गूगल मैप ने भटकाया रास्ता, ग्रामीणों ने चोर समझकर कर दी पिटाई

पानीपत से अपने घर संभल लौट रहे मजदूरों के साथ एक दर्दनाक हादसा पेश आया। गूगल मैप के कारण रास्ता भटकने से मजदूर पतेई खालसा गांव पहुंच गए, जहां ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझकर बुरी तरह पिटाई कर दी। इस घटना में दो मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए और अब अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, और वीडियो व फोटो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है।

संभल जनपद के असमोली थाना क्षेत्र के मिलकपुर नवादा निवासी मोहम्मद आसिफ अपने साथी मुशाहिद, अंकित, तहजीबुल और दो अन्य व्यक्तियों के साथ पानीपत में मजदूरी करते हैं। शुक्रवार की रात ये सभी कार में सवार होकर अपने घर लौट रहे थे। लेकिन रास्ते में गूगल मैप ने उन्हें गलत दिशा में भटका दिया, जिसके चलते उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई।

गूगल मैप की गलती, गांव में पहुंचे मजदूर

मोहम्मद आसिफ और उनके साथियों ने रास्ता ढूंढने के लिए अपने मोबाइल पर गूगल मैप का सहारा लिया था। गूगल मैप के बताए रास्ते पर चलते हुए वे रात करीब 9:30 बजे डिडौली कोतवाली क्षेत्र के पतेई खालसा गांव में पहुंच गए। अनजान गांव में पहुंचकर मजदूरों ने स्थानीय लोगों से संभल जाने का रास्ता पूछा। लेकिन उनकी यह कोशिश उलटी पड़ गई। ग्रामीणों ने उन्हें चोर समझ लिया और तुरंत घेर लिया। इस दौरान दो मजदूर मौके से भाग निकले, लेकिन बाकी लोग ग्रामीणों की भीड़ के हत्थे चढ़ गए।

चोरों के पकड़े जाने की अफवाह फैलते ही गांव में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। स्थिति बेकाबू हो गई और ग्रामीणों ने मजदूरों पर हमला बोल दिया। मजदूरों ने बार-बार अपनी हकीकत बताने की कोशिश की, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। ग्रामीणों ने बिना कुछ सुने-समझे लाठी-डंडों से मजदूरों की पिटाई शुरू कर दी।

पिटाई से दो मजदूर गंभीर रूप से घायल, पुलिस ने दर्ज की रिपोर्ट

ग्रामीणों की बेरहम पिटाई से मजदूर तहजीबुल और अंकित गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले में उनकी हड्डियां टूट गईं और वे लहूलुहान हो गए। मजदूरों ने ग्रामीणों को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन भीड़ का गुस्सा शांत नहीं हुआ। हर बार जब वे कुछ कहने की कोशिश करते, ग्रामीण उनकी बात सुनने की बजाय और मारपीट करने लगते।

सूचना मिलते ही डिडौली कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के चंगुल से मजदूरों को बचाया। पुलिस ने घायल मजदूरों तहजीबुल और अंकित को तुरंत डिडौली के जीवन-24 हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों आईसीयू में इलाजरत हैं।

सीओ सिटी शक्ति सिंह ने बताया कि मजदूर मोहम्मद आसिफ की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस वीडियो और फोटो के आधार पर हमलावरों की पहचान कर रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस घटना ने गूगल मैप की सटीकता और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की जागरूकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साथ ही, यह भी सवाल उठता है कि बिना जांच-पड़ताल के भीड़ द्वारा इस तरह की हिंसा कितनी उचित है।

मुरादाबाद में दोहरे हत्याकांड ने मचाया हड़कंप, शराब के नशे में दोस्तों का खूनी झगड़ा, दो दोस्तों की हत्या

मुरादाबाद शहर के कटघर थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। गुलाबबाड़ी कॉलोनी में तीन दोस्तों—शाकिर, जुनैद और बबलू—के बीच शराब पीने के दौरान शुरू हुआ मामूली विवाद देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गया। नशे की हालत में शाकिर ने अपने ही दो दोस्तों, जुनैद और बबलू, पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है, और लोग इस क्रूर वारदात से स्तब्ध हैं। पुलिस के अनुसार, यह घटना रात करीब एक बजे की है, जब तीनों दोस्त एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे। किसी छोटी सी बात को लेकर पहले बहस हुई, जो जल्द ही हिंसक रूप ले लिया।

मौके पर ही दोनों दोस्तों ने तोड़ा दम

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाकिर ने गुस्से में आकर चाकू निकाला और जुनैद व बबलू पर कई बार वार किए। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनकी चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों युवकों की जान जा चुकी थी, और खून से लथपथ उनके शव सड़क पर पड़े थे। इस भयावह दृश्य को देखकर स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश फैल गया। कुछ लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कटघर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

आरोपी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाश

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी शाकिर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। कटघर थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि शराब के नशे में हुई कहासुनी ही इस जघन्य अपराध का कारण बनी। पुलिस आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि शाकिर का पता लगाया जा सके। इस घटना ने न केवल गुलाबबाड़ी कॉलोनी, बल्कि पूरे मुरादाबाद में शराब और नशे से जुड़े अपराधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई और इलाके में गश्त बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर नशे की लत और इसके दुष्परिणामों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

8th pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की बल्ले-बल्ले

8th pay Commission: देशभर के लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की निगाहें 8वें वेतन आयोग की घोषणा पर टिकी हैं। यह आयोग न केवल उनके वेतन और पेंशन में बदलाव लाने की संभावना रखता है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकता है। हाल ही में संसद में इस मुद्दे पर हुई चर्चा ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में नई उम्मीदें जगाई हैं। 7वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद से ही कर्मचारी संगठनों द्वारा 8वें आयोग की मांग उठ रही थी, और अब सरकार के ताजा बयानों ने इस दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं। कर्मचारियों को उम्मीद है कि यह आयोग उनकी आय को मुद्रास्फीति और बढ़ती जीवन लागत के अनुरूप समायोजित करेगा।

सरकार का रुख और गठन की प्रक्रिया

हाल ही में लोकसभा में सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि 8वें वेतन आयोग के गठन का फैसला लिया जा चुका है। विभिन्न मंत्रालयों जैसे रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, और कार्मिक प्रशिक्षण विभाग से सुझाव मांगे गए हैं। इसके अलावा, राज्य सरकारों से भी इनपुट लिए जा रहे हैं, ताकि वेतन संशोधन की प्रक्रिया समग्र और समावेशी हो। यह कदम दर्शाता है कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। हालांकि, अभी तक आयोग की आधिकारिक अधिसूचना और इसके सदस्यों की नियुक्ति बाकी है। सूत्रों के अनुसार, सरकार इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास कर रही है, ताकि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को समय पर लाभ मिल सके। आयोग के गठन के बाद इसके कार्यक्षेत्र और समयसीमा को लेकर भी स्थिति स्पष्ट होगी।

संभावित प्रभाव और कर्मचारियों की अपेक्षाएं

8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण है। कर्मचारी संगठनों का मानना है कि यह आयोग न केवल वेतन में वृद्धि करेगा, बल्कि भत्तों, जैसे महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, और यात्रा भत्ता, में भी संशोधन करेगा। इसके अलावा, पेंशनभोगियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने की मांग भी जोर पकड़ रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और आर्थिक चुनौतियों के बीच वेतन और पेंशन में उचित वृद्धि उनकी आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी है। आयोग के गठन से सरकारी कर्मचारियों की कार्यक्षमता और प्रेरणा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि बेहतर वेतन और सुविधाएं कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाती हैं।

चुनौतियां और भविष्य की राह

हालांकि 8वें वेतन आयोग की घोषणा ने उम्मीदें जगाई हैं, लेकिन इसकी राह में कई चुनौतियां भी हैं। आयोग के गठन और इसके सुझावों को लागू करने में समय लग सकता है, जिससे कर्मचारियों में अधीरता बढ़ सकती है। इसके अलावा, वित्तीय संसाधनों का प्रबंधन और राज्यों के साथ समन्वय भी एक जटिल प्रक्रिया है। सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि आयोग के सुझाव सभी वर्गों के लिए समान रूप से लाभकारी हों। कर्मचारी संगठन भी इस प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की मांग कर रहे हैं, ताकि उनकी आवाज को सुना जाए। भविष्य में, आयोग की सिफारिशें न केवल कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के जीवन को प्रभावित करेंगी, बल्कि अर्थव्यवस्था पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। सरकार और कर्मचारी संगठनों के बीच संवाद और सहयोग इस प्रक्रिया को सफल बनाने की कुंजी होगा।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली में सिपाहियों का व्यवहार सवालों के घेरे में

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा कोतवाली में हाल ही में तैनात किए गए नव नियुक्त सिपाहियों का व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशिक्षण के दौरान इन सिपाहियों को कानून और व्यवस्था की बारीकियां सिखाई जाती हैं, लेकिन शिष्टाचार और जनता के साथ व्यवहार की शिक्षा का स्पष्ट अभाव उनकी कार्यशैली में नजर आता है। वर्दी पहनते ही कुछ सिपाहियों का रवैया इतना उद्दंड हो जाता है कि वे आम जनता को जवाब देना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। इस तरह की घटनाएं पुलिस विभाग की छवि को धूमिल कर रही हैं और जनता के बीच असंतोष पैदा कर रही हैं।

अभद्र व्यवहार की ताजा घटना

हाल ही में ठाकुरद्वारा कोतवाली परिसर में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पुलिस के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। कोतवाली परिसर में एक व्यक्ति अपनी कार सही स्थान पर खड़ी करने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान एक सिपाही ने उससे बेहद अभद्रता से बात की। जब व्यक्ति ने शांतिपूर्वक स्थिति समझाने की कोशिश की, तो सिपाही ने अपमानजनक लहजे में कहा, “चल वे, चल जा यहां से,” और उसे वहां से भगा दिया। यह घटना न केवल उस व्यक्ति के लिए अपमानजनक थी, बल्कि पुलिस की कार्यशैली और प्रशिक्षण प्रणाली पर भी सवाल उठाती है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा की है, और वे इसे एक गंभीर मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।

मुरादाबाद के दर्जन भर गांव में फैली दहशत, सूरज ढलते ही आसमान में उड़ने लगते हैं ड्रोन

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अबुल कलाम अश्क़
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में दहशत का माहौल बना हुआ है गांव का वालों का कहना है कि सूरज ढलते ही आसमान में ड्रोन उड़ने लगते हैं इतना ही नहीं चमकती लाइट वाले ड्रोन को देखकर लोग छतो पर जाने से डर रहे हैं कुछ लोगों ने पत्थर फेंक कर ड्रोन को गिराने की भी कोशिश की हाल की ये चर्चा का विषय बन गया है कि गांव में पुलिस पहरा दे रही है।

शहर से लेकर देहात तक डर का माहौल

जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के गांव शरीफ नगर,दारापुर, मदारपुर, कुआं खेड़ा, लालापुर पीपलसाना, रामनगर डिलारी थाना क्षेत्र के गांव सिहाली खादर सहित आदि गांव में रात करीब 10:00 बजे से 2:00 बजे तक अज्ञात ड्रोन कैमरा उड़ते दिखाई देने से डर का माहौल बना हुआ है ग्रामीणों ने इस घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए ड्रोन की मौजूदगी में गांव में दहशत का माहौल कर दिया है।

रात को गांव में पहरा दे रही पुलिस

सूचना मिलने पर डायल 112 पुलिस मौके पर पहुंची और गांव में सुरक्षा का जायजा लिया पुलिस ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है ठाकुरद्वारा शरीफ नगर और आसपास के गांव में एक ही रात में उड़ते हुए ड्रोन देखे जाने की वीडियो वायरल हो रही है ग्रामीणों ने इसे लेकर सुरक्षा की को लेकर गहरी चिंता जताई है डायल 112 की टीम ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाया रात भर पुलिस गांव में पहरा दे रही है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! इस तारीख से बढ़ेगा DA, जानें कितनी होगी सैलरी में बढ़ोतरी

केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए जल्द ही एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है। सूत्रों के अनुसार, महंगाई भत्ते (DA) में वृद्धि की घोषणा जल्द हो सकती है, जो देश भर में 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनर्स को सीधे लाभ पहुंचाएगी। यह बढ़ोतरी न केवल उनकी मासिक आय को बढ़ाएगी, बल्कि बढ़ती महंगाई के दौर में उनकी आर्थिक स्थिरता को भी मजबूत करेगी। खास तौर पर तब, जब 8वां वेतन आयोग अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुआ है, DA में यह वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक महत्वपूर्ण राहत साबित होगी।

महंगाई भत्ते का महत्व

महंगाई भत्ता, जिसे अंग्रेजी में Dearness Allowance (DA) कहा जाता है, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की आय का एक अभिन्न हिस्सा है। यह बढ़ोतरी उनके मासिक वेतन और पेंशन में सीधा इजाफा करती है, जिससे उनकी क्रय शक्ति (purchasing power) बनी रहती है। बढ़ती महंगाई के बीच, DA कर्मचारियों को आर्थिक तंगी से बचाने का एक प्रभावी साधन है। यह सुनिश्चित करता है कि उनकी वास्तविक आय पर महंगाई का नकारात्मक प्रभाव कम से कम हो। कर्मचारी और पेंशनर्स लंबे समय से इस बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं, और अब इसकी घोषणा की उम्मीद ने उनके उत्साह को दोगुना कर दिया है।

DA की गणना का आधार

महंगाई भत्ते की गणना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index – CPI) के आधार पर की जाती है। यह सूचकांक देश में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में होने वाले बदलावों को मापता है। जैसे-जैसे बाजार में महंगाई बढ़ती है, सरकार DA में वृद्धि करके कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह प्रक्रिया न केवल उनकी आय को स्थिर रखती है, बल्कि उन्हें बढ़ती कीमतों के दबाव से निपटने में भी मदद करती है। इस बार की DA वृद्धि का असर केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रेलवे, और सशस्त्र बलों में कार्यरत कर्मचारियों पर भी पड़ेगा।

पेंशनर्स के लिए विशेष राहत

इस DA वृद्धि का लाभ न केवल कार्यरत कर्मचारियों को, बल्कि देश भर में फैले करोड़ों पेंशनर्स को भी मिलेगा। बढ़ती उम्र में आर्थिक सुरक्षा हर पेंशनर की जरूरत होती है, और यह बढ़ोतरी उनकी मासिक पेंशन में वृद्धि करके उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी। इससे न केवल उनकी दैनिक जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि वे अपने जीवन स्तर को भी बनाए रख सकेंगे। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले पेंशनर्स के लिए यह वृद्धि एक बड़ा आर्थिक संबल प्रदान करेगी।

8वां वेतन आयोग और DA का रोल

8वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में अभी समय लग सकता है, क्योंकि इसकी प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली होती है। ऐसे में, DA में समय-समय पर होने वाली बढ़ोतरी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक तात्कालिक राहत का साधन है। यह न केवल उनकी आय को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें महंगाई के दबाव से निपटने में भी मदद करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार की DA वृद्धि कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी, जो उनकी आर्थिक स्थिति को और सुदृढ़ करेगी।

समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

DA में वृद्धि का असर केवल कर्मचारियों और पेंशनर्स तक सीमित नहीं रहेगा। यह बढ़ोतरी बाजार में उपभोक्ता मांग को बढ़ाने में भी मदद करेगी, क्योंकि कर्मचारियों और पेंशनर्स की बढ़ी हुई आय का एक हिस्सा खर्च के रूप में अर्थव्यवस्था में वापस आएगा। यह छोटे व्यवसायों, स्थानीय दुकानों और सेवा क्षेत्र को भी बढ़ावा दे सकता है। इस तरह, DA वृद्धि न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि समग्र अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

17 जुलाई से सस्ता होगा LPG सिलेंडर! जानें आपके शहर में कितनी मिलेगी राहत

LPG Price Change : देशभर के आम लोगों के लिए राहत की खबर है। 17 जुलाई से घरेलू LPG सिलेंडर की कीमतों में कमी की गई है। अब सिलेंडर की कीमत ₹899 तय की गई है, जिससे लाखों घरों के बजट को सीधी राहत मिलेगी।

तेल कंपनियों ने यह फैसला सरकार की सलाह पर लिया है ताकि हर परिवार रसोई गैस को किफायती दरों पर हासिल कर सके।

किस शहर में कितना सस्ता हुआ सिलेंडर?

भारत में LPG सिलेंडर के दाम अलग-अलग शहरों में थोड़े-बहुत अलग रहते हैं। ताजा बदलाव के बाद दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में भी नई कीमतें लागू हो गई हैं।

दिल्ली में जहां पहले सिलेंडर ₹925 का था, अब वही ₹899 में मिलेगा। मुंबई में ₹955 से घटकर ₹899 हो गया है। बाकी शहरों में भी कीमतों में ₹26 से ₹61 तक की राहत दी गई है।

कैसे मिलेगा सब्सिडी का पूरा लाभ?

LPG पर सब्सिडी पाने के लिए आपको DBTL योजना में रजिस्टर्ड होना जरूरी है। इसके लिए अपना बैंक खाता और आधार कार्ड अपने गैस कनेक्शन से लिंक कराना जरूरी है।

कई बार लोग गैस सब्सिडी के लिए पंजीकरण कराना भूल जाते हैं, जिससे सब्सिडी उनके खाते में समय पर नहीं पहुंचती। अगर आपने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है तो अपने वितरक से संपर्क करें या ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करें।

बुकिंग करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

गैस सिलेंडर की बुकिंग अब पहले से काफी आसान हो चुकी है। आप अपनी सुविधा के अनुसार मोबाइल ऐप, SMS, IVRS या सीधे वितरक से सिलेंडर बुक कर सकते हैं।

बुकिंग के बाद डिलीवरी लेते समय सुनिश्चित करें कि सिलेंडर का वजन सही हो, सील ठीक हो और कोई लीकेज न हो। साथ ही, डिलीवरी रसीद जरूर लें ताकि भविष्य में कोई समस्या न हो।

बदलती कीमतों को लेकर सरकार की क्या तैयारी है?

सरकार का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और मुद्रा विनिमय दर के मुताबिक LPG के दाम तय किए जाते हैं। बढ़ती महंगाई को काबू में रखने और आम लोगों को राहत देने के लिए समय-समय पर कीमतों में बदलाव किया जाता है।

इसके साथ ही सब्सिडी योजनाओं का दायरा भी बढ़ाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों को सीधा फायदा मिल सके।

PM Kisan 20वीं किस्त: पैसा फंस सकता है अगर नहीं किए ये 3 ज़रूरी काम, अभी चेक करें लिस्ट!

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना की 20वीं किस्त का इंतज़ार देशभर के लाखों किसानों को है, और यह राशि जल्द ही आपके बैंक खातों में आने वाली है। लेकिन, अगर आप चाहते हैं कि 2,000 रुपये की यह राशि बिना किसी रुकावट के आपके खाते में पहुंचे, तो कुछ ज़रूरी कदम अभी उठा लेना बेहतर है।

PM-KISAN की आधिकारिक सोशल मीडिया पोस्ट में साफ कहा गया है, “किसानों का भविष्य सुरक्षित करना, भारत की खेती को समृद्ध बनाना।” साथ ही, e-KYC और अन्य ज़रूरी कामों की जानकारी भी साझा की गई है। तो आइए, एक-एक करके समझते हैं कि आपको क्या करना है ताकि PM-KISAN की इस किस्त का लाभ समय पर मिले।

e-KYC 

PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना का लाभ लेने के लिए e-KYC अब अनिवार्य है। इसे पूरा करना बेहद आसान है। आप PM-KISAN की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर OTP के ज़रिए e-KYC कर सकते हैं। अगर ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर बायोमेट्रिक तरीके से भी इसे पूरा कर सकते हैं। बिना e-KYC के 20वीं किस्त का पैसा अटक सकता है, इसलिए इसे अपनी प्राथमिकता बनाएं।

आधार और बैंक खाते का लिंक है ज़रूरी

PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) के तहत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए पैसा सीधे आपके बैंक खाते में आता है। इसके लिए आपका आधार नंबर बैंक खाते से लिंक होना चाहिए। अगर यह लिंक नहीं है, तो 20वीं किस्त का पैसा आपके खाते में नहीं पहुंचेगा। अपने बैंक में जाकर तुरंत यह चेक करें और अगर ज़रूरत हो, तो आधार को लिंक करवाएं।

बैंक डिटेल्स को करें अपडेट

PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना के तहत पैसा ट्रांसफर होने के लिए बैंक खाते की जानकारी सही होना ज़रूरी है। अपने बैंक खाता नंबर, IFSC कोड, और अन्य डिटेल्स को दोबारा जांच लें। अगर कोई गलती हो, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं, वरना ट्रांजैक्शन फेल हो सकता है और आपको किस्त मिलने में देरी हो सकती है।

जमीन के दस्तावेज़ रखें तैयार

PM-KISAN (प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि) योजना में पात्रता के लिए आपकी जमीन के रिकॉर्ड सही होने चाहिए। अगर आपके दस्तावेज़ों में कोई कमी या गड़बड़ी है, तो स्थानीय प्रशासन या तहसील में जाकर इसे ठीक करवाएं। सही दस्तावेज़ न होने पर आपकी किस्त रुक सकती है। इसलिए, अपने जमीन के कागजात को हमेशा अपडेट रखें।

लाभार्थी सूची में नाम और मोबाइल नंबर

PM-KISAN की वेबसाइट पर जाकर यह सुनिश्चित करें कि आपका नाम लाभार्थी सूची में है। साथ ही, पिछली किस्तों का स्टेटस भी चेक करें। अगर कोई समस्या दिखे, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर या नज़दीकी CSC सेंटर से संपर्क करें। इसके अलावा, आपका रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर एक्टिव होना चाहिए, क्योंकि इस पर OTP और किस्त की जानकारी आती है। अगर आपका नंबर बदल गया है, तो उसे तुरंत अपडेट करें।

ऑनलाइन टिकट बुकिंग करने वालों के लिए आई बुरी खबर! रेलवे ने बदली ये बड़ी ची

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक नया डिजिटल उपहार पेश किया है, जिसका नाम है रेलवन सुपर ऐप। यह ऐप रेल यात्रा को पहले से कहीं अधिक सुगम, तेज और सुविधाजनक बनाने का वादा करता है। 1 जुलाई 2025 को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली में सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (CRIS) के 40वें स्थापना दिवस पर इस ऐप को लॉन्च किया। यह एक ऐसा मंच है, जो टिकट बुकिंग से लेकर ट्रेन ट्रैकिंग और शिकायत निवारण तक, रेलवे से जुड़ी सभी सेवाओं को एक ही जगह पर लाता है। आइए, जानते हैं कि यह सुपर ऐप कैसे बन रहा है भारतीय रेल यात्रियों के लिए गेम-चेंजर।

रेलवन: एक ऐप, अनेक समाधान

रेलवन ऐप को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि यह यात्रियों की हर जरूरत को एक ही डिजिटल मंच पर पूरा करता है। पहले जहां यात्रियों को टिकट बुकिंग के लिए IRCTC, ट्रेन की स्थिति जानने के लिए UTS, या शिकायत दर्ज करने के लिए रेल मदद जैसे अलग-अलग ऐप्स का सहारा लेना पड़ता था, वहीं अब रेलवन ने इन सभी सेवाओं को एकीकृत कर दिया है। चाहे आपको रिजर्व्ड टिकट बुक करना हो, अनारक्षित टिकट लेना हो, या प्लेटफॉर्म टिकट चाहिए, यह ऐप सब कुछ चुटकियों में संभाल लेता है। इसके अलावा, लाइव ट्रेन ट्रैकिंग, PNR स्टेटस चेक, कोच की स्थिति, और यहां तक कि ट्रेन में खाना ऑर्डर करने की सुविधा भी इस ऐप में उपलब्ध है।

उपयोगकर्ता के लिए आसान और सहज अनुभव

रेलवन का सबसे बड़ा आकर्षण है इसका सिंगल साइन-ऑन फीचर। अब आपको कई पासवर्ड याद रखने की जरूरत नहीं। अगर आपके पास पहले से रेल कनेक्ट या UTS ऑन मोबाइल के क्रेडेंशियल्स हैं, तो आप उसी के जरिए लॉगिन कर सकते हैं। नए उपयोगकर्ता मोबाइल नंबर और OTP के माध्यम से आसानी से रजिस्टर कर सकते हैं। इसके अलावा, ऐप में mPIN और बायोमेट्रिक लॉगिन का विकल्प भी है, जो इसे और भी सुरक्षित और उपयोग में आसान बनाता है। रेलवे मंत्रालय ने इसे हिंदी, अंग्रेजी और कई अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया है, ताकि देश के हर कोने के यात्री इसे आसानी से इस्तेमाल कर सकें।

R-Wallet: डिजिटल भुगतान का नया दौर

रेलवन ऐप में भारतीय रेलवे का इन-हाउस डिजिटल भुगतान सिस्टम R-Wallet भी शामिल है। इस वॉलेट के जरिए आप टिकट बुकिंग और अन्य सेवाओं के लिए तेजी से भुगतान कर सकते हैं। खास बात यह है कि अनारक्षित और प्लेटफॉर्म टिकटों की बुकिंग पर R-Wallet के इस्तेमाल से 3% की छूट भी मिलती है। यह सुविधा न केवल समय बचाती है, बल्कि आपके पैसे भी बचाती है।

यात्रा को और स्मार्ट बनाने वाली सुविधाएं

रेलवन ऐप सिर्फ टिकट बुकिंग तक सीमित नहीं है। यह लाइव ट्रेन ट्रैकिंग के जरिए आपको आपकी ट्रेन की सटीक स्थिति बताता है, ताकि आप स्टेशन पर समय से पहुंच सकें। साथ ही, कोच पोजिशन ट्रैकिंग से आप आसानी से अपनी सीट का स्थान ढूंढ सकते हैं। अगर आपकी यात्रा के दौरान कोई समस्या आती है, तो रेल मदद के जरिए आप तुरंत शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, ऐप में ई-कैटरिंग, पोर्टर बुकिंग, और अंतिम मील के लिए टैक्सी सेवाएं भी उपलब्ध हैं। यह ऐप विशेष रूप से दिव्यांगजनों, छात्रों, और मरीजों के लिए अनुकूलित बुकिंग विकल्प भी प्रदान करता है।

रेलवे की डिजिटल क्रांति का हिस्सा

CRIS द्वारा विकसित रेलवन ऐप भारतीय रेलवे की डिजिटल प्रगति का एक और कदम है। यह ऐप न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाता है, बल्कि रेलवे के सिस्टम की क्षमता को भी 10 गुना तक बढ़ाने में सक्षम है। यह प्रति मिनट 1.5 लाख बुकिंग्स और 40 लाख पूछताछ को संभाल सकता है। इसके साथ ही, रेलवे ने टिकट बुकिंग के नियमों में भी कुछ बदलाव किए हैं, जैसे चार्ट तैयार करने का समय अब 8 घंटे पहले कर दिया गया है और तत्काल बुकिंग के लिए OTP-आधारित प्रणाली शुरू की गई है।

यात्रियों के लिए एक नया युग

रेलवन ऐप का लॉन्च भारतीय रेलवे के उस दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें यात्रियों की सुविधा और तकनीकी प्रगति सर्वोपरि है। यह ऐप न केवलsectors: केवल एक डिजिटल टूल नहीं है, बल्कि यात्रा को और अधिक सुलभ, सुविधाजनक और स्मार्ट बनाने का एक प्रयास है। यह ऐप न केवल आपके मोबाइल पर रेलवे की सारी सेवाएं लाता है, बल्कि समय और पैसे की बचत भी करता है। तो देर किस बात की? गूगल प्ले स्टोर या ऐप्पल ऐप स्टोर से रेलवन डाउनलोड करें और अपनी अगली रेल यात्रा को बनाएं और भी आसान।

पत्नी के मायके से मकान बनाने के लिए रकम न मिलने पर विवाहिता को बच्चे सहित मारपीट कर निकाला

न्यायालय के आदेश पर पति सहित चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

मुरादाबाद/ ठाकुरद्वारा ।
पत्नी के मायके से मकान बनवाने के लिए रुपए न मिलने पर पति ,सास , जेठ, जेठानी ने विवाहिता को मारपीट कर मासूम बच्चे सहित गर्भवती हालत में निकाल दिया । धमकी दी कि जब तक मकान बनवाने के लिएअपने पिता से रुपए लाकर नहीं देती तब तक उसे अपने घर मे नहीं रखेंगे । इस पर विवाहिता ने न्यायालय में याचिका दायर की सुनवाई के बाद न्यायालय ने पुलिस को चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए । पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी ।
नगर के मोहल्ला आर्य नगर पीपल टोला वार्ड 9निवासी प्रतीक्षा सक्सेना पुत्री प्रमोद शंकर सक्सेना ने न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि 28 अप्रैल 2021 को उसकी शादी मेरठ के मोहल्ला जय देवी नगर मकान नंबर 240 निकट संजय नान खटाई थाना नौचंदी निवासी विकास सक्सेना पुत्र स्वर्गीय अरुण कुमार सक्सेना के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई थी । शादी के समय पिता ने सामर्थ से अधिक दान दहेज दिया था । लेकिन शादी में मिले दान दहेज से पति, सास, जेठ,खुश नहीं थे । प्रार्थी का कोई भाई नहीं है । एक उसकी शादी शुदा बहन है घर पर माता-पिता रहते हैं । ससुराल वालों ने एक राय होकर मेरठ में नया मकान बनाने के लिए रूप यो की मांग शुरू कर दी जब उसने विरोध किया तो उसका शारीरिक ब मानसिक उत्पीड़न करने लगे । उसने यह बात अपने माता-पिता से बताई जिस पर पिता ने उनको व्यापार में सहारा देने के लिए तीन लाख रुपये भी दिए । लेकिन उसके पति व ससुराल वालों को इस पर भी संतोष नहीं हुआ ।और अधिक अत्याचार करने लगे । असहनीय पीड़ा होने पर उसने इसकी शिकायत अपने माता-पिता से कीउसके माता-पिता वहां पर पहुंचे तो उनके साथ भी मारपीट कीइसी दौरान30 मार्च 2023 को प्रार्थना ने एक पुत्र को जन्म दिया । पिता ने झूचक मे सामर्थ से अधिक दान दहेज दिया । लेकिन उनका अत्याचार बढ़ता ही चला गयातमाम रिश्तेदारों में बिरादरी के लोगों की कई बार पंचायतें भी हूं लेकिन उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक मकान बनाने के लिए यह रकम नहीं देंगे तब तक वैसे नहीं रखेंगे । वह चार माह की गर्भवती थीउन्होंने उसे बुरी तरह मारपीट करनिकाल दिया सूचना पर उसके माता-पिता अपने साथ ले आए । कोतवाली पुलिस को तहरीर दी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया तब उसने न्यायालय की शरण ली । न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मेरठ निवासी पति विकास सक्सेना ,जेठ विशाल सक्सेना, सास सरिता सक्सेना,जेठानी पूर्णिमा सक्सेना के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी ।