिल शर्मा
मुरादाबाद /ठाकुरद्वाराl
उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष सोहनलाल माली के नगर ठाकुरद्वारा में आगमन पर भारतीय जनता पार्टी के नगर मंडल अध्यक्ष कार्यालय पर फूल माला से स्वागत किया गया । भाजपा कार्यकर्ताओं से वार्ता करते हुए केंद्र की मोदी सरकार तथा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जनता के लिए विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का आह्वान किया। पहलगाम में निर्दोष नागरिकों की हत्या पर उन्होंने दुख व्यक्त किया तथा कार्यकर्ताओं आश्वासन दिया कि पाकिस्तान द्वारा आयोजित आतंकवाद को जड़ से नष्ट करने कार्रवाई शीघ्र की जाएगी । उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को भारतीय जनता पार्टी के संगठन का मजबूती से तथा लगन से कार्य करना चाहिए। इस कार्यक्रम में नगर मंडल अध्यक्ष दीपक वाल्मीकि ,पूर्व मंडल अध्यक्ष मनोज कुमार चौहान, धर्मेंद्र कुमार पाल, शिवेंद्र कुमार गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष डॉक्टर ओम पाल सैनी, पवन पुष्पद, विधानसभा मीडिया प्रभारी कमलेश कुमार, नागेंद्र लंबा, धर्मेंद्र सिंह ,डॉक्टर आफताब हाशमी ,संजीव चौहान, अंकुर राणा ,हेमेंद्र प्रताप सिंह आदि कार्यकर्ताओं ने भाग लिया