ज्योति मल्होत्रा: यूट्यूब की चमक से जासूसी के अंधेरे तक, कितना था कमाई का राज?

हरियाणा के हिसार की एक साधारण सी लड़की, ज्योति मल्होत्रा, ने अपने यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के जरिए लाखों लोगों का दिल जीता। लेकिन हाल ही में उनकी गिरफ्तारी ने सबको हैरान कर दिया। उन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप लगा है। आखिर कौन हैं ज्योति मल्होत्रा, और कैसे एक ट्रैवल व्लॉगर की जिंदगी ने लिया ऐसा खतरनाक मोड़? 

छोटे शहर से यूट्यूब की दुनिया तक

ज्योति मल्होत्रा हिसार की न्यू अग्रसेन कॉलोनी की रहने वाली हैं। उनके पिता, हरीश मल्होत्रा, ने बताया कि ज्योति ने दिल्ली में 20-25 हजार रुपये की नौकरी की, लेकिन कोविड के बाद वह हिसार लौट आईं। यहीं से शुरू हुआ उनका यूट्यूब करियर। ‘ट्रैवल विद जो’ चैनल पर उन्होंने भारत के खूबसूरत स्थानों जैसे मनाली, जयपुर और कश्मीर के वीडियो बनाए। धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ी, और आज उनके चैनल पर 3.78 लाख सब्सक्राइबर्स हैं। इंस्टाग्राम पर 1.33 लाख और फेसबुक पर 3.21 लाख फॉलोअर्स के साथ, ज्योति एक चर्चित (influencer) बन चुकी थीं।

यूट्यूब से कितनी थी कमाई?

ज्योति की कमाई का मुख्य स्रोत उनका यूट्यूब चैनल था। अनुमान के मुताबिक, हर 1,000 व्यूज पर यूट्यूब 80-240 रुपये देता है। अगर ज्योति के वीडियो पर औसतन 50,000 व्यूज आते थे और वह महीने में 10 वीडियो पोस्ट करती थीं, तो उनकी मासिक कमाई 40,000 से 1.20 लाख रुपये के बीच हो सकती थी। इसके अलावा, (sponsorships) और ब्रांड डील्स से भी उन्हें मोटी रकम मिलती थी। ट्रैवल गियर, होटल्स, और एयरलाइंस जैसी कंपनियां उन्हें स्पॉन्सर करती थीं। एक स्पॉन्सर्ड पोस्ट के लिए वह 20,000 से 50,000 रुपये चार्ज करती थीं। इस तरह, उनकी कुल मासिक आय 80,000 से 2.7 लाख रुपये तक हो सकती थी। उनकी अनुमानित (net worth) 15 से 40 लाख रुपये के बीच बताई जाती है।

पाकिस्तान यात्रा और जासूसी के आरोप

ज्योति की जिंदगी में ट्विस्ट तब आया जब उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा की। 2023 में वह वीजा के लिए दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन गईं, जहां उनकी मुलाकात एक अधिकारी, एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, से हुई। आरोप है कि दानिश ने उनकी पाकिस्तान यात्रा का खर्च उठाया और उन्हें खुफिया एजेंट्स से मिलवाया। ज्योति ने तीन बार पाकिस्तान का दौरा किया, जिसमें दो बार सिख श्रद्धालुओं के साथ और एक बार करतारपुर साहिब के लिए। उनके वीडियो, जैसे ‘पाकिस्तान में भारतीय लड़की’ और ‘लाहौर की खोज’, काफी लोकप्रिय हुए। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि इन यात्राओं के दौरान ज्योति ने संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI को दी। वह व्हाट्सएप, स्नैपचैट, और टेलीग्राम जैसे (encrypted platforms) के जरिए ISI एजेंट्स के संपर्क में थीं।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

17 मई 2025 को हरियाणा पुलिस ने ज्योति को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया। उनके साथ पंजाब और हरियाणा से पांच अन्य लोग भी पकड़े गए, जिन पर पाकिस्तान के लिए जासूसी का आरोप है। पुलिस ने ज्योति का लैपटॉप और मोबाइल जब्त किया, और उनकी पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। ज्योति ने कबूल किया कि वह पाकिस्तानी अधिकारी दानिश और अन्य एजेंट्स के संपर्क में थीं। उनकी गिरफ्तारी के बाद यूट्यूब चैनल की (monetization) अस्थायी रूप से बंद हो सकती है, जिससे उनकी आय पर गहरा असर पड़ सकता है।

शादी में दूल्हा चीखता-चिल्लाता रहा- तीन बच्चों की मां से मेरी शादी मत करवाओ, मज़े कर रहा था बस…

शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है, लेकिन जब प्यार और धोखे की कहानी एक साथ उलझ जाए, तो यह बंधन भी सवालों के घेरे में आ जाता है। बिहार के भागलपुर में एक ऐसी ही अनोखी और हैरान करने वाली कहानी सामने आई है, जो प्यार, विश्वासघात और सामाजिक दबाव की एक अनोखी मिसाल है। यह कहानी है निशा (Nisha) की, जो तीन बच्चों की माँ है, और कुंदन दास (Kundan Das) की, जिसके साथ उसने प्यार में पड़कर अपने परिवार को छोड़ दिया। लेकिन यह कहानी इतनी सीधी नहीं है, जितनी दिखती है।

भागलपुर के कंपनीबाग इलाके में रहने वाली निशा (Nisha) की जिंदगी उस वक्त बदल गई, जब उनकी मुलाकात कुंदन दास (Kundan Das) से हुई। दोनों के बीच पिछले पांच सालों से दोस्ती थी, जो धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। निशा, जो पहले से शादीशुदा थीं और तीन बच्चों की माँ थीं, ने अपने पति को छोड़कर कुंदन के साथ रहना शुरू कर दिया। उनके सबसे बड़े बेटे की उम्र 17 साल है, फिर भी निशा ने अपने दिल की सुनी और कुंदन के साथ दिल्ली में नया जीवन शुरू किया। लेकिन जब निशा के पति को इस रिश्ते की भनक लगी, तो उन्होंने निशा को छोड़ दिया। इस तरह एक परिवार टूट गया, और निशा की जिंदगी में कुंदन ही एकमात्र सहारा बन गया।

प्रेमी का पलटवार और शादी का दबाव

निशा और कुंदन (Kundan Das) के बीच सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन जल्द ही कहानी ने नया मोड़ लिया। निशा ने कुंदन पर शादी का दबाव बनाना शुरू किया, जिससे कुंदन परेशान हो गया। कुंदन, जो निशा से पांच साल छोटा है, ने शादी से साफ इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह सिर्फ निशा के साथ समय बिताना चाहता था, शादी का कोई इरादा नहीं था। परेशान होकर कुंदन दिल्ली छोड़कर भागलपुर वापस लौट आया। लेकिन निशा ने हार नहीं मानी। वह कुंदन के पीछे-पीछे भागलपुर पहुंच गईं और शादी का दबाव बढ़ा दिया।

मंदिर में अनोखी शादी और कुंदन का विरोध

कहानी तब और रोचक हो गई, जब गांव वालों ने इस मामले में दखल दिया। कंपनीबाग के एक मंदिर में निशा और कुंदन की शादी का आयोजन किया गया। लेकिन इस शादी में कुंदन का रवैया सबको हैरान कर गया। वह चीख-चीखकर कहता रहा, “मैं तीन बच्चों की माँ से शादी नहीं करना चाहता। मैं सिर्फ मजे कर रहा था।” उसने यह भी कहा कि निशा उससे उम्र में बड़ी है और वह इस रिश्ते को शादी तक नहीं ले जाना चाहता। लेकिन गांव वालों ने उसकी एक न सुनी और मंदिर में दोनों की शादी करवा दी। यह शादी न सिर्फ अनोखी थी, बल्कि सामाजिक दबाव और प्यार के बीच की जटिलता को भी दर्शाती है।

समाज का दबाव और नैतिकता का सवाल

इस घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या प्यार में उम्र और सामाजिक बंधन मायने रखते हैं? क्या निशा का अपने परिवार को छोड़कर कुंदन के साथ जाना सही था? और सबसे बड़ा सवाल, क्या कुंदन को उसकी मर्जी के खिलाफ शादी के लिए मजबूर करना उचित था? यह कहानी न सिर्फ प्यार और धोखे की है, बल्कि यह भी दिखाती है कि समाज कई बार व्यक्तिगत इच्छाओं को दरकिनार कर अपने नियम थोप देता है। भागलपुर की इस घटना ने स्थानीय लोगों के बीच खूब चर्चा बटोरी है और सोशल मीडिया पर भी यह कहानी वायरल हो रही है।

अगले 5 दिन सावधान रहें! IMD ने जारी किया हाई अलर्ट, इन राज्यों में मचेगा बारिश का कहर

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department) ने देश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। अगले 24 घंटों से शुरू होकर 25 मई 2025 तक, देश के कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं का अनुमान है। यह मौसमी बदलाव न केवल आपके रोजमर्रा के कामकाज को प्रभावित कर सकता है, बल्कि यात्रा और सुरक्षा पर भी असर डाल सकता है। आइए, जानते हैं कि किन क्षेत्रों में क्या स्थिति रहने वाली है और आप कैसे तैयार रह सकते हैं।

कोंकण, गोवा और केरल में मूसलाधार बारिश की आशंका

India Meteorological Department के ताजा अपडेट के अनुसार, कोंकण, गोवा, केरल और कर्नाटक के तटीय इलाकों में अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा। इन क्षेत्रों में तेज हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है। अगर आप इन इलाकों में रहते हैं या यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो छाता, रेनकोट और जरूरी सामान साथ रखें। खासकर, गोवा और केरल जैसे पर्यटन स्थलों पर जाने वाले यात्रियों को अपनी योजनाओं पर पुनर्विचार करने की सलाह दी जाती है।

पूर्वोत्तर भारत और सिक्किम में हाई अलर्ट

उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में मौसम विभाग ने बहुत भारी बारिश का अनुमान जताया है। Assam, Meghalaya, Arunachal Pradesh और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों के पास न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है। मौसम की इस मार से बचने के लिए समय रहते जरूरी कदम उठाना जरूरी है।

प्रायद्वीपीय भारत में भी बदलेगा मौसम

प्रायद्वीपीय भारत, खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी बारिश का असर देखने को मिलेगा। India Meteorological Department ने इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश की संभावना जताई है। किसानों और मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान में रखकर अपनी गतिविधियां नियोजित करें। खासकर समुद्र तटों के पास रहने वालों को सावधानी बरतने की जरूरत है।

ऑपरेशन सिंदूर: शहीद की मां ने क्यों कहा- पीएम मोदी को सलाम?

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ एक बार फिर अपनी ताकत और संकल्प का परिचय दिया। 7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) में आतंकी ठिकानों पर जोरदार हवाई हमले किए, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब है, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी। इस हमले में शहीद हुए विनय नरवाल की मां आशा ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना करते हुए भारतीय सेना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाम किया। उनकी भावुक प्रतिक्रिया ने पूरे देश का दिल छू लिया।

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले में विनय नरवाल जैसे कई वीरों ने अपनी जान गंवाई। विनय की मां आशा का दर्द आज भी ताजा है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने उनके जख्मों पर मरहम लगाया। उन्होंने कहा, “यह बहुत अच्छी बात है कि पीएम मोदी ने बदला लिया। मैं उनके साथ हूं, जनता और हमारा पूरा परिवार उनके साथ है।” आशा की यह भावना उन तमाम परिवारों की आवाज है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।

उर्दू साइनबोर्ड पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानें पूरा मामला!

भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक अनमोल रत्न है उर्दू। यह भाषा न केवल शब्दों का समागम है, बल्कि गंगा-जमुनी तहजीब की जीवंत पहचान भी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में उर्दू को भारत की मिट्टी से उपजी भाषा करार दिया। यह फैसला महाराष्ट्र के अकोला जिले के पातुर नगर परिषद के साइनबोर्ड पर उर्दू भाषा के उपयोग को बरकरार रखने के पक्ष में आया। इस लेख में हम इस फैसले के महत्व, उर्दू की सांस्कृतिक विरासत, और इसके सामाजिक प्रभाव को समझेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला: भाषा जोड़े, न बांटे

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि भाषा किसी धर्म या समुदाय की बपौती नहीं है। कोर्ट ने कहा कि उर्दू को किसी विशेष धर्म से जोड़ना गलत है। यह भाषा भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर का हिस्सा है। पातुर नगर परिषद के साइनबोर्ड पर उर्दू के उपयोग को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने जोर दिया कि भाषा लोगों को जोड़ने का माध्यम है, न कि उन्हें बांटने का। यह फैसला न केवल उर्दू के लिए, बल्कि भारत की बहुभाषी संस्कृति के सम्मान के लिए भी एक मील का पत्थर है।

उर्दू: गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक

उर्दू भाषा का जन्म भारत की मिट्टी में हुआ। यह हिंदी, संस्कृत, फारसी, और अन्य स्थानीय भाषाओं के मेल से बनी एक ऐसी भाषा है, जो अपनी शायरी, गजल, और साहित्य के लिए विश्व भर में जानी जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे “गंगा-जमुनी तहजीब” का प्रतीक बताया, जो हिंदू-मुस्लिम एकता और सांस्कृतिक समन्वय को दर्शाती है। उर्दू ने न केवल साहित्य और कला को समृद्ध किया, बल्कि लोगों के दिलों को भी जोड़ा। मीर तकी मीर, गालिब, और फैज जैसे शायरों की रचनाएं आज भी हमारी साझा विरासत का हिस्सा हैं।

यूट्यूब पर रील बनाते-बनाते हुआ प्यार, फिर पति को दी खौफनाक मौत

भिवानी। हरियाणा के भिवानी जिले में महिला ने प्रेमी के साथ पति की हत्या कर दी है। पुलिस ने हत्या के 19 दिन बाद पत्नी व उसके प्रेमी को गिरफ्तार किया। इस हत्याकांड को आरोपी कातिल पत्नी ने अपने यूट्यूबर प्रेमी के साथ अंजाम दिया था और फिर शव एक नाले में डाल दिया था।

25 मार्च को प्रवीण की हत्या की गई थी। प्रवीण की उसकी पत्नी रवीना और उसके प्रेमी ने गला घोंट कर हत्या कर दी थी और फिर ड्रेन में शव फेंक दिया। उसके बाद शव के पास कुत्ते मंडराने लगे तो लोगों को शक हुआ। शुरुआत में परिजनों को अंदेशा था कि वह ज्यादा शराब पीने की वजह से ड्रेन में गिर गया, लेकिन शक की सुई पत्नी की ओर घुमी। उसके पुलिस के हाथ सीसीटीवी लगा। उसके बाद खुलासा हुआ और पत्नी व प्रेमी को काबू किया गया।

आरोपी महिला रवीना को यूट्यूब और इंस्टाग्राम के लिए रील बनाने का शौक था। उसकी मुलाकात सुरेश नामक शख्स से हुई थी, फिर दोनों एक साथ वीडियो और रील्स बनाते थे। इस बीच दोनों करीब आ गए और एक दिन प्रवीण ने दोनों को एक साथ संबंध बनाते देख लिया। ऐसे में दोनों ने भेद खुलने पर प्रवीण का चुन्नी से गला घोंट दिया। प्रवीण की रवीना से 6 साल पहले शादी हुई थी। उनका एक बेटा भी है।

BJP नेता शाहनवाज हुसैन को जान से मारने की धमकी, बोले- वक्फ बिल का समर्थन करने पर धमकाया जा रहा

देश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को जान से मारने की धमकी मिली है। यह मामला तब सामने आया, जब उन्होंने हाल ही में पारित वक्फ संशोधन बिल का खुलकर समर्थन किया। शाहनवाज ने इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए भी साफ कहा कि वे डरने वाले नहीं हैं। आखिर यह धमकी क्यों मिली और इसके पीछे क्या कहानी है? आइए, इस घटना को करीब से समझते हैं।

वक्फ बिल का समर्थन बना वजह

शाहनवाज हुसैन ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया और फोन के जरिए धमकियां मिल रही हैं। उनका कहना है कि यह सब वक्फ संशोधन बिल 2025 को समर्थन देने की वजह से हो रहा है। यह बिल हाल ही में संसद में लंबी बहस के बाद पास हुआ, जिसे बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने समर्थन दिया। बिल का मकसद वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाना और संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकना बताया जा रहा है। लेकिन, विपक्ष और कुछ संगठनों ने इसे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ करार दिया है। शाहनवाज का इस बिल के पक्ष में बोलना कुछ लोगों को नागवार गुजरा, जिसके बाद धमकियों का सिलसिला शुरू हो गया।

“मैं डरने वाला नहीं,” शाहनवाज का जवाब

धमकियों के बावजूद शाहनवाज हुसैन ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा सच का साथ दिया है और बीजेपी की नीतियों के लिए खड़ा रहा हूं। धमकियां मुझे रोक नहीं सकतीं।” उनके इस बयान से साफ है कि वे अपने रुख पर अडिग हैं। शाहनवाज ने यह भी बताया कि उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दे दी है और जांच शुरू हो गई है। उनके समर्थकों का कहना है कि यह उनकी निडरता और साहस का सबूत है, जो उन्हें एक मजबूत नेता बनाता है।

एर्दोआन के खिलाफ सड़कों पर उतरे लाखों लोग,तुर्की में तख्तापलट की आहट

तुर्की में इन दिनों हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। एक और मुस्लिम देश में तख्तापलट की आशंका गहराती दिख रही है, जहां हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं और देश के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोआन के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन इतना उग्र हो गया है कि सरकार को मजबूरन कड़े कदम उठाने पड़े हैं। प्रशासन ने अगले चार दिनों तक तुर्की में किसी भी तरह के प्रदर्शन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यह फैसला उस वक्त लिया गया, जब देश की जनता में गुस्सा और असंतोष अपने चरम पर पहुंच गया। यह घटना न सिर्फ तुर्की की राजनीति के लिए एक बड़ा संकट है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का संकेत भी दे रही है।

पिछले कुछ दिनों से तुर्की में राजनीतिक उथल-पुथल देखने को मिल रही है। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति एर्दोआन के लंबे शासन से नाराज हैं और उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि उनकी नीतियों ने देश को आर्थिक और सामाजिक संकट में डाल दिया है। सड़कों पर नारे गूंज रहे हैं, जिनमें एर्दोआन को तानाशाह तक कहा जा रहा है। हालात तब और गंभीर हो गए, जब इस्तांबुल के मेयर एकरेम इमामोग्लू को हिरासत में लिया गया। इमामोग्लू को एर्दोआन का सबसे बड़ा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है, और उनकी गिरफ्तारी ने प्रदर्शनों को और भड़का दिया। लोगों का मानना है कि यह कदम सरकार की ओर से विपक्ष को दबाने की कोशिश है, जिसने तख्तापलट की आशंकाओं को और हवा दे दी है।

तुर्की सरकार ने इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। प्रदर्शनों पर चार दिन का बैन लगाने के साथ ही कई इलाकों में सड़कें बंद कर दी गई हैं। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया है। लेकिन इन सबके बावजूद, लोग पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। इस्तांबुल, अंकारा और इजमिर जैसे बड़े शहरों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर डटे हुए हैं। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा छाया हुआ है, जहां लोग तुर्की में बदलाव की मांग कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह आंदोलन अब सिर्फ एकरेम इमामोग्लू की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एर्दोआन के पूरे शासन के खिलाफ एक जनआंदोलन बन गया है।

यह पहली बार नहीं है जब तुर्की में एर्दोआन के खिलाफ विरोध के स्वर उठे हों। पिछले कई सालों से उनकी सरकार पर तानाशाही के आरोप लगते रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा प्रदर्शन पिछले प्रदर्शनों से कहीं ज्यादा गंभीर हैं। इसका कारण यह भी है कि देश की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ समय से संकट में है। महंगाई और बेरोजगारी ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है, और अब जनता अपने गुस्से को खुलकर व्यक्त कर रही है। इस बीच, सरकार का दावा है कि वह देश में स्थिरता बनाए रखने के लिए काम कर रही है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह स्थिरता सिर्फ सत्ता को बचाने की कोशिश है।

तुर्की में चल रहा यह संकट न सिर्फ देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है। कई देशों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। क्या यह प्रदर्शन वाकई में तख्तापलट का रूप लेगा, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन इतना तय है कि तुर्की के लोग बदलाव चाहते हैं, और वे इसके लिए अपनी आवाज बुलंद करने से पीछे नहीं हट रहे। आने वाले दिन इस देश के भविष्य के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।

पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और फिर इस तरह बाइक पर ले जाकर जंगल में जलाया, CCTV में कैद

जयपुर शहर में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सबको चौंका दिया। गोपाली देवी नाम की एक महिला ने अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ मिलकर अपने पति धन्नालाल सैनी की बेरहमी से हत्या कर दी। इस सनसनीखेज वारदात में दोनों ने पहले धन्नालाल का गला दबाकर उनकी जान ली और फिर शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे एक बोरे में पैक कर जंगल में ले गए। वहां उन्होंने लाश को आग के हवाले कर दिया ताकि उनके इस जघन्य अपराध का कोई सबूत न बचे। यह घटना न सिर्फ क्रूरता की हद को दर्शाती है, बल्कि रिश्तों में विश्वासघात की एक डरावनी तस्वीर भी पेश करती है।

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यह मामला तब सामने आया जब स्थानीय लोगों ने जंगल में जलती हुई आग और अजीब सी गंध को देखकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और अधजले शव के अवशेष बरामद किए। शुरुआती तफ्तीश में पता चला कि मृतक धन्नालाल सैनी थे, जो जयपुर के एक छोटे से मोहल्ले में अपनी पत्नी गोपाली देवी के साथ रहते थे। पुलिस ने जब गोपाली से पूछताछ की, तो उसने पहले तो अनजान बनने की कोशिश की, लेकिन सबूतों के आगे टिक न सकी और आखिरकार सच उगल दिया। उसने कबूल किया कि उसका अपने पति से लंबे समय से झगड़ा चल रहा था और वह अपने प्रेमी दीनदयाल के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी।

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पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गोपाली और दीनदयाल ने इस हत्या की साजिश कई दिनों तक तैयार की थी। दोनों ने सोचा कि अगर वे धन्नालाल को रास्ते से हटा देंगे, तो उनकी राह आसान हो जाएगी। हत्या के बाद शव को जलाने का फैसला इसलिए लिया गया ताकि कोई सबूत न बचे और पुलिस का शक उन पर न जाए। लेकिन उनकी यह चाल कामयाब नहीं हुई। पुलिस ने दीनदयाल को भी हिरासत में ले लिया और दोनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी और लोग हैरान हैं कि कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है।

जमीन बेचकर पत्नी को बनाया नर्स, डिग्री मिलते ही प्रेमी संग भागी!

बिहार के नालंदा जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो सुनने में किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। एक पति ने अपनी पत्नी को नर्स बनाने के लिए अपनी पुश्तैनी जमीन तक बेच दी, लेकिन जैसे ही पत्नी ने नर्सिंग की डिग्री हासिल की, उसने अपने पति और बच्चे को छोड़कर अपने प्रेमी के साथ नई जिंदगी शुरू कर दी। यह घटना न सिर्फ दिल तोड़ने वाली है, बल्कि यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि प्यार और विश्वास की नींव कितनी नाजुक हो सकती है। इस मामले ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है और लोग इस पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। आइए, इस कहानी को करीब से समझते हैं।

नालंदा जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाला यह शख्स अपनी पत्नी के सपनों को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुट गया था। उसकी पत्नी नर्स बनना चाहती थी, और इसके लिए उसे पढ़ाई करनी थी। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन पति ने हार नहीं मानी। उसने अपनी खेती की जमीन, जो उसके परिवार की एकमात्र संपत्ति थी, बेच दी ताकि पत्नी की पढ़ाई का खर्च उठाया जा सके। दिन-रात मेहनत करके उसने पैसों का इंतजाम किया और पत्नी को नर्सिंग कोर्स में दाखिला दिलवाया। सालों की मेहनत और त्याग के बाद आखिरकार वह दिन आया, जब पत्नी ने नर्सिंग की डिग्री हासिल कर ली। लेकिन जो खुशी इस परिवार को मिलनी चाहिए थी, वह मातम में बदल गई।

UPI से पेमेंट लेने पर अब होगी मोटी कमाई, जानें सरकार की नई योजना!

डिग्री मिलते ही पत्नी ने जो कदम उठाया, वह किसी के लिए भी हैरान करने वाला था। उसने अपने पति और छोटे बच्चे को छोड़ दिया और अपने प्रेमी के साथ भाग गई। इतना ही नहीं, उसने प्रेमी के साथ शादी भी रचा ली। यह खबर जब पति को पता चली, तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। जिस पत्नी के लिए उसने सब कुछ कुर्बान कर दिया, उसी ने उसे धोखा दे दिया। गांव वालों के लिए भी यह घटना किसी झटके से कम नहीं थी। लोग इस बात पर हैरान थे कि एक इंसान इतना कुछ करने के बाद भी ऐसा धोखा कैसे सह सकता है। इस मामले ने नालंदा में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया।

पति की शिकायत पर पुलिस हरकत में आई और इस मामले की जांच शुरू की। काफी प्रयासों के बाद पुलिस ने युवती को बरामद कर लिया। अब वह अपने प्रेमी के साथ रह रही थी और नई जिंदगी की शुरुआत कर चुकी थी। पुलिस ने उसे पति के सामने पेश किया, लेकिन यह साफ नहीं है कि आगे क्या होगा। इस मामले की जांच अभी जारी है, और पुलिस हर पहलू को खंगाल रही है।