छात्रा ने सरेराह छेड़छाड़ करने वाले को सिखाया सबक, 10 मिनट तक बरसाए थप्पड़, जूते से की खातिरदारी

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के शुक्लागंज बाजार में शनिवार की दोपहर एक साहसी घटना ने सभी का ध्यान खींचा। एक युवती ने अपनी हिम्मत और निडरता का परिचय देते हुए उस युवक को सबक सिखाया, जो लंबे समय से उसका पीछा कर परेशान कर रहा था। भीड़भाड़ वाली सड़क पर गुस्से से भरी इस छात्रा ने युवक पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और चप्पलों से उसकी पिटाई की। इस घटना का वीडियो एक राहगीर ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया, और लोग इस युवती की हिम्मत की तारीफ करने लगे। इस घटना ने समाज में महिलाओं की आत्मरक्षा और साहस की नई मिसाल कायम की है।

घटना गंगाघाट थाना क्षेत्र के शुक्लागंज बाजार में पोनी रोड के पास नीलम स्वीट्स की दुकान के सामने हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि युवक ने कई बार छात्रा का पीछा किया और उसे परेशान करने की कोशिश की थी। इस बार छात्रा ने उसका विरोध करने का फैसला किया और उसे सबके सामने सबक सिखाया। स्थानीय लोगों ने भी युवती के साहस की सराहना की और कुछ ने पुलिस को सूचना देकर मामले को तुरंत संज्ञान में लाने में मदद की।

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया

कानपुर के जुहारी देवी कॉलेज में पढ़ने वाली यह छात्रा उस दिन अपनी पढ़ाई पूरी कर घर लौट रही थी, जब यह घटना घटी। पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक की पहचान कर ली गई है, और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गंगाघाट थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है, और जल्द ही आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बाजार क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई लोगों ने छात्रा की हिम्मत को सलाम किया और इसे महिलाओं के लिए आत्मरक्षा का प्रेरणादायक उदाहरण बताया। कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की कि ऐसी घटनाएं समाज में जागरूकता बढ़ाने और छेड़छाड़ जैसी समस्याओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की जरूरत को दर्शाती हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि सार्वजनिक रूप से इस तरह की कार्रवाई से कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। फिर भी, अधिकांश लोग इस बात पर सहमत हैं कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए साहसिक कदम उठाने चाहिए।

यह घटना न केवल उन्नाव बल्कि पूरे देश में महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का वादा किया है।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान, अधिशासी अभियंता के निर्देशों को कर दिया नजरअंदाज

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद के गांव सरकडा परम में बिजली की समस्या ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर रखा है। गांव की बढ़ती आबादी और बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण ग्रामीणों ने सांसद रुचि वीरा से इस समस्या के समाधान की मांग की थी। उनकी मांग पर अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम ने 8 मार्च 2025 को विद्युत वितरण खंड ठाकुरद्वारा को आदेश दिया था कि गांव में जयवीर यादव, पुत्र रामपाल यादव, के निकट एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाए।

यह कदम गांव में बिजली की आपूर्ति को सुचारू करने और ग्रामीणों की परेशानियों को कम करने के लिए उठाया गया था। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी यह आदेश हवा में उड़ गया। एसडीओ ठाकुरद्वारा ने अधिशासी अभियंता के निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गांव के लोग अब इस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान

गांव के पूर्व प्रधान मनोहर सिंह यादव ने बताया कि सरकडा परम की आबादी काफी बढ़ चुकी है और यह एक बड़े क्षेत्र में फैल गया है। वर्तमान में गांव में केवल एक ही ट्रांसफार्मर है, जो ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। इस ट्रांसफार्मर से करीब एक किलोमीटर लंबी केबल डालकर बिजली आपूर्ति की जा रही है, जिसके कारण आए दिन बिजली की आपूर्ति में व्यवधान और बिलों में त्रुटियां हो रही हैं।

ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्व प्रधान ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर सांसद रुचि वीरा को एक शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें गांव की बिजली समस्या का जिक्र किया गया था। सांसद ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम को पत्र लिखकर तत्काल एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की सिफारिश की थी।

अधिशासी अभियंता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 8 मार्च 2025 को एसडीओ ठाकुरद्वारा को ट्रांसफार्मर स्थापित करने और प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन चार महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। खेती-बाड़ी, घरेलू कार्य और बच्चों की पढ़ाई तक बाधित हो रही है।

ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है और वे अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। सांसद रुचि वीरा ने भी इस मामले में अधिकारियों से जवाब मांगा है, लेकिन विद्युत विभाग की उदासीनता के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगाया जाए, अन्यथा वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।

मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर भीषण सड़क हादसा, छह की मौत

मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर शुक्रवार की देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों की जान चली गई। हादसा उस समय हुआ जब एक ईको कार के चालक को नींद की झपकी आ गई, जिसके कारण कार अनियंत्रित होकर आगे चल रहे किसी वाहन से जा टकराई। इस भीषण टक्कर में पिता-पुत्र और भांजे सहित छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मां और उनकी बेटी गंभीर रूप से घायल हो गईं। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।

पुलिस के अनुसार, यह हादसा रात करीब 11:30 बजे हुआ। ईको कार में सवार सभी लोग बटेश्वर मेले में अखंड रामायण का पाठ और भंडारा कराने के लिए जा रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार की रफ्तार काफी तेज थी, और चालक को नींद आने के कारण वह वाहन को नियंत्रित नहीं कर सका। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंच गया।

डीएम और एसएसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा

हादसे की गंभीरता को देखते हुए मथुरा के जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों का जायजा लिया और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और हादसे की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में नींद की झपकी को हादसे का मुख्य कारण माना जा रहा है।

स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं ने सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने चालकों से रात में वाहन चलाते समय सावधानी बरतने और पर्याप्त休息 लेने की अपील की है। इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की जरूरत को उजागर किया है।

सांसद इकरा हसन पर विवादित टिप्पणी, करणी सेना नेता ने मचाया बवाल

उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला उनके राजनीतिक कार्यों या नीतिगत बयानों से नहीं, बल्कि करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा की एक आपत्तिजनक और निजी टिप्पणी से जुड़ा है। राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो और पोस्ट साझा कर इकरा हसन से निकाह की इच्छा जाहिर की और शर्त रखी कि AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी उन्हें “जीजा” कहें।

इस बयान ने न केवल सियासी हलकों में हंगामा मचा दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने इसे महिला सांसद का अपमान बताते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है। मुरादाबाद के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इसे न सिर्फ इकरा हसन, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और संसद की गरिमा का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां हिंदू-मुस्लिम समाज में नफरत फैलाने की साजिश हैं। सपा के जिला अध्यक्ष जयवीर यादव ने भी पुलिस में शिकायत दर्ज कर राणा की गिरफ्तारी की मांग की है।

सोशल मीडिया पर बवाल, प्रशासन पर कार्रवाई का दबाव

राणा की इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उनका वीडियो और पोस्ट तेजी से वायरल हो गए। लोगों ने इसे अभद्र, अमर्यादित और सांप्रदायिक करार देते हुए कड़ी निंदा की। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ गंभीर हमला बताया और तत्काल कानूनी कार्रवाई की मांग की। विवाद बढ़ता देख राणा ने अपनी पोस्ट और वीडियो फेसबुक से हटा लिए, लेकिन तब तक स्क्रीनशॉट और क्लिप्स व्यापक रूप से फैल चुके थे।

राणा ने दावा किया कि उन्हें धमकी भरे कॉल मिले हैं, जिनमें तीन कॉल एक युवक और एक कॉल एक युवती की ओर से थी। उन्होंने पुलिस को इन नंबरों की जानकारी सौंपकर सुरक्षा की मांग की है। दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने इस मामले को संसद में उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। डॉ. एसटी हसन ने कहा कि इकरा हसन एक सम्मानित सांसद और शरीफ खानदान से हैं, उनके खिलाफ ऐसी भाषा निंदनीय है। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया कि जब एक महिला सांसद के साथ ऐसा हो सकता है, तो आम बेटियों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?

यह पहली बार नहीं है जब इकरा हसन को निशाना बनाया गया है; इससे पहले भी उनके खिलाफ डीपफेक वीडियो बनाए गए थे, जिस पर उन्होंने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की थी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इकरा हसन इस मामले में क्या रुख अपनाती हैं और प्रशासन राणा के खिलाफ क्या कार्रवाई करता है। मुरादाबाद में तनावपूर्ण माहौल के बीच पुलिस और प्रशासन पर सख्त कदम उठाने का दबाव बढ़ गया है।

Moradabad News: नहीं थम रहा ड्रोन का शोर, लोगों में दहशत का माहौल

Moradabad News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में ड्रोन उड़ाकर दहशत फैलाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। ठाकुरद्वारा कोतवाली सहित क्षेत्र के गांव शरीफ नगर, रामनगर खगुवाला, दारापुर, मदारपुर,लालपुर पीपलसना ग्राम सिहाली खद्दर, थाना डिलारी, में अभी भी कई ड्रॉन आसमान में उड़ रहे हैं जिससे डर का माहौल बना हुआ है।ग्रामीण इसी दहशत के साथ जाग रहे।

बताया जा रहा है कि ग्रामीणों ने धार्मिक स्थलों से ऐलान किया है इससे गांव का माहौल दहशत भरा बना रहा। पूरी रात लोग जागते रहे। वहीं,कई बार लोगों ने ड्रोन को उड़ते देखा। बताया कि ड्रोन के जरिए बदमाश पहले रेकी कर रहे हैं और फिर मौका पाकर लूटपाट भी कर रहे हैं।

इन गांवों के अलावा कांठ क्षेत्र के गांव में भी इस तरह की चर्चाएं सामने आई हैं।ड्रोन उड़ाकर रेकी करना और फिर अपराध को अंजाम देने जैसी कोई घटना सामने नहीं आई है। यह सिर्फ अफवाह मात्र है। एतियातन पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है। लोगों को सचेत किया जा रहा है।

गांवो में ड्रोन की दहशत: सपा सांसद रुचि वीरा कर रही ग्रामीणों के साथ रात्रि गश्त

अबुल कलाम अश्क़ मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद में फैल रही ड्रोन की दहशत को लेकर मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा ग्रामीणों के साथ लाठी डंडे लेकर गांव में जाकर रात्रि गश्त करने लगी रात के अंधेरे में घरों के ऊपर बार-बार ड्रोन उड़ाते देखे जा रहे हैं इस डर से संगठित गिरोह चोरी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं

सपा सांसद रुचि वीरा ने लालापुर पीपलसाना में ग्रामीणों के साथ लाठी डंडे लेकर रात्रि गश्त शुरू कर दिया है जगह-जगह गांव में धार्मिक स्थलों से ऐलान हो रहा है शरीफ नगर ठाकुरद्वारा लालपुर पीपल थाना दारापुर मदारपुर सुरजन नगर रामनगर काबू वाला आदि में ड्रोन कैमरे उड़ते दिखाई दिए हैं।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया

जैसे ही ड्रोन की खबर फैली, ठाकुरद्वारा पुलिस और स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गए। पुलिस ने तुरंत इलाके में गश्त बढ़ा दी और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

कोतवाल जसपाल सिंह ग्वाल ने बताया, “हमें ड्रोन की उड़ान की सूचना मिली है, और हम इसकी जांच कर रहे हैं। लेकिन इस बारे में कुछ भी अभी स्पष्ट नहीं है। अन्य जनपदों से भी ऐसी सूचनाएं है।

प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने को कहा है। इसके साथ ही, ड्रोन की पहचान और उनके उद्देश्य का पता लगाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।

रात में ड्रोन उड़ा रहे युवक को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ा, पुलिस ने की पूछताछ

उत्तर प्रदेश के जनपद अमरोहा के थाना सैदनगली के गांव सेंदरा मिलक में रात ड्रोन उड़ा रहे गांव के युवक को ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ लिया। उससे ड्रोन भी बरामद हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक से पूछताछ की। इस मामले में अभी कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। बताया जा रहा है कि सोमवार रात करीब 9:00 बजे ग्रामीणों ने गांव के नजदीक ड्रोन उड़ता देखा। ग्रामीण एकत्र हो गए और ड्रोन के पास पहुंच गए। देखा तो गांव का एक युवक ड्रोन उड़ा रहा था। ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया। युवक ड्रोन उड़ाने का कोई सटीक जवाब नहीं दे सका। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंच गई।

पुलिस ने भी आरोपी युवक से पूछताछ की। युवक ने बताया कि वह तो ड्रोन उड़ा कर देख रहा था। इसके अलावा उसका कोई मकसद नहीं था। पुलिस उसे हिदायत देकर चली गई। अभी इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है। गौरतलब है कि तहसील क्षेत्र के कई गांव में अब तक ड्रोन देखे जा चुके हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों में दहशत फैली हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि चोर चोरी करने से पहले रेकी करने के लिए ड्रोन को उड़ा रहे हैं। थानाध्यक्ष विकास सहरावत ने बताया कि मामले में जांच पड़ताल की जा रही है।

शरीफ नगर में रात के अंधेरे में घरों के ऊपर ड्रोन उड़ने देख ग्रामीणों में फैली दहशत, धार्मिक स्थलों से एलान

अबुल कलाम अश्क

उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद शरीफ नगर क्षेत्र ड्रोन उड़ने से दहशत फैल गई जब रात में उनके घरों के ऊपर बार-बार ड्रोन उड़ते देखे गए।

इस डर से कि संगठित गिरोह चोरी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, कई निवासियों ने रात्रि गश्त शुरू कर दी है और संभावित अपराधियों को रोकने के लिए धार्मिक स्थलों से एलान कर रहे हैं।

ताज़ा घटना अभी शनिवार की रात करीब 11 बजे की है। आसमान में एक ड्रोन मंडराता दिखाई दिया, जिससे घबराए ग्रामीणों ने, यह सोचकर कि चोर उनके घरों को निशाना बना रहे हैं, मंदिर और मस्जिदों से ऐलान करने शुरू कर दिए हैं स्थानीय लोगों ने वीडियो रिकॉर्ड किए हैं जो अब समुदाय में प्रसारित हो रहे हैं।

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कुंवर आकाश सिंह के अनुसार, पुलिस मामले की सक्रियता से जांच कर रही है, लेकिन वर्तमान में यह घटना “कुछ युवकों द्वारा की गई एक साधारण घटना प्रतीत होती है। कुँवर आकाश सिंह ने कहा, “ऐसे ड्रोन बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं और इनका इस्तेमाल संभवतः ग्रामीणों में दहशत पैदा करने के लिए किया जा रहा है।”

शरीफ नगर की बिजली समस्या को लेकर मुख्य अभियंता से मिला सांसद रुचि वीरा का प्रतिनिधि मंडल

मुरादाबाद। ठाकुरद्वारा तहसील क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सांसद रुचि वीरा का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्य अभियन्ता मुरादाबाद से मिला।इस दौरान दारापुर के नवनिर्मित बिजली घर को सुचारू रूप से चालू करने के लिए कहा गया जिसपर मुख्य अभियन्ता ने एक्सन मुरादाबाद से दारापुर बिजली घर के विषय में जानकारी ली।

,मुख्य अभियन्ता ने प्रतिनिधि मंडल को बताया के अगस्त तक उसको सुचारू रूप से चालू कर दिया जाएगा तथा प्रतिनिधि मंडल ने शरीफ नगर में हो रही विद्युत कटौती को रोकने की भी अपील की जिसके संबंध में मुख्य अभियन्ता ने अस्वासन देते हुए बताया कि शरीफ नगर की होने वाली विद्युत कटौती को बंद कर दिया जाएगा।

मौके पर ही एसडीओ ठाकुरद्वारा को फ़ोन कर क्षतिग्रस्त लाइन को जल्द से जल्द चालू कराने के निर्देश दिए।सांसद मुरादाबाद प्रतिनिधि के रूप मे पीआरओ नईम अहमद, प्रधान पति गयासुद्दीन नवाब, मो तौहीद मौजूद रहे।

टीचर के टॉर्चर से टूटी छात्रा, खा लिया जहर! अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग

अलीगढ़ के खैर कस्बे से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां राष्ट्रीय विद्यालय में पढ़ने वाली 14 वर्षीय कक्षा आठवीं की छात्रा हिमांशी ने कथित तौर पर शिक्षक के लगातार उत्पीड़न से तंग आकर जहरीला पदार्थ खा लिया। इस दुखद घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि स्कूलों में बच्चों की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। हिमांशी की हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है, और वह जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। यह घटना शिक्षा प्रणाली में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता और शिक्षकों की जिम्मेदारी को लेकर एक गंभीर बहस की मांग करती है।

मां का दर्द और शिक्षक पर गंभीर आरोप

हिमांशी की विधवा मां स्नेह कुमारी, जो अपने पति की मृत्यु के बाद अकेले अपने तीन बच्चों का पालन-पोषण कर रही हैं, ने स्कूल के शिक्षक पर अपनी बेटी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया है। स्नेह कुमारी ने बताया कि उनकी बेटी पिछले एक सप्ताह से शिक्षक के उत्पीड़न का शिकार थी। शिक्षक द्वारा बार-बार अपमान और दबाव डाले जाने की शिकायत हिमांशी ने अपने परिवार से की थी। गुस्से में आकर हिमांशी का भाई गुरुवार को स्कूल पहुंचा और अपनी बहन को घर ले आया। लेकिन घर पहुंचते ही हिमांशी ने यह खौफनाक कदम उठा लिया। स्नेह कुमारी ने आंसुओं भरी आंखों से कहा, “मेरे पति पहले ही हमें छोड़ गए, अब मेरी सबसे छोटी बेटी की जिंदगी खतरे में है। मैं चाहती हूं कि मेरी बेटी को न्याय मिले और उसकी जान बच जाए।”

अस्पताल में जिंदगी की जंग

घटना के तुरंत बाद हिमांशी को परिजनों ने बिना पुलिस को सूचित किए खैर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया। वहां डॉक्टरों ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला मलखान सिंह अस्पताल के आपातकालीन विभाग में तैनात डॉक्टर रितेश ने बताया कि हिमांशी को संदिग्ध जहर खाने के मामले में प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, एएमयू रेफर किया गया। वर्तमान में हिमांशी का इलाज वहां गहन चिकित्सा इकाई में चल रहा है, और उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।

शिक्षा प्रणाली पर उठते सवाल

यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे शिक्षा तंत्र की खामियों को भी उजागर करती है। स्कूल, जो बच्चों के लिए एक सुरक्षित और प्रेरणादायक स्थान होना चाहिए, वहां अगर बच्चे मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं, तो यह चिंता का विषय है। विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है। साथ ही, स्कूलों में काउंसलिंग और शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।