UP के जंगल में मिला यह अनोमल ‘खजाना’ बदल सकता है पूरे भारत की तकदीर…

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक में स्थित चितपहरी जंगल में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत यूरेनियम जैसे मूल्यवान खनिजों की खोज के लिए 1100 फीट गहरी खुदाई की जा रही है। यह कार्य पूरी तरह गुप्त रखा गया है, और सुरक्षा कारणों से इसे गोपनीयता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग की विशेषज्ञ टीम हेलीकॉप्टर और एरो मैग्नेटिक सिस्टम जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर इस क्षेत्र में यूरेनियम भंडार की मौजूदगी की पुष्टि करने में जुटी है। यह खोज न केवल सोनभद्र बल्कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

सोनभद्र का यह क्षेत्र पहले भी खनिज संपदा के लिए चर्चा में रहा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने इस क्षेत्र में सोने और अन्य खनिजों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। अब यूरेनियम की खोज ने इस क्षेत्र को और महत्वपूर्ण बना दिया है। परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चितपहरी जंगल और आसपास के क्षेत्रों में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना काफी अधिक है। इस खोज से भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यूरेनियम परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

यूरेनियम खनन का महत्व और भविष्य की संभावनाएं

यूरेनियम एक दुर्लभ और अत्यंत मूल्यवान खनिज है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। एक किलोग्राम यूरेनियम से 24,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकती है, जो इसे ऊर्जा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है। सोनभद्र में यूरेनियम भंडार की खोज भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। यह खोज न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को वैश्विक परमाणु ऊर्जा बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान कर सकती है।

हालांकि, इस खनन प्रक्रिया से पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। खनन के कारण जंगल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय बदलाव हो सकते हैं, और स्थानीय लोगों के विस्थापन का मुद्दा भी उठ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूरेनियम की गुणवत्ता और उसकी मात्रा का आकलन करने के लिए अभी और सर्वेक्षण की आवश्यकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करने का आश्वासन दिया है ताकि पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। इस अभियान के परिणाम आने वाले महीनों में स्पष्ट होंगे, और यह भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है।

प्रिया सरोज की सादगी ने जीता दिल: गांव के खेतों में की धान की रोपाई

वाराणसी के पिंडरा तहसील स्थित अपने पैतृक गांव करखियाव में रविवार को समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज ने एक बार फिर अपनी जड़ों से गहरा जुड़ाव दर्शाया। उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से सांसद प्रिया सरोज अपने गांव पहुंचीं, जहां उन्होंने न केवल गांव की ताजी हवा में सांस ली, बल्कि स्थानीय महिलाओं और सहेलियों के साथ खेतों में उतरकर धान की रोपाई की। सादे कपड़ों में, नंगे पांव, और कीचड़ भरे खेतों में काम करती प्रिया का यह अंदाज देखकर हर कोई हैरान रह गया। इस दृश्य ने न केवल स्थानीय लोगों को प्रभावित किया, बल्कि यह संदेश भी दिया कि सत्ता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी वे अपनी मिट्टी और संस्कृति से उतनी ही मजबूती से जुड़ी हैं।

प्रिया ने इस खास पल को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा किया, जहां उन्होंने एक वीडियो के साथ कैप्शन लिखा, “हमारा गांव…”। यह छोटा सा कैप्शन उनके दिल में बसे गांव और वहां की मिट्टी के प्रति उनके गहरे प्रेम को बयां करता है। वीडियो में प्रिया को खेतों में धान की रोपाई करते हुए देखा जा सकता है, जहां वे पूरी तन्मयता के साथ स्थानीय महिलाओं के साथ काम कर रही हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग उनकी सादगी और जमीनी जुड़ाव की जमकर तारीफ कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रिया का जमीनी अंदाज

प्रिया सरोज का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस कदम ने न केवल उनके समर्थकों, बल्कि आम लोगों का भी दिल जीत लिया है। लोग उनके इस जमीनी अंदाज को देखकर कह रहे हैं कि प्रिया ने साबित कर दिया है कि सत्ता और शोहरत उनके मूल्यों और संस्कृति को नहीं बदल सकती। खेतों में काम करने का उनका यह कदम न केवल उनकी सादगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों की जिंदगी और मेहनत को कितनी गहराई से समझती हैं।

स्थानीय लोगों ने प्रिया के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि एक सांसद का इस तरह खेतों में उतरना न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन और खेती की चुनौतियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। प्रिया का यह कदम युवाओं और विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक मिसाल है, जो यह दिखाता है कि मेहनत और अपनी जड़ों से जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कमेंट्स में लिखा, “प्रिया जी ने दिखा दिया कि असली नेता वही है, जो अपने लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करे।”

प्रिया सरोज का यह कदम निश्चित रूप से उनके क्षेत्र में एक सकारात्मक संदेश देगा और लोगों को अपनी जड़ों से जुड़े रहने की प्रेरणा देगा। उनकी यह सादगी और मेहनत न केवल उनके व्यक्तित्व को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को करीब से समझने और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।

ठाकुरद्वारा में पति बना हैवान, पत्नी की गला घोंटकर हत्या, वजह जान रह जाएंगे दंग

अनिल शर्मा: मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा क्षेत्र में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। वार्ड नंबर 16, नई बस्ती निवासी उमर फारुख, पुत्र रईस हलीम, ने मामूली घरेलू विवाद के चलते अपनी पत्नी मन्तशा की गला घोंटकर हत्या कर दी। इस घटना ने न केवल मृतका के परिवार, बल्कि पूरे मोहल्ले को स्तब्ध कर दिया। घटना के बाद से आरोपी उमर फारुख फरार है, और पुलिस उसकी तलाश में जुट गई है।

दोपहर के समय उमर फारुख और मन्तशा के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी शुरू हुई, जो देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। विवाद इतना बढ़ गया कि उमर फारुख ने गुस्से में आकर अपनी पत्नी मन्तशा का गला घोंट दिया। मन्तशा बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी। शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग मौके पर एकत्र हो गए और आनन-फानन में मन्तशा को ठाकुरद्वारा के एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बावजूद, परिजन उसे काशीपुर के एक अन्य निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने भी मन्तशा की मृत्यु की पुष्टि कर दी।

घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने आरोपी उमर फारुख की तलाश शुरू कर दी है, लेकिन अभी तक उसका कोई सुराग नहीं मिला है।

उमर फारुख की थी यह दूसरी शादी

जानकारी के अनुसार, उमर फारुख की यह दूसरी शादी थी। इससे पहले उसकी शादी थाना डिलारी क्षेत्र की एक युवती के साथ हुई थी, जिसके साथ वह अक्सर मारपीट करता था। कुछ समय बाद उसने अपनी पहली पत्नी को तलाक दे दिया। लगभग दो माह पहले ही उमर फारुख की शादी मन्तशा, पुत्री इरशाद, के साथ हुई थी, जो उसके पड़ोस में रहती थी। मन्तशा के परिवार का आरोप है कि शादी के बाद से ही उमर फारुख उनकी बेटी के साथ आए दिन मारपीट करता था। परिवार का कहना है कि उमर का व्यवहार शुरू से ही हिंसक रहा है, और उन्होंने इसकी शिकायत कई बार की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

रुपाली निर्विरोध राशन डीलर निर्वाचित

मुरादाबाद जनपद के ग्राम पंचायत ख्वाजपुर धन्तला में रुपाली, पत्नी योगेश कुमार, को सर्वसम्मति से राशन डीलर निर्वाचित किया गया। यह निर्णय एक खुली बैठक में लिया गया, जिसमें ग्रामवासियों ने एकमत होकर उनके नाम पर सहमति जताई। श्रीमती रुपाली की नियुक्ति से क्षेत्र में राशन वितरण व्यवस्था को और सुदृढ़ करने की उम्मीद है। उनकी निष्ठा और कार्यक्षमता को देखते हुए ग्रामवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है। यह कदम ग्राम पंचायत की पारदर्शी और सहभागी प्रक्रिया को दर्शाता है।

खुली बैठक में लिया गया सर्वसम्मति से निर्णय

ख्वाजपुर धन्तला में आयोजित खुली बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान कमलेश देवी ने की। बैठक में नोडल अधिकारी प्रवीण कुमार, तहसीलदार ठाकुरद्वारा, और ग्राम पंचायत सचिव मयंक भारद्वाज उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर राशन डीलर के चयन पर चर्चा की और सर्वसम्मति से श्रीमती रुपाली को चुना। यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रही, जिसमें ग्रामवासियों की राय को प्राथमिकता दी गई। इस अवसर पर ग्राम प्रधान ने राशन वितरण की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया।

तड़पती रही प्रेमिका, गला दबाता रहा प्रेमी, कहानी उड़ा देगी होश,चौकी पहुंचकर कबूला जुर्म

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में बीती बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी। शहर कोतवाली क्षेत्र की रामनगर कॉलोनी में एक शादीशुदा प्रेमी, राहुल राजपूत, ने अपनी प्रेमिका मोनिका की गला दबाकर हत्या कर दी। इस जघन्य अपराध के बाद राहुल ने खुद ही पुलिस को सूचना दी और नशे की हालत में कृष्णानगर चौकी पहुंचकर अपना जुर्म कबूल किया।

उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी प्रेमिका को किराए के कमरे पर बुलाया था, जहां विवाद के बाद उसने यह कदम उठाया। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में आक्रोश और भय का माहौल पैदा कर दिया है।

घटना के बाद पुलिस और फोरेंसिक टीम ने मौके का मुआयना किया। मोनिका का शव कमरे में फर्श पर पड़ा मिला, जिसके बाद परिजनों और आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया। मृतका के भाई की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि राहुल और मोनिका के बीच तीन साल से प्रेम संबंध थे। दोनों की मुलाकात कृष्णानगर में एक कॉस्मेटिक दुकान पर हुई थी, जहां मोनिका काम करती थी और राहुल मेहंदी और टैटू बनाने का काम करता था।

पूछताछ में खुला हत्या का कारण: शादी का दबाव बना वजह

पुलिस पूछताछ में राहुल ने चौंकाने वाले खुलासे किए, जिसने इस हत्याकांड को और भी सनसनीखेज बना दिया। उसने बताया कि मोनिका उस पर लगातार शादी का दबाव बना रही थी, जबकि वह पहले से शादीशुदा था और शादी करने में असमर्थ था। बुधवार को जब मोनिका ने फिर से शादी की बात उठाई, तो दोनों के बीच तीखा विवाद हो गया।

गुस्से में आकर राहुल ने मोनिका का गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद, उसने कमरे में ताला लगाया और नशे की हालत में कृष्णानगर चौकी पहुंचकर पुलिस से कहा, “साहब, मुझे गिरफ्तार कर लो, मैंने अपनी प्रेमिका की हत्या कर दी है।”

राहुल ने बताया कि वह मोनिका से मिलने के लिए दो महीने पहले रामनगर कॉलोनी में किराए का कमरा ले चुका था। बुधवार सुबह उसने मोनिका को फोन कर कमरे पर बुलाया था। विवाद के बाद उसने गुस्से में यह कदम उठाया। पुलिस अधीक्षक (शहर) राजीव कुमार सिंह और सीओ सिटी भूषण वर्मा ने मौके का दौरा किया और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए। पुलिस ने बताया कि हत्या का सटीक मकसद जानने के लिए पूछताछ जारी है।

इस घटना ने सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों में विश्वास की कमी को उजागर किया है। स्थानीय लोग इस बात से स्तब्ध हैं कि प्रेम संबंधों का यह खौफनाक अंत कैसे हो सकता है। मोनिका के परिजनों ने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 103(1) (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है और जांच को गति दी है।

सांसद इकरा हसन पर अभद्र टिप्पणी: करणी सेना उपाध्यक्ष के खिलाफ FIR दर्ज

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणी ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। राणा ने अपने फेसबुक पोस्ट और वीडियो में इकरा हसन से निकाह की बात कहते हुए आपत्तिजनक बयान दिए, जिसमें उन्होंने AIMIM नेताओं असदुद्दीन ओवैसी और अकबरुद्दीन ओवैसी को “जीजा” कहने की शर्त रखी। इस बयान ने न केवल सांसद की गरिमा को ठेस पहुंचाई, बल्कि सामाजिक सौहार्द और महिला सम्मान को भी चोट पहुंचाई। इस मामले में मुरादाबाद पुलिस ने राणा के खिलाफ FIR दर्ज की है।

राणा ने अपने वीडियो में कहा, “इकरा हसन अभी कुंवारी हैं, मैं भी कम सुंदर नहीं हूं। मेरे पास मुरादाबाद में कई मकान और संपत्ति हैं। मैंने अपनी पत्नी से भी इजाजत ले ली है। अगर इकरा हसन मुझसे निकाह करें, तो मैं उन्हें घर में नमाज पढ़ने की इजाजत दूंगा, लेकिन शर्त है कि ओवैसी बंधु मुझे जीजा कहकर बुलाएं।”

इस पोस्ट के वायरल होने के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी रोष फैल गया। पार्टी के जिला अध्यक्ष जयवीर यादव ने इसे महिला सम्मान और संसद की गरिमा पर हमला करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की। विवाद बढ़ने के बाद राणा ने अपनी पोस्ट हटा ली, लेकिन तब तक यह मामला सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से फैल चुका था।

FIR और कानूनी कार्रवाई की मांग

इस मामले में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मुरादाबाद में जोरदार प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर दो दिनों में कार्रवाई की चेतावनी दी। एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से कटघर थाने में शिकायत दर्ज की गई, जिसमें कहा गया कि ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा की गई टिप्पणी न केवल सांसद इकरा हसन के प्रति अपमानजनक है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने और महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य है। पत्र में मांग की गई कि राणा के खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए और उनके सोशल मीडिया अकाउंट को निष्क्रिय करने के लिए संबंधित प्लेटफॉर्म को सूचित किया जाए।

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 73 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणी), धारा 356 (आपराधिक मानहानि), और धारा 356(2) (लैंगिक रूप से अपमानजनक टिप्पणी) के तहत FIR दर्ज की है। इसके अतिरिक्त, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 की धारा 66A और 67 के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। मुरादाबाद पुलिस ने कहा कि जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने इसे महिलाओं के प्रति अपमानजनक और सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला कृत्य बताया। समाजवादी पार्टी के नेताओं और समर्थकों ने इसे मौजूदा सरकार के संरक्षण में की गई “घटिया हरकत” करार दिया। पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इसे मुस्लिम समाज और संसद का अपमान बताया। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश की, लेकिन अधिकांश ने राणा के बयान की निंदा की।

इकरा हसन, जो कैराना से युवा और शिक्षित सांसद हैं, ने इस मामले पर सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वह अपने काम पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। यह घटना भारतीय राजनीति में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपमान और डिजिटल मंचों पर उत्पीड़न के मुद्दों को फिर से उजागर करती है।

यूपी के ऊर्जा मंत्री के मुरादाबाद दौरे में बिजली गुल, 5 अधिकारी निलंबित

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शनिवार को मुरादाबाद के दौरे पर थे। इस दौरान उनके कार्यक्रम में अचानक 10 मिनट के लिए बिजली आपूर्ति ठप हो गई, जिससे हड़कंप मच गया। इस घटना से नाराज ऊर्जा मंत्री ने मंच से ही अपनी नाराजगी जाहिर की। मामले को गंभीरता से लेते हुए बिजली विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया। निलंबित अधिकारियों में मुख्य अभियंता अरविंद सिंघल, अधीक्षण अभियंता सुनील अग्रवाल, अधिशासी अभियंता प्रिंस गौतम, एसडीओ राणा प्रताप और जेई ललित कुमार शामिल हैं।

घटना मुरादाबाद के गांधी पार्क में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां ऊर्जा मंत्री एके शर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम के बीच में तकनीकी गड़बड़ी के कारण बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। 10 मिनट तक बिजली गुल रहने से न केवल कार्यक्रम प्रभावित हुआ, बल्कि यह घटना प्रशासन और बिजली विभाग के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बनी। ऊर्जा मंत्री ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया और मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे अस्वीकार्य बताया।

मंत्री की नाराजगी के बाद बिजली विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। जांच के बाद पाया गया कि बिजली कटौती के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरती। इसके परिणामस्वरूप, विभाग ने पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्रवाई को ऊर्जा विभाग की ओर से एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

यह घटना न केवल मुरादाबाद में, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने हमेशा से बिजली आपूर्ति को सुचारू करने और विभाग में पारदर्शिता लाने की बात कही है। उनके दौरे के दौरान हुई इस घटना ने विभाग की तैयारियों और तकनीकी दक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की और बिजली विभाग की लापरवाही की आलोचना की।

मुरादाबाद के निवासियों का कहना है कि बिजली कटौती की समस्या उनके लिए नई नहीं है। शहर में अक्सर बिना सूचना के बिजली कटौती होती रहती है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने मांग की है कि बिजली विभाग को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए और ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। साथ ही, उन्होंने बिजली आपूर्ति को और बेहतर करने के लिए विभाग को नई योजनाओं और तकनीकी सुधारों पर काम करने का आदेश दिया है। इस घटना ने एक बार फिर बिजली विभाग की जवाबदेही और कार्यक्षमता को सुधारने की आवश्यकता को रेखांकित किया है।

मुरादाबाद में कांवड़ यात्रा के कारण स्कूलों में छह दिन का अवकाश

सावन के पवित्र महीने में कांवड़ यात्रा के चलते मुरादाबाद शहर में ट्रैफिक व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़ और ट्रैफिक जाम की स्थिति को देखते हुए मुरादाबाद में छह दिन के लिए स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है। यह बंदी शहर के मुख्य मार्गों—रामपुर रोड, दिल्ली रोड, और कांठ रोड—के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी स्कूलों पर लागू होगी। इस फैसले का उद्देश्य न केवल बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, बल्कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुगम ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखना भी है।

सावन मास में हर साल लाखों कांवड़िये हरिद्वार से गंगाजल लेकर मुरादाबाद के प्रमुख शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। इस दौरान शहर के प्रमुख मार्गों पर भारी भीड़ और वाहनों का दबाव बढ़ जाता है, जिससे ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। प्रशासन ने इस स्थिति से निपटने के लिए स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है, ताकि बच्चों को स्कूल आने-जाने में किसी तरह की असुविधा या खतरे का सामना न करना पड़े। यह निर्णय माता-पिता और स्कूल प्रबंधन द्वारा भी सराहा जा रहा है, क्योंकि यह बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है।

स्कूल बंदी की तारीखें और प्रभावित क्षेत्र

जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के दौरान छह दिन स्कूल बंद रखने की घोषणा की है। ये तारीखें हैं—21 जुलाई (सोमवार), 23 जुलाई (शिवरात्रि), 26 जुलाई (शनिवार), 28 जुलाई (सोमवार), 2 अगस्त (शनिवार), और 4 अगस्त (सावन का अंतिम सोमवार)। इस दौरान नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के निजी और मान्यता प्राप्त स्कूल बंद रहेंगे। यह बंदी विशेष रूप से मुरादाबाद शहर और इसके प्रमुख मार्गों—रामपुर रोड, दिल्ली रोड, और कांठ रोड—के पांच किलोमीटर के दायरे में लागू होगी। इन क्षेत्रों में कांवड़ियों की आवाजाही सबसे अधिक रहती है, जिसके कारण ट्रैफिक व्यवस्था पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि स्कूल बंदी का निर्णय कांवड़ यात्रा की अवधि और उसकी तीव्रता को ध्यान में रखकर लिया गया है। सावन के इस महीने में कांवड़ियों की भारी भीड़ के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में रुकावट आती है, और कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। इस दौरान स्कूल बसों और अन्य वाहनों का संचालन जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए, प्रशासन ने बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया है। स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस अवधि में ऑनलाइन कक्षाओं या अन्य वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर विचार करें, ताकि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो।

इस फैसले से न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रखने में मदद मिलेगी, बल्कि कांवड़ियों को भी अपनी यात्रा पूरी करने में सुविधा होगी। मुरादाबाद प्रशासन ने सभी नागरिकों से इस निर्णय का पालन करने और कांवड़ यात्रा के दौरान धैर्य और सहयोग बनाए रखने की अपील की है।

छात्रा ने सरेराह छेड़छाड़ करने वाले को सिखाया सबक, 10 मिनट तक बरसाए थप्पड़, जूते से की खातिरदारी

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के शुक्लागंज बाजार में शनिवार की दोपहर एक साहसी घटना ने सभी का ध्यान खींचा। एक युवती ने अपनी हिम्मत और निडरता का परिचय देते हुए उस युवक को सबक सिखाया, जो लंबे समय से उसका पीछा कर परेशान कर रहा था। भीड़भाड़ वाली सड़क पर गुस्से से भरी इस छात्रा ने युवक पर थप्पड़ों की बरसात कर दी और चप्पलों से उसकी पिटाई की। इस घटना का वीडियो एक राहगीर ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो वायरल हो गया, और लोग इस युवती की हिम्मत की तारीफ करने लगे। इस घटना ने समाज में महिलाओं की आत्मरक्षा और साहस की नई मिसाल कायम की है।

घटना गंगाघाट थाना क्षेत्र के शुक्लागंज बाजार में पोनी रोड के पास नीलम स्वीट्स की दुकान के सामने हुई। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और आरोपी युवक को हिरासत में ले लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि युवक ने कई बार छात्रा का पीछा किया और उसे परेशान करने की कोशिश की थी। इस बार छात्रा ने उसका विरोध करने का फैसला किया और उसे सबके सामने सबक सिखाया। स्थानीय लोगों ने भी युवती के साहस की सराहना की और कुछ ने पुलिस को सूचना देकर मामले को तुरंत संज्ञान में लाने में मदद की।

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया

कानपुर के जुहारी देवी कॉलेज में पढ़ने वाली यह छात्रा उस दिन अपनी पढ़ाई पूरी कर घर लौट रही थी, जब यह घटना घटी। पुलिस के अनुसार, आरोपी युवक की पहचान कर ली गई है, और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। गंगाघाट थाना प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच जारी है, और जल्द ही आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बाजार क्षेत्र में गश्त बढ़ाई जाएगी।

इस घटना ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा छेड़ दी है। कई लोगों ने छात्रा की हिम्मत को सलाम किया और इसे महिलाओं के लिए आत्मरक्षा का प्रेरणादायक उदाहरण बताया। कुछ यूजर्स ने टिप्पणी की कि ऐसी घटनाएं समाज में जागरूकता बढ़ाने और छेड़छाड़ जैसी समस्याओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने की जरूरत को दर्शाती हैं। हालांकि, कुछ लोगों ने इस बात पर चिंता जताई कि सार्वजनिक रूप से इस तरह की कार्रवाई से कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। फिर भी, अधिकांश लोग इस बात पर सहमत हैं कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए साहसिक कदम उठाने चाहिए।

यह घटना न केवल उन्नाव बल्कि पूरे देश में महिलाओं के सशक्तिकरण और आत्मरक्षा के महत्व को रेखांकित करती है। स्थानीय प्रशासन ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का वादा किया है।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान, अधिशासी अभियंता के निर्देशों को कर दिया नजरअंदाज

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद के गांव सरकडा परम में बिजली की समस्या ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर रखा है। गांव की बढ़ती आबादी और बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण ग्रामीणों ने सांसद रुचि वीरा से इस समस्या के समाधान की मांग की थी। उनकी मांग पर अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम ने 8 मार्च 2025 को विद्युत वितरण खंड ठाकुरद्वारा को आदेश दिया था कि गांव में जयवीर यादव, पुत्र रामपाल यादव, के निकट एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर स्थापित किया जाए।

यह कदम गांव में बिजली की आपूर्ति को सुचारू करने और ग्रामीणों की परेशानियों को कम करने के लिए उठाया गया था। लेकिन चार महीने बीत जाने के बाद भी यह आदेश हवा में उड़ गया। एसडीओ ठाकुरद्वारा ने अधिशासी अभियंता के निर्देशों को नजरअंदाज कर दिया, जिससे ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गांव के लोग अब इस लापरवाही के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विद्युत विभाग की लापरवाही से ग्रामीण परेशान

गांव के पूर्व प्रधान मनोहर सिंह यादव ने बताया कि सरकडा परम की आबादी काफी बढ़ चुकी है और यह एक बड़े क्षेत्र में फैल गया है। वर्तमान में गांव में केवल एक ही ट्रांसफार्मर है, जो ग्रामीणों की जरूरतों को पूरा करने में असमर्थ है। इस ट्रांसफार्मर से करीब एक किलोमीटर लंबी केबल डालकर बिजली आपूर्ति की जा रही है, जिसके कारण आए दिन बिजली की आपूर्ति में व्यवधान और बिलों में त्रुटियां हो रही हैं।

ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पूर्व प्रधान ने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों के साथ मिलकर सांसद रुचि वीरा को एक शिकायती पत्र सौंपा था, जिसमें गांव की बिजली समस्या का जिक्र किया गया था। सांसद ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अधिशासी अभियंता लोकेश गौतम को पत्र लिखकर तत्काल एक अतिरिक्त ट्रांसफार्मर लगाने की सिफारिश की थी।

अधिशासी अभियंता ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 8 मार्च 2025 को एसडीओ ठाकुरद्वारा को ट्रांसफार्मर स्थापित करने और प्रगति से अवगत कराने का निर्देश दिया था। लेकिन चार महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि बिजली की अनियमित आपूर्ति के कारण उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है। खेती-बाड़ी, घरेलू कार्य और बच्चों की पढ़ाई तक बाधित हो रही है।

ग्रामीणों में विद्युत विभाग के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है और वे अब आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। सांसद रुचि वीरा ने भी इस मामले में अधिकारियों से जवाब मांगा है, लेकिन विद्युत विभाग की उदासीनता के कारण स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगाया जाए, अन्यथा वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे।