मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में नवविवाहिता की हत्या: पति उमर फारुख गिरफ्तार

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के मोहल्ला मुंडो में रहने वाली नवविवाहिता मंतशा की हत्या के मामले में कोतवाली पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए मुख्य आरोपी, मृतका के पति उमर फारुख को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उमर फारुख को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

इस मामले में दहेज हत्या और गला दबाकर हत्या करने के गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मंतशा की मौत ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और परिजनों ने दहेज उत्पीड़न को इस जघन्य अपराध का मुख्य कारण बताया है।

पुलिस के अनुसार, मृतका के पिता इरशाद अली, जो नगर के मोहल्ला नई बस्ती के निवासी हैं, ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने उमर फारुख, उसकी मां (सास), पिता (ससुर), और जेठ के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की।

इरशाद ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी मंतशा को शादी के बाद से ही दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों का कहना है कि दहेज की मांग को लेकर मंतशा को मानसिक और शारीरिक रूप से यातनाएं दी जाती थीं। घटना वाले दिन मंतशा और उमर फारुख के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जो धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई। आरोप है कि इसी दौरान उमर फारुख ने गुस्से में आकर मंतशा का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

जांच में जुटी पुलिस, अन्य आरोपियों की तलाश जारी

मंतशा का शव उसके ससुराल, यानी उमर फारुख के घर से बरामद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। मृतका के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में दहेज उत्पीड़न और हत्या के आरोपों की पुष्टि होने पर पुलिस ने उमर फारुख को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि मामले में अन्य आरोपियों, यानी सास, ससुर, और जेठ की तलाश जारी है। पुलिस टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

इस घटना ने दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों को एक बार फिर से उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में जागरूकता की कमी और दहेज जैसी कुप्रथाओं को दर्शाती हैं। मंतशा के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और सभी दोषियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।

सावन में शिवरात्रि पर भक्तों ने किया जलाभिषेक

पंडित अनिल शर्मा : श्रावण मास की शिवरात्रि पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा में शिव भक्तों ने उत्साहपूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक किया। ठाकुरद्वारा निवासी मोहित सिंघल की अगुवाई में दर्जनभर शिव भक्त मंगलवार को अपने वाहनों से हरिद्वार रवाना हुए। उन्होंने वहां से डाक कांवड में गंगाजल लाकर नगर के प्रसिद्ध मंढ़ी मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। बुधवार को शिवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों ने विधि-विधान से गंगाजल से जलाभिषेक किया और भगवान शिव के जयकारे लगाए।

भक्तिमय हुआ ठाकुरद्वारा का माहौल

शिव भक्तों के जयकारों से ठाकुरद्वारा का माहौल भक्तिमय हो गया। मंढ़ी मंदिर, जो हाईवे पर स्थित है, में भक्तों की भीड़ उमड़ी। जलाभिषेक में आरूष अग्रवाल, निवेश अग्रवाल, पार्थ अग्रवाल, अर्चित अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल, चेतन वर्मा, राहुल अग्रवाल, सार्थक रूहेला, सक्ष्म अग्रवाल सहित कई भक्त शामिल रहे। इस आयोजन ने क्षेत्र में धार्मिक उत्साह को और बढ़ा दिया, और श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की कामना की।

मुरादाबाद में बैंक लॉकर से 30 लाख के जेवरात चोरी: फिल्मी अंदाज में हुआ खुलासा

लॉकर में रखे जेवरात गायब, ग्राहक के उड़े होश

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। मझोला थाना इलाके के दिल्ली रोड पर स्थित आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में एक ग्राहक के करीब 30 लाख रुपये की कीमत के जेवरात लॉकर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। ग्राहक ने अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए बैंक के लॉकर का सहारा लिया था, यह सोचकर कि वहां उनके गहने पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। लेकिन जब उसे पता चला कि उसके जेवरात लॉकर से गायब हैं, तो उसके होश उड़ गए। इस घटना ने न केवल ग्राहक को झकझोर दिया, बल्कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए।

ग्राहक ने बैंक में 3 लाख रुपये का लोन लिया था और इसके बदले 365.53 ग्राम सोना लॉकर में गिरवी रखा था। यह सोना उसकी जिंदगी की धरोहर था, जिसे उसने बड़े जतन से सहेजा था। लेकिन जब वह अपने गहनों की स्थिति जानने बैंक पहुंचा, तो उसे लॉकर खाली मिला। इस खुलासे के बाद बैंक परिसर में हंगामा मच गया। ग्राहक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

बैंक मैनेजर ने दर्ज कराई शिकायत, दो कर्मचारी निशाने पर

जांच-पड़ताल शुरू होने के बाद मामला और भी पेचीदा हो गया। बैंक मैनेजर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और अपने ही दो कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि लॉकर से जेवरात गायब होने के पीछे बैंक के ही कुछ कर्मचारियों का हाथ हो सकता है। पुलिस ने दोनों कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की, और मामला धीरे-धीरे सुलझने लगा। यह खुलासा बैंक के ग्राहकों के लिए और भी चौंकाने वाला था, क्योंकि जिन कर्मचारियों पर वे भरोसा करते थे, वही इस चोरी में शामिल हो सकते थे।

पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच शुरू की। साथ ही, लॉकर की सुरक्षा प्रणाली की भी गहन छानबीन की जा रही है। यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद जेवरात कैसे गायब हो गए। क्या यह चोरी सुनियोजित थी, या फिर इसमें किसी तरह की सेंधमारी हुई? पुलिस इस मामले को हर कोण से जांच रही है।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, ग्राहकों में दहशत

इस घटना ने न केवल बैंक की साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन तमाम ग्राहकों में दहशत पैदा कर दी है, जो अपने कीमती सामान को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों के लॉकर पर निर्भर हैं। मुरादाबाद के इस मामले ने पूरे देश में बैंक लॉकरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि अगर बैंक जैसे सुरक्षित स्थान में भी उनकी संपत्ति सुरक्षित नहीं है, तो फिर वे भरोसा कहां करें।

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को सजा दिलवाएगी। साथ ही, बैंक प्रबंधन ने भी ग्राहक को भरोसा दिलाया है कि उनकी हानि की भरपाई की जाएगी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर बैंकों की जवाबदेही और सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। यह मामला अभी जांच के दायरे में है, और जल्द ही इसके पूरे सच का खुलासा होने की उम्मीद है।

हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश, दो महिलाओं समेत चार गिरफ्तार, सेवानिवृत्त कर्मचारी को बनाया था निशाना

नागफनी पुलिस ने एक हनी ट्रैप गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो महिलाओं समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को मैसेज करके अपनी बातों में फंसाता था और उनके साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रंगदारी वसूल करता था। गिरफ्तार आरोपितों में दीवान का बाजार निवासी महक, गुलाबरा निवासी रानी, मझोला क्षेत्र के एकता कॉलोनी निवासी राहुल शर्मा और राधेश्याम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहा था और कई लोगों को अपना शिकार बना चुका था।

पुलिस ने बताया कि इस गैंग का तरीका बेहद शातिराना था। दोनों महिलाएं पहले लक्षित व्यक्ति को मैसेज करती थीं और फोन पर बातचीत शुरू करती थीं। धीरे-धीरे वे पीड़ित को अपने जाल में फंसाती थीं और उसे किसी सुनसान जगह या आवास पर बुलाती थीं। वहां गिरोह के अन्य सदस्य मिलकर पीड़ित का आपत्तिजनक वीडियो बना लेते थे। इसके बाद वीडियो को सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम की उगाही की जाती थी।

सेवानिवृत्त कर्मचारी को बनाया निशाना, पुलिस ने की कार्रवाई

इस मामले में ठाकुरद्वारा निवासी एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रूप किशोर को निशाना बनाया गया। आरोपित महिलाओं ने रूप किशोर को मैसेज कर बातचीत शुरू की और उसे मंगलवार को शहर के एक आवास पर बुलाया। वहां गिरोह ने उनकी आपत्तिजनक वीडियो बना ली और 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगनी शुरू कर दी। डर के मारे कर्मचारी ने 50 हजार रुपये दे दिए, लेकिन आरोपितों का लालच यहीं नहीं रुका। वे उसे उसकी ही कार में बैठाकर ठाकुरद्वारा रोड की ओर ले जाने लगे। रास्ते में रूप किशोर ने पुलिस को देखकर शोर मचाया, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी की और चार आरोपितों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, दो अन्य आरोपित मौके से भागने में सफल रहे।

बुधवार को एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। इस गैंग ने पहले भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस अब फरार दो अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है। एसपी ने बताया कि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और जल्द ही बाकी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अनजान मैसेज या कॉल्स पर भरोसा न करें और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में तहसील परिसर से यूकेलिप्टस पेड़ों की चोरी

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में रविवार की सुबह चोरों ने तहसील परिसर में खड़े हजारों रुपये की कीमत के यूकेलिप्टस के पेड़ चोरी से काटकर फरार हो गए। इस सनसनीखेज घटना ने स्थानीय प्रशासन को हिलाकर रख दिया। जानकारी के अनुसार, चोरों ने रविवार की तड़के मौका पाकर तहसील परिसर में प्रवेश किया और वहां मौजूद तीन मूल्यवान यूकेलिप्टस के पेड़ों को काट लिया। इन पेड़ों की अनुमानित कीमत 30,000 रुपये से अधिक बताई जा रही है। चोरों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली और पेड़ काटने की मशीन का उपयोग कर इस घटना को अंजाम दिया और मौके से फरार हो गए।

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है, क्योंकि तहसील परिसर जैसी सुरक्षित जगह पर इस तरह की चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सूचना मिलने पर तहसीलदार प्रवीण सिंह तुरंत मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में तहसीलदार ने संदेह जताया कि इस चोरी में तहसील के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत हो सकती है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

जांच शुरू, सीसीटीवी फुटेज की हो रही पड़ताल

तहसीलदार प्रवीण सिंह ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद पुलिस को सूचित किया और आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी गई है। तहसील परिसर के पास मौजूद कैमरों से प्राप्त फुटेज को खंगाला जा रहा है ताकि चोरों की पहचान हो सके। तहसीलदार ने कहा कि पेड़ काटने और उन्हें बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने तहसील परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं, क्योंकि एक सप्ताह पहले तेज आंधी-बारिश के कारण ये पेड़ क्षतिग्रस्त हुए थे, और संभवतः चोरों ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया।

स्थानीय प्रशासन ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और जल्द से जल्द दोषियों को पकड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तहसील परिसर में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाए। पुलिस और प्रशासन अब इस मामले की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि चोरों को शीघ्र पकड़ा जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में पति ने की पत्नी की गला घोटकर हत्या, पुलिस पर उठे सवाल

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां पति-पत्नी के आपसी विवाद में पति ने अपनी पत्नी मंतशा की गला घोटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद आरोपी पति फरार हो गया। मृतका के पिता इरशाद अली ने उसी दिन पुलिस को तहरीर देकर मामला दर्ज करने की मांग की थी, लेकिन मंगलवार की शाम तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न होने से परिजनों और रिश्तेदारों का गुस्सा फूट पड़ा। भारी संख्या में लोग कोतवाली पहुंचे और पुलिस पर हत्या के आरोपी से साठगांठ का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

हंगामे के दौरान परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया और पूछा कि सोमवार को दी गई तहरीर का क्या हुआ। पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह समझा-बुझाकर स्थिति को शांत करने की कोशिश की और परिजनों से दूसरी तहरीर देने को कहा, जिससे परिजन और भड़क गए। घंटों चले हंगामे के बाद कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने परिजनों को शांत किया और दूसरी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया।

दहेज उत्पीड़न का गंभीर आरोप, परिवार ने बताई आपबीती

मृतका मंतशा के पिता इरशाद अली ने दूसरी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी की शादी 26 जनवरी 2025 को वार्ड नंबर 16 निवासी फारूक, पुत्र रईस अहमद, के साथ मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही फारूक, उसका भाई शरीफ अहमद, पिता रईस अहमद और माता अनीशा ने मंतशा के साथ दहेज की मांग को लेकर मारपीट, गाली-गलौज और उत्पीड़न शुरू कर दिया। इरशाद अली ने बताया कि कई बार उनके दामाद और उसके परिजनों को समझाने की कोशिश की गई, लेकिन उनकी दहेज की मांग कम नहीं हुई।

इरशाद ने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि 21 जुलाई 2025 को फारूक, उसके भाई, माता-पिता और अन्य परिजनों ने मिलकर आपराधिक साजिश रची और मंतशा की गला घोटकर हत्या कर दी। सूचना मिलने पर जब परिवार और रिश्तेदार मौके पर पहुंचे, तो सभी आरोपी फरार हो चुके थे। मंतशा को अचेत अवस्था में पाया गया, उसके गले पर निशान थे। परिजन उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, जांच शुरू

लंबे हंगामे और परिजनों के दबाव के बाद कोतवाली प्रभारी जसपाल सिंह ग्वाल ने तहरीर के आधार पर फारूक, उसके भाई शरीफ अहमद, पिता रईस अहमद और माता अनीशा के खिलाफ हत्या और दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी की जा रही है। इस घटना ने स्थानीय स्तर पर दहेज उत्पीड़न और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को फिर से चर्चा में ला दिया है। परिजनों ने मांग की है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर की शिकायत अब जान के पीछे पड़ गए दबंग, गांव में मचा हड़कंप

 उत्तर प्रदेश के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के कमालपुरी खालसा गांव में एक साधारण ग्रामीण, मोहम्मद रफी उर्फ छोटे, ने ग्राम समाज की जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ आवाज उठाई। लेकिन यह साहसिक कदम उनके लिए मुसीबत का सबब बन गया। रफी ने बताया कि एक तरफ जहां दबंग उनकी जान के पीछे पड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस की मिलीभगत के चलते उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने का डर सता रहा है। इस अन्याय के खिलाफ उन्होंने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल तक अपनी फरियाद पहुंचाई, मगर उनकी जिंदगी अब खतरे में है। यह कहानी न केवल एक व्यक्ति की हिम्मत को दर्शाती है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जमीन के अवैध कब्जे की गंभीर समस्या को भी उजागर करती है।

अवैध निर्माण का पुराना विवाद

कमालपुरी खालसा गांव में गाटा संख्या 494 की 2.9 डिसमिल ग्राम समाज की जमीन पर गांव के ही राजीव उर्फ सुदेश ने अवैध रूप से मकान बनाना शुरू किया था। रफी ने कई महीने पहले इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत का असर हुआ और राजस्व प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। लेकिन मंगलवार को राजीव ने प्रशासन को खुलेआम चुनौती देते हुए विवादित मकान पर लिंटर डालने की कोशिश की। रफी ने तत्काल इसकी सूचना प्रशासन को दी, जिसके बाद उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने सख्त रुख अपनाते हुए निर्माण कार्य को दोबारा रोक दिया। प्रीति सिंह ने स्पष्ट किया कि ग्राम समाज की एक इंच जमीन पर भी अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

समझौते का उल्लंघन और धमकियां

रफी के मुताबिक, पहले भी इस मामले में सामाजिक स्तर पर समझौता हुआ था। गांव के लोगों की मौजूदगी में राजीव ने वादा किया था कि वह ग्राम समाज की जमीन को कब्जामुक्त कर देगा। मगर, उसने न केवल अपने वादे को तोड़ा, बल्कि फिर से अवैध निर्माण शुरू कर दिया। जब रफी ने इसकी शिकायत दोबारा की, तो राजीव ने उन पर पैसे लेकर समझौता करने का झूठा आरोप लगाया और झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी दी। रफी का कहना है कि यह सब उनकी आवाज को दबाने की साजिश है।

जानलेवा हमले का डर

मामला यहीं नहीं रुका। रफी ने बताया कि सोमवार की शाम, जब वह उत्तराखंड के बाजपुर से एक रिश्तेदार के दाह संस्कार से लौट रहे थे, तभी भंवालपुरे के बाग के पास राजीव के परिवार वालों ने उन पर हमला करने की कोशिश की। किसी तरह वह वहां से भाग निकले, लेकिन अब उनकी जान को लगातार खतरा बना हुआ है। रफी का कहना है कि दबंगों की धमकियों और पुलिस की निष्क्रियता के कारण वह डर के साए में जी रहे हैं। उनकी शिकायत, जो ग्राम समाज की जमीन को बचाने की कोशिश थी, अब उनके लिए मुसीबत बन चुकी है।

प्रशासन की जवाबदेही और भविष्य

उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह की त्वरित कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि प्रशासन अवैध कब्जे के खिलाफ सख्त रुख अपनाने को तैयार है। लेकिन रफी जैसे साधारण ग्रामीणों की सुरक्षा एक बड़ा सवाल है। ग्राम समाज की जमीन पर अवैध कब्जे की समस्या उत्तर प्रदेश के कई गांवों में आम है, और इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। रफी की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या साहस के साथ सच बोलने की कीमत इतनी भारी होनी चाहिए? प्रशासन को न केवल अवैध निर्माण रोकने, बल्कि शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी ठोस कदम उठाने होंगे।

पुलिस कार्रवाई और सपा का विरोध: योगेंद्र राणा फरार, मोबाइल स्विच ऑफ

करणी सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा द्वारा समाजवादी पार्टी (सपा) की कैराना सांसद इकरा हसन के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मचा दी है। राणा ने एक वीडियो और पोस्ट में सांसद इकरा हसन से निकाह का प्रस्ताव देते हुए अभद्र और असंवेदनशील टिप्पणी की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी में आक्रोश फैल गया।

इस मामले में मुरादाबाद के कटघर थाने में सुनीता सिंह की तहरीर पर राणा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), धारा 356(2) (आपराधिक मानहानि) और आईटी एक्ट की धारा 67 (आपत्तिजनक सामग्री का प्रसार) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।वीडियो वायरल होने के बाद मुरादाबाद की सपा इकाई ने त्वरित कार्रवाई की मांग की।

शनिवार को सपा के जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने एसपी सिटी से मुलाकात की। इस दौरान सपा की महानगर अधिवक्ता सभा की अध्यक्ष सुनीता सिंह ने तहरीर दी, जिसमें उन्होंने राणा की टिप्पणी को अशोभनीय, अपमानजनक और सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने वाला बताया। सुनीता ने कहा कि इस तरह की टिप्पणी एक निर्वाचित महिला सांसद के सम्मान को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ पूरे महिला समाज और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है।

मामला दर्ज होने के बाद ठाकुर योगेंद्र राणा फरार हो गए हैं और उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ है। मुरादाबाद पुलिस उनकी तलाश में संभावित स्थानों पर छापेमारी कर रही है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि वीडियो की जांच शुरू कर दी गई है और आरोपी को शीघ्र गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इस घटना को न केवल इकरा हसन, बल्कि पूरे मुस्लिम समाज और भारतीय संसद का अपमान बताया। उन्होंने सरकार से कठोर कार्रवाई की मांग की और सवाल उठाया कि जब एक महिला सांसद का सार्वजनिक अपमान हो सकता है, तो आम महिलाओं की सुरक्षा की क्या गारंटी है? सपा सांसद रुचि वीरा ने भी इस मामले को संसद में उठाने की बात कही।

इस विवाद ने सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर व्यापक बहस छेड़ दी है। कई नेताओं और संगठनों ने राणा की टिप्पणी की निंदा करते हुए इसे समाज में नफरत फैलाने का प्रयास बताया। दूसरी ओर, राष्ट्रीय करणी सेना संघ के अध्यक्ष नीरज सिंह चौहान ने दावा किया कि योगेंद्र राणा का उनकी संगठन से कोई संबंध नहीं है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ड्रोन की रहस्यमयी उड़ान से दहशत,स्योहारा में दुखद हादसा

ग्रामीण इलाकों में फैली बेचैनी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, संभल, बदायूं और हापुड़ के गांवों और कस्बों में रहस्यमयी ड्रोन की उड़ान ने लोगों में भय और बेचैनी का माहौल पैदा कर दिया है। रात के समय आसमान में मंडराते ये ड्रोन अब केवल अज्ञात उड़ने वाली वस्तुएं नहीं हैं, बल्कि इनके दिखने के बाद चोरी, लूट और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की घटनाओं ने ग्रामीणों को चिंता में डाल दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन ड्रोन की मौजूदगी के बाद असामाजिक तत्व सक्रिय हो गए हैं, जिससे रात में घरों की सुरक्षा को लेकर डर बढ़ गया है। कई गांवों में लोग रात में जागकर पहरा दे रहे हैं, और सामूहिक रूप से निगरानी कर रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है, लेकिन अभी तक ड्रोन के स्रोत या उनके संचालकों का कोई पुख्ता सुराग नहीं मिल सका है।

स्योहारा में दुखद हादसा

बिजनौर के स्योहारा थाना क्षेत्र के गांव कोलासागर में ड्रोन से जुड़ा एक दुखद हादसा सामने आया है। 45 वर्षीय सुरेंद्र उर्फ सोनू की छत से गिरकर मौत हो गई, जब वह रात में ड्रोन की वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा था। बताया जाता है कि सुरेंद्र छत पर सो रहा था, तभी ड्रोन की आवाज सुनकर वह जाग गया और अपने मोबाइल से वीडियो बनाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नीचे गिर पड़ा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस इस घटना को सामान्य हादसा मान रही है और पोस्टमॉर्टम के बाद आगे की जांच कर रही है। हालांकि, ग्रामीण इस घटना को रहस्यमयी ड्रोन की गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं और इसे लेकर और अधिक आशंकाएं बढ़ गई हैं। इस हादसे ने इलाके में डर का माहौल और गहरा कर दिया है।

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ड्रोन की उड़ान पर तुरंत रोक लगाई जाए और उनके संचालकों की पहचान की जाए। कुछ ग्रामीणों का मानना है कि ये ड्रोन तस्करी, जासूसी या अन्य अवैध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं। अमरोहा के एक निवासी ने कहा, “रात में ड्रोन की आवाज सुनकर लोग डर जाते हैं। प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।” पुलिस ने कुछ इलाकों में ड्रोन की निगरानी के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक का उपयोग शुरू किया है, लेकिन उनकी सीमित पहुंच के कारण यह प्रयास अपर्याप्त साबित हो रहा है। ग्रामीणों ने रात में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध और जागरूकता अभियान की मांग की है। प्रशासन ने केंद्र सरकार और तकनीकी विशेषज्ञों से सहायता मांगी है ताकि इन ड्रोन के स्रोत का पता लगाया जा सके। इस बीच, लोग अपनी सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से रात में गश्त कर रहे हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

UP के जंगल में मिला यह अनोमल ‘खजाना’ बदल सकता है पूरे भारत की तकदीर…

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के म्योरपुर ब्लॉक में स्थित चितपहरी जंगल में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) ने एक महत्वपूर्ण अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत यूरेनियम जैसे मूल्यवान खनिजों की खोज के लिए 1100 फीट गहरी खुदाई की जा रही है। यह कार्य पूरी तरह गुप्त रखा गया है, और सुरक्षा कारणों से इसे गोपनीयता के साथ अंजाम दिया जा रहा है। परमाणु ऊर्जा विभाग की विशेषज्ञ टीम हेलीकॉप्टर और एरो मैग्नेटिक सिस्टम जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग कर इस क्षेत्र में यूरेनियम भंडार की मौजूदगी की पुष्टि करने में जुटी है। यह खोज न केवल सोनभद्र बल्कि देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

सोनभद्र का यह क्षेत्र पहले भी खनिज संपदा के लिए चर्चा में रहा है। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) की टीम ने इस क्षेत्र में सोने और अन्य खनिजों की मौजूदगी की पुष्टि की थी। अब यूरेनियम की खोज ने इस क्षेत्र को और महत्वपूर्ण बना दिया है। परमाणु ऊर्जा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि चितपहरी जंगल और आसपास के क्षेत्रों में यूरेनियम की मौजूदगी की संभावना काफी अधिक है। इस खोज से भारत की परमाणु ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है, क्योंकि यूरेनियम परमाणु रिएक्टरों में ईंधन के रूप में उपयोग होता है।

यूरेनियम खनन का महत्व और भविष्य की संभावनाएं

यूरेनियम एक दुर्लभ और अत्यंत मूल्यवान खनिज है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में बिजली उत्पादन के लिए किया जाता है। एक किलोग्राम यूरेनियम से 24,000 मेगावाट बिजली उत्पन्न की जा सकती है, जो इसे ऊर्जा के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है। सोनभद्र में यूरेनियम भंडार की खोज भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। यह खोज न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारत को वैश्विक परमाणु ऊर्जा बाजार में मजबूत स्थिति प्रदान कर सकती है।

हालांकि, इस खनन प्रक्रिया से पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर भी प्रभाव पड़ सकता है। खनन के कारण जंगल और आसपास के क्षेत्रों में पर्यावरणीय बदलाव हो सकते हैं, और स्थानीय लोगों के विस्थापन का मुद्दा भी उठ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यूरेनियम की गुणवत्ता और उसकी मात्रा का आकलन करने के लिए अभी और सर्वेक्षण की आवश्यकता है। परमाणु ऊर्जा विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े सुरक्षा मानकों का पालन करने का आश्वासन दिया है ताकि पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। इस अभियान के परिणाम आने वाले महीनों में स्पष्ट होंगे, और यह भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक नया अध्याय खोल सकता है।