उधार की रकम मांगने पर ब्लॉक प्रमुख पति को मारपीट कर किया घायल, मुकदमा दर्ज

पंडित अनिल शर्मा
भूमि विक्रेता से ब्लॉक प्रमुख पति को अपनी रकम मांगना उस समय भारी पड़ गया जब रुपए मांगते ही भूमि विक्रेता ने सरे रहा ब्लॉक प्रमुख पति के साथ गाली गलौज करते हुए मारपीट शुरू कर दी । जिसमें ब्लॉक प्रमुख पति चाकू लगने से घायल हो गए थे । जबकि मारपीट के मामले में भूमि विक्रेता भी घायल हो गया था ।

दोनों पक्षों ने मेडिकल कराकर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर कानूनी कार्यवाही की मांग की थी लेकिन पुलिस ने ब्लॉक प्रमुख पति द्वारा भूमि विक्रेता को पीटने की वीडियो वायरल होने के आधार पर भूमि विक्रेता की तहरीर पर रंगदारी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था । जबकि ब्लॉक प्रमुख पति डॉक्टर वीर सिंह को भूमि विक्रेता द्वारा पीटने की वीडियो वायरल दिखाने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था ।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने भूमि विक्रेता पियूष चौहान उर्फ़ चिंटू पुत्र विनोद कुमार के खिलाफ ब्लॉक प्रमुख पर हमला कर घायल करने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्जकर लिया है । ब्लॉक प्रमुख पति वीर सिंह सैनी ने पुलिस में दी तहरीर में कहा था कि वह अपनी कार से तिकोनिया पुलिस चेक पोस्ट के पास वसीम डेन्टर की दुकान गया था। तभी पीयूष चौहान पुत्र विनोद चौहान व अज्ञात व्यक्ति जो पहले से वहां पर मौजूद थे।

जीस पर पीड़ित ने पीयूष चौहान से अपने उधार के 17 लाख रुपये मांगे तो पीयूष चौहान ने उसके साथ गाली गलौज करना शुरू कर दिया। और कहने लगा में तुझे थाने में ही देखूंगा क्योंकि पीड़ित ने पूर्व में उधार के पैसों के लिए कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी। पीड़ित ने गाली गलौज का विरोध किया तो उक्त व्यक्ति ब्लॉक प्रमुख के साथ मारपीट शुरू कर दी उसके शोर मचाने पर पियूष चौहान ने चाकू से पीड़ित पर हमला कर घायल कर दिया ।

उसकी चीख पुकार सुनकर वहा मौजूद राजीव , गुलफाम, ने पीड़ित को बचाया आरोप है कि पीयूष ने रिवाल्वर निकाल कर धमकी देते हुए कहा कि इस वार तो वच गया तुझे बाद मे देखूंगा ।पीड़ित की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने पीयूष चौहान सहित एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है।

सोशल मीडिया की ‘स्टार’ निकलीं कानून की मुजरिम! महक और परी को बेल तो मिली, पर चेतावनी भी

आज के डिजिटल युग में, सोशल मीडिया ने लोगों की जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया है। हर कोई रातोंरात मशहूर होने का सपना देखता है। रील्स, वीडियोज और ट्रेंडिंग कंटेंट के जरिए लोग अपनी पहचान बनाने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस चमक-दमक भरी दुनिया में सवाल उठता है कि क्या वायरल होने की होड़ में हम सही और गलत का फर्क भूल रहे हैं? हाल ही में उत्तर प्रदेश के संभल में हुई एक घटना ने इस सवाल को और गहरा कर दिया है, जहां सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया। आइए, इस मामले को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि कैसे सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल भारी पड़ सकता है।

वायरल होने की चाहत और गलत कंटेंट की राह

सोशल मीडिया पर रील्स बनाना आजकल हर किसी का शौक बन गया है। छोटे-छोटे वीडियोज के जरिए लोग अपनी प्रतिभा, हास्य या कहानियां दुनिया तक पहुंचाते हैं। लेकिन कुछ लोग इस मंच का दुरुपयोग करते हुए अश्लीलता और आपत्तिजनक सामग्री परोसने लगते हैं। ऐसी सामग्री न केवल समाज के नैतिक मूल्यों को ठेस पहुंचाती है, बल्कि कानूनी कार्रवाई को भी न्योता देती है। संभल में हाल ही में हुई घटना इसका जीता-जागता उदाहरण है। दो युवतियों, जिनके वीडियोज में अश्लील इशारे और गालियों का खुला इस्तेमाल होता था, को पुलिस ने हिरासत में लिया। उनके वीडियोज में इस्तेमाल होने वाला डायलॉग “महक परी ही कहदे” सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ, लेकिन इस वायरल होने की कीमत उन्हें कानूनी कार्रवाई के रूप में चुकानी पड़ी।

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संभल पुलिस की कार्रवाई: क्या हुआ मामला?

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने सोशल मीडिया पर अश्लील कंटेंट पोस्ट करने के आरोप में दो युवतियों, महरुन निसा (उर्फ परी) और महक, साथ ही उनके दो साथियों, हिना और आलम, को गिरफ्तार किया। आलम इन वीडियोज को शूट और एडिट करने का काम करता था। इनके वीडियोज में न केवल अश्लील इशारे थे, बल्कि भाषा का स्तर भी आपत्तिजनक था। ये वीडियोज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए, जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। गिरफ्तारी के बाद, चंदौसी कोर्ट ने चारों आरोपियों को जमानत दे दी। जमानत के बाद युवतियों ने वादा किया कि वे भविष्य में ऐसी सामग्री नहीं बनाएंगी। इस घटना ने सोशल मीडिया यूजर्स के बीच एक नई बहस छेड़ दी है कि आखिर वायरल होने की चाहत में कहां तक जाना सही है?

सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल: एक जरूरी सबक

यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए। यह एक ऐसा मंच है, जो आपको दुनिया के सामने ला सकता है, लेकिन इसका गलत इस्तेमाल आपके लिए मुसीबत भी बन सकता है। अगर आप रचनात्मक और सकारात्मक कंटेंट बनाते हैं, तो न केवल आपकी पहुंच बढ़ेगी, बल्कि आप समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला सकते हैं। वहीं, अश्लीलता या गलत सामग्री पोस्ट करने से न केवल आपकी छवि खराब होती है, बल्कि कानूनी परेशानियां भी सामने आ सकती हैं। संभल पुलिस की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि सोशल मीडिया पर गलत कंटेंट की कोई जगह नहीं है।

नई-नवेली दुल्हन को पति ने कहा ‘चुड़ैल’! जानें क्यों थूका उसके चेहरे पर

उत्तर प्रदेश के एम्स थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां शादी के महज तीन दिन बाद ही एक नवविवाहिता को अपने पति और ससुराल वालों के क्रूर व्यवहार का सामना करना पड़ा। यह कहानी न केवल एक महिला के दुख की है, बल्कि समाज में दहेज की लालच और महिलाओं के प्रति हिंसा की गहरी जड़ों को उजागर करती है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या शादी जैसा पवित्र बंधन भी दहेज और अपमान का शिकार बन सकता है?

शादी से पहले की चमक, बाद में अंधेरा

एम्स क्षेत्र की रहने वाली एक युवती की शादी 26 अप्रैल 2024 को चौरीचौरा के एक युवक से हुई थी। शादी से पहले, ससुराल वाले गोरखनाथ मंदिर में लड़की देखने आए थे। सब कुछ सामान्य लग रहा था। लड़के और उसके परिवार ने युवती को पसंद किया, और सगाई की रस्में पूरी हुईं। युवती के पिता ने अपनी बेटी की खुशी के लिए नौ लाख रुपये नकद, सोने के गहने और घरेलू सामान दहेज में दिए। लेकिन यह सब उस दुखद अनुभव की शुरुआत थी, जो युवती को ससुराल में झेलना पड़ा।

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दहेज की मांग और अपमान का सिलसिला

शादी के बाद जब नवविवाहिता अपने ससुराल पहुंची, तो तीसरे दिन ही उसके पति ने उसका अपमान शुरू कर दिया। पति, जो रेलवे में नौकरी करता था, ने ताने मारते हुए कहा, “मुझे दहेज में कार चाहिए थी, तुम्हारे पिता ने मुझे ठगा है।” इतना ही नहीं, उसने युवती की शक्ल-सूरत पर टिप्पणी करते हुए उसे “चुड़ैल” कहा और चेहरे पर थूक दिया। यह अपमान यहीं नहीं रुका। पति ने बार-बार तलाक की धमकी दी और कहा कि वह दूसरी शादी करना चाहता है। उसने जानबूझकर अपनी पत्नी का नाम रेलवे के दस्तावेजों में नॉमिनी के रूप में दर्ज नहीं किया, जिससे उसकी मंशा और स्पष्ट हो गई।

ससुराल में हिंसा और प्रताड़ना

युवती ने जब अपने पति के व्यवहार की शिकायत अपनी सास और ससुर से की, तो उसे कोई सहारा नहीं मिला। उल्टा, ससुराल वाले भी उस पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार करने लगे। 15 मार्च को पति ने फिर से दहेज में कार न मिलने का ताना मारा और उसे पीटना शुरू कर दिया। 31 मार्च को स्थिति और बिगड़ गई, जब पति और ससुराल वालों ने मिलकर उसे मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया। आखिरकार, युवती के पिता को इसकी जानकारी हुई और वे उसे अपने साथ घर ले गए।

कानूनी कार्रवाई और समाज के लिए सबक

युवती की शिकायत पर एम्स थाना पुलिस ने पति और ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। थाना प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच चल रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि दहेज की मांग और महिलाओं के प्रति हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने की जरूरत है। यह कहानी हर उस व्यक्ति को सोचने पर मजबूर करती है, जो दहेज को शादी की शर्त मानता है।

ठाकुरद्वारा ब्लॉक प्रमुख पति ने लोहे की रॉड से किया शख्स पर हमला,लोग बोले- ये है सत्ता की हनक!

ठाकुरद्वारा नगर के तिकोनिया चेकपोस्ट पर उस समय हड़कंप मच गया जब ब्लॉक प्रमुख पति वीर सिंह सैनी ने ठाकुरद्वारा के मौहल्ला ताली निवासी पीयूष चौहान पर लोहे की रॉड से हमला बोल दिया जिसकी वीडियो तेज़ी से वायरल हो रही है,वीडियो मे ब्लॉक प्रमुख पति पीयूष चौहान को बीच सड़क पर गिराकर लोहे की रॉड से पीटता नज़र आ रहा है जिसमें पीयूष चौहान लोगो से मदद के लिए चिल्लाता नजर आ रहा है।





पीयूष चौहान पर हमले के दौरान ब्लॉक प्रमुख पति के साथ कुछ गुर्गे भी पीयूष चौहान को लाठी से पीटते नज़र आ रहे हैं।पीयूष चौहान का आरोप है कि आरोपी वीर सिंह उससे सत्ता की हनक दिखाकर तीन लाख रुपए की रंगदारी मांग रहा था,जिसका इनकार करने पर वीर सिंह सैनी अपने साथियों के साथ पीयूष चौहान पर हमलावर हो गया।फ़िलहाल घायल पीयूष चौहान ने कोतवाली पहुंचकर ब्लॉक प्रमुख पति व कई अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध पुलिस को तहरीर सौंप कर कार्यवाही की मांग की है।पुलिस ने घायल पीयूष चौहान का मेडिकल कराया है।

वहीं ब्लॉक प्रमुख पति वीर सिंह सैनी ने पीयूष चौहान पर प्लॉट के नाम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि आज जब पीयूष से पैसे मांगे गए तो वह मारपीट पर उतारू हो गया,ब्लॉक प्रमुख पति वीर सिंह ने भी कोतवाली पहुंचकर पीयूष चौहान के खिलाफ़ तहरीर सौंपी है।

बता दें कि इससे पूर्व भी ब्लॉक प्रमुख पति ने भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता के ड्राईवर के साथ मारपीट कर लहूलुहान कर दिया था।आज ब्लॉक प्रमुख पति की दबंगई की वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही हैं वहीं लोग ब्लॉक प्रमुख पति की दबंगई को सत्ता की हनक बता रहे हैं।

कमरे में बिखरा खून, मौत का मंज़र! अयोध्या में प्रेमी-प्रेमिका की रहस्यमयी मौत

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक ऐसी घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया, जिसने न केवल एक परिवार को बिखेर दिया, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। बाराबंकी जिले के अधुर्जन पुरवा गांव की रहने वाली 24 वर्षीय अरोमा रावत और उनके प्रेमी आयुष गुप्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में एक होटल के कमरे में मौत हो गई। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि कई अनुत्तरित सवाल भी छोड़ गई है। पुलिस इस मामले को प्रेम-प्रसंग, पारिवारिक दबाव और अन्य संभावित कारणों की दृष्टि से जांच रही है। आइए, इस घटना के हर पहलू को समझते हैं।

होटल के कमरे में मिला खौफनाक मंजर

रविवार की सुबह अरोमा और आयुष, जो देवरिया के भुजौली कॉलोनी के रहने वाले थे, अयोध्या के एक होम स्टे होटल में रुके थे। दोनों ने एक साथ कमरा बुक किया और वहां समय बिताया। लेकिन उस शाम, जब होटल स्टाफ चाय देने उनके कमरे पर पहुंचा, तो दरवाजा बंद था और कोई जवाब नहीं मिला। घंटों इंतजार के बाद भी जब कोई हलचल नहीं हुई, तो स्टाफ ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोड़ा, और जो नजारा सामने आया, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला था।कमरे में बेड पर अरोमा का शव खून से लथपथ पड़ा था, जबकि आयुष की लाश फर्श पर थी। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि आयुष ने पहले अरोमा को सीने में गोली मारी और फिर खुद को कनपटी पर गोली मार ली। घटनास्थल से एक अवैध तमंचा बरामद हुआ, जो इस त्रासदी का मूक गवाह बना।

गांव में छाया मातम, परिवार सदमे में

सोमवार को जब अरोमा का शव उनके पैतृक गांव अधुर्जन पुरवा पहुंचा, तो वहां का माहौल देख हर किसी की आंखें नम हो गईं। माता-पिता और स्वजन शव को देखकर फूट-फूटकर रोने लगे। गांव में शोक की लहर दौड़ गई, और अंतिम संस्कार में सैकड़ों लोग शामिल हुए। अरोमा के परिवार के लिए यह नुकसान असहनीय था। स्थानीय लोगों ने बताया कि अरोमा एक जिंदादिल और मेहनती लड़की थी, जिसके सपने अभी अधूरे ही रह गए।

पुलिस की जांच और अनसुलझे सवाल

अयोध्या पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, और फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जमा किए हैं। पुलिस का कहना है कि यह मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा हो सकता है, लेकिन पारिवारिक तनाव और ऑनर किलिंग जैसे पहलुओं को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक जांच के नतीजों के आधार पर ही इस घटना का पूरा सच सामने आएगा।

घटना की खबर फैलते ही बसपा के कई वरिष्ठ नेता, जिनमें प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल और पूर्व जिलाध्यक्ष विजय कुमार शामिल थे, गांव पहुंचे। उन्होंने परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

22 दिन तक डॉक्टर करते रहे मृत बच्चे का इलाज! अस्पताल ने वसूले लाखों, मां-बाप ने बेच डाले गहने

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो इंसानियत को शर्मसार करती है। एक निजी अस्पताल पर आरोप है कि उसने 22 दिन तक एक मृत नवजात शिशु का इलाज दिखाकर परिवार से लाखों रुपए वसूल किए। इस दिल दहला देने वाली कहानी ने न केवल माता-पिता के सपनों को चकनाचूर किया, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं पर भरोसे को भी हिलाकर रख दिया। आइए, इस मामले की गहराई में उतरकर समझते हैं कि आखिर हुआ क्या और यह समाज के लिए कितना बड़ा सबक है।

मासूम की जान से खिलवाड़

एक साधारण परिवार, जिसका सब कुछ उस छोटे से बच्चे के इर्द-गिर्द घूमता था, ने अपने नवजात को गंभीर हालत में बस्ती के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। शुरुआत में इलाज आयुष्मान भारत योजना के तहत शुरू हुआ, जिसने परिवार को थोड़ी राहत दी। मगर जल्द ही अस्पताल ने इस सुविधा को बंद कर दिया और नकद भुगतान की मांग शुरू कर दी। परिवार का कहना है कि बच्चे की हालत बिगड़ती रही, लेकिन डॉक्टरों ने न तो सही जानकारी दी और न ही उसे किसी बड़े अस्पताल में रेफर किया। बाद में पता चला कि बच्चे की मृत्यु हो चुकी थी, फिर भी अस्पताल ने उसे आईसीयू में रखकर इलाज का नाटक जारी रखा।

आर्थिक और भावनात्मक लूट

अस्पताल की इस बेरहमी ने परिवार को आर्थिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया। माता-पिता ने अपने बच्चे को बचाने की हर मुमकिन कोशिश की। पहले अपनी बचत खर्च की, फिर जमीन गिरवी रखी, और अंत में मां को अपने गहने तक बेचने पड़े। करीब दो लाख रुपये वसूलने के बाद भी अस्पताल ने कोई जवाबदेही नहीं दिखाई। परिवार का कहना है कि अगर समय रहते बच्चे को सही इलाज मिला होता, तो शायद उनकी जिंदगी का सबसे कीमती हिस्सा आज उनके साथ होता।

लापरवाही या सुनियोजित साजिश?

इस घटना ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं। आखिर क्यों एक मृत बच्चे का इलाज दिखाया गया? आयुष्मान भारत योजना का दुरुपयोग क्यों हुआ? क्या अस्पतालों में कोई निगरानी तंत्र नहीं है जो ऐसी अमानवीय हरकतों को रोक सके? यह मामला किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं, जहां लालच में अंधे होकर कुछ लोग इंसानियत को ताक पर रख देते हैं। इस घटना ने एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगा दिया है।

प्रशासन का रवैया और न्याय की उम्मीद

जब इस मामले को लेकर बस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) राजीव निगम से बात की गई, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कार्रवाई परिवार के दर्द को कम कर पाएगी? परिवार अब केवल न्याय की उम्मीद में है, ताकि भविष्य में कोई और माता-पिता इस तरह की त्रासदी का शिकार न हों।

समाज के लिए सबक

यह घटना केवल एक परिवार की कहानी नहीं, बल्कि हमारे समाज और स्वास्थ्य व्यवस्था की खामियों का आईना है। निजी अस्पतालों में पारदर्शिता की कमी, लालच, और जवाबदेही का अभाव ऐसी घटनाओं को जन्म देता है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्वास्थ्य सेवाएं इंसानियत के लिए हों, न कि केवल मुनाफे के लिए। इस मामले ने यह भी सिखाया कि मरीजों और उनके परिजनों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना होगा।

सलाखों के पीछे पहुंचीं पापा की ‘गालीबाज परियां, पुलिस की दो टूक चेतावनी

Sambhal News: सोशल मीडिया पॉपुलैरिटी के लिए अश्लील बातें और इशारे करके रील्स-वीडियो बनाने वाली संभल की परी और महक नाम की युवतियों के खिलाफ बड़ा एक्शन हो गया है. पुलिस ने पापा की गालीबाज परियों को सलाख़ों के पीछे पहुंचा दिया बता दे कि संभल पुलिस ने महक-परी, इनके कैमरामैन समेत कुल 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है

पिछले कुछ दिनों से महक और परी की वीडियो-रील्स सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं. इन रील्स में वह खूब गाली गलौज, अश्लील बातें और अश्लील इशारे करती थीं. उनकी ये रील्स सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी. सोशल मीडिया पर लोग भी पुलिस से इस मामले में कार्रवाई करने की अपील कर रहे थे।

इसके बाद संभल पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. जांच में सामने आया था कि रील्स बना रही युवतियों का नाम महक और परी है. ये संभल के असमोली क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की रहने वाली हैं. दोनों आपस में दोस्त हैं.

जांच में सामने आया था कि इन दोनों ने सोशल मीडिया पर Mehakpari143 अकाउंट बनाया था, जहां वह अपनी ये रील्स-वीडियो अपलोड कर रही थीं. इसके बाद पुलिस ने इनके खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी थी.

हिना और आलम भी गिरफ्तार

मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने अभी तक इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. महक और परी के साथ इस मामले में हिना नाम की युवती भी गिरफ्त में हैं. इसी के साथ कैमरामैन आलम भी पुलिस गिरफ्त में हैं. अब पुलिस इन चारों से पूछताछ कर रही है.

सोशल मीडिया पर फेमस होना चाहती थीं परी और महक
माना जा रहा है कि परी और महक सोशल मीडिया पर फेसम होना चाहती थीं. वह सोशल मीडिया के माध्यम से रुपये भी कमाना चाहती थीं. इसके लिए उन्होंने ये रास्ता अपनाया. मगर जिस रास्ते का उन्होंने इस्तेमाल किया, अब उसी को लेकर वह फंस गईं. पुलिस अब इन दोनों के खिलाफ एक्शन मोड में हैं.

नौकरी गई तो बेटी ने लगा लिया फंदा! पिता बोले- सब कुछ बदल सकता था अगर…

शाहजहाँपुर के ख्वाजा फिरोज मोहल्ले में एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को झकझोर दिया। 24 वर्षीय निधि, जो अपनी मेहनत और लगन के लिए जानी जाती थी, ने शनिवार शाम अपने कमरे में फंदे से लटककर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना ने उनके परिवार और आसपास के लोगों को गहरे सदमे में डाल दिया। निधि के पिता यशपाल ने बताया कि उनकी बेटी पिछले कुछ महीनों से दिल्ली में नौकरी छूटने और स्वास्थ्य समस्याओं के कारण तनाव में थी। यह दुखद घटना न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज में मानसिक स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे गंभीर मुद्दों पर भी सवाल उठाती है।

एक होनहार बेटी की कहानी

निधि ने बीबीए की पढ़ाई पूरी की थी और पिछले दो सालों से दिल्ली में एक निजी कंपनी में काम कर रही थी। यशपाल ने बताया कि कंपनी के दूसरी जगह शिफ्ट होने के कारण निधि की नौकरी छूट गई थी। इसके बाद वह अपने घर शाहजहाँपुर लौट आई और बच्चों को कोचिंग पढ़ाने लगी। निधि ने न केवल हरदोई की एक बैंक में काम किया था, बल्कि हाल ही में पुलिस भर्ती की परीक्षा भी दी थी।

शनिवार की शाम, निधि ने परिवार को चाय बनाकर पिलाई थी। इसके बाद परिजन पास के हथौड़ा गांव में सत्संग के लिए चले गए। घर पर अकेली निधि ने अपने कमरे का दरवाजा बंद किया और पंखे के कुंडे से लटककर अपनी जान दे दी। बच्चों ने खिड़की से झांककर उसे देखा और तुरंत परिजनों को सूचित किया। दरवाजा तोड़कर निधि के शव को उतारा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इस घटना ने पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया।

सोशल मीडिया पर अश्लीलता फैलाने के मामले में परी और महक पर IT एक्ट के तहत FIR दर्ज

Sambhal News : सोशल मीडिया पर अश्लील भाषा और गाली-गलौज से भरी रील्स बनाकर मशहूर हुईं महक और परी अब कानून के शिकंजे में हैं। इंस्टाग्राम पर लाखों व्यूज बटोरने वाली इन दोनों सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर्स के खिलाफ संभल पुलिस ने आईटी एक्ट और सार्वजनिक अश्लीलता फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की है।

महक और परी नाम की ये लड़कियां अपने इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर लगातार ऐसी रील्स पोस्ट कर रही थीं, जिनमें अश्लील शब्दावली, अभद्र भाषा और गाली-गलौज का खुला प्रयोग हो रहा था। पुलिस के मुताबिक, इस तरह की सामग्री से युवाओं, खासकर नाबालिगों पर गलत असर पड़ रहा था।मुख्य आरोप

गालियों और आपत्तिजनक भाषा से भरी वीडियो रील्स

सार्वजनिक मंच पर अश्लीलता फैलाना

सोशल मीडिया का दुरुपयोग

युवाओं को भड़काने और गलत दिशा में ले जाने की कोशिश

कानूनी धाराएं

आईटी एक्ट की संबंधित धाराएं

सार्वजनिक अश्लीलता, शांति भंग करने, और समाजिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप

पुलिस की कार्रवाई

FIR दर्ज कर ली गई है

जल्द ही दोनों को पूछताछ के लिए तलब किया जाएगा

मामले की साइबर सेल से जांच कराई जा रही है

पुलिस का बयान
“महक और परी की वीडियो रील्स समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही थीं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं कि सार्वजनिक मंच पर गालियों और भड़काऊ भाषा का खुला प्रदर्शन किया जाए।” यह मामला सोशल मीडिया पर सीमाओं की चर्चा को एक बार फिर ज़ोरों से उठा रहा है. जहां मनोरंजन की आड़ में अश्लीलता को बढ़ावा देना अब कानूनी कार्रवाई की जद में आ चुका है।

सरेआम पुरुषों की पिटाई, महिलाओं पर हमले! समा खातून का वायरल ‘गुंडा राज’

उत्तर प्रदेश का बस्ती जिला इन दिनों एक ऐसी महिला के आतंक से दहल रहा है, जिसे लोग अब ‘लेडी डॉन’ के नाम से जानने लगे हैं। समा खातून नाम की इस महिला की दबंगई और बेलगाम गुंडागर्दी ने न केवल स्थानीय लोगों के दिलों में खौफ पैदा किया है, बल्कि प्रशासन को भी सकते में डाल दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में समा खातून की क्रूरता और बेखौफ अंदाज साफ दिखाई देता है, जिसने हर किसी को हैरान कर रखा है। आइए, इस सनसनीखेज मामले को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि आखिर समा खातून की दबंगई की कहानी क्या है।

रजिस्ट्री दफ्तर में थप्पड़ों की बौछार

बस्ती सदर कोतवाली के रजिस्ट्री दफ्तर में हाल ही में एक ऐसी घटना घटी, जिसने सबको चौंका दिया। एक युवक किसी मुकदमे की पैरवी के लिए दफ्तर पहुंचा था, लेकिन उसे क्या पता था कि वहां उसका सामना समा खातून की दबंगई से होगा। चश्मदीदों के मुताबिक, समा पहले से ही वहां मौजूद थी और मौका मिलते ही उसने युवक पर थप्पड़ों की बौछार कर दी। यह पूरा वाकया किसी ने अपने फोन में रिकॉर्ड कर लिया और देखते ही देखते यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि समा बिना किसी डर के युवक को एक के बाद एक थप्पड़ मार रही है। इस हमले से आहत पीड़ित ने तुरंत कोतवाली थाने में समा के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

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एक नहीं, कई घटनाओं का हिस्सा

समा खातून की दबंगई का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उनके खिलाफ कई गंभीर आरोप सामने आ चुके हैं। एक अन्य सनसनीखेज घटना में समा पर एक महिला को अपने गुर्गों से पिटवाने का आरोप लगा है। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें कुछ लोग एक महिला को लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटते दिख रहे हैं। इस क्रूर हमले ने न केवल स्थानीय लोगों को डरा दिया, बल्कि प्रशासन पर भी सवाल उठाए। पीड़िता ने इस मामले में पुलिस महानिरीक्षक (डीआईजी) से गुहार लगाई, जिसके बाद डीआईजी ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। सीओ सत्येंद्र भूषण तिवारी ने बताया कि इस मारपीट के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और वीडियो के आधार पर जांच की जा रही है।

स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश

समा खातून की इन हरकतों ने बस्ती के लोगों में डर और गुस्से का माहौल पैदा कर दिया है। लोग अब खुलकर उनके खिलाफ बोलने से डर रहे हैं, क्योंकि समा और उनके गुर्गों का खौफ हर तरफ फैल चुका है। सोशल मीडिया पर लोग इस मामले पर अपनी राय रख रहे हैं और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि समा की बेलगाम दबंगई को रोकने के लिए पुलिस को तुरंत कदम उठाने चाहिए, ताकि आम लोग सुरक्षित महसूस कर सकें।

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पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है। कोतवाली थाने में समा खातून के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज किए गए हैं। डीआईजी ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। सीओ तिवारी ने बताया कि सभी वायरल वीडियो की जांच की जा रही है और जल्द ही इस मामले में ठोस कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, स्थानीय लोग चाहते हैं कि समा खातून को जल्द से जल्द सजा मिले, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।