महक-परी के बाद अब गालीबाज़ यूट्यूबर आमिर गिरफ्तार, साधु-संतों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में रहने वाले यूट्यूबर मोहम्मद आमिर को पुलिस ने 25 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आमिर पर अपने यूट्यूब चैनल ‘TRT’ के माध्यम से साधु-संतों और देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने और समाज में घृणा फैलाने का आरोप है। एक वायरल वीडियो में आमिर साधु के भेष में भद्दी गालियां देता दिखाई दिया, जिसने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मुरादाबाद के निवासी अमन ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मुरादाबाद पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आमिर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (अश्लील कृत्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद आमिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

सामाजिक और धार्मिक संदर्भ

यह मामला धार्मिक संवेदनशीलता से गहराई से जुड़ा है। आमिर के वीडियो में साधु-संतों और देवी-देवताओं का अपमान किया गया, जिससे स्थानीय समुदाय में तीव्र आक्रोश फैल गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई यूजर्स ने मुरादाबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस तरह के भड़काऊ और आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं। उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कंटेंट के खिलाफ पुलिस का अभियान तेज है। हाल ही में मेरठ में 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई इसका उदाहरण है। इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव और विभाजन को बढ़ावा दे सकती हैं, जिसके चलते प्रशासन और पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं।

कानूनी और सामाजिक प्रभाव

मोहम्मद आमिर की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर कंटेंट निर्माण और उसकी जिम्मेदारी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ, इस तरह के मामलों में कानूनी कार्रवाई और जागरूकता दोनों की जरूरत है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल के महीनों में ऐसे कई मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, जिससे यह संदेश गया है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कंटेंट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। X पर कई यूजर्स ने मांग की है कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी ऐसी सामग्री की निगरानी के लिए और सख्त नीतियां लागू करनी चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और उससे उत्पन्न होने वाली सामाजिक चुनौतियों को उजागर किया है।

Moradabad News: ठाकुरद्वारा में बरामद हुआ मांस और हथियार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहित आठ पर मुकदमा दर्ज

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने गौवध निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 125 किलोग्राम गौवंशीय मांस के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में की गई, जहां पुलिस ने एक नीले रंग के छोटा हाथी वाहन से मांस, काटने के उपकरण, तराजू, बाट और अन्य सामग्री बरामद की। हालांकि, इस दौरान पांच अन्य आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहे। पुलिस ने बरामद मांस का सैंपल जांच के लिए भेजा है और फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई

ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में कांवड़ सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक कुलदीप कुमार को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम काला झांडा की नहर पटरी के पास कुछ लोग एक वाहन में अवैध रूप से गौमांस ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई शुरू की और संदिग्ध वाहन (रजि. नं. UK18CA0743) को रोक लिया। वाहन रोकते ही उसमें सवार पांच लोग खेतों की ओर भाग निकले, लेकिन पुलिस ने कमरुद्दीन पुत्र अली हसन, अली हसन पुत्र अकबर अली, और गुलशन पुत्री अली हसन (तीनों निवासी ग्राम किशनपुर गांवड़ी) को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। वाहन की तलाशी में 125 किलोग्राम गौवंशीय मांस, एक कुल्हाड़ी, दो छुरियां, लकड़ी का गुटका, तराजू मय बाट, चार प्लास्टिक के कट्टे, और मांस ले जाने वाला वाहन बरामद किया गया। पुलिस ने बरामद सामान की वीडियोग्राफी भी कराई।

विश्व हिंदू परिषद ने जताया आक्रोश, फरार आरोपियों की तलाश जारी

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जंगल के पास खेत में गौवंशीय पशु का वध कर मांस बेचने की योजना बना रहे थे। इस घटना की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और घटना पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस क्षेत्र में गौवंशीय पशुओं के अवैध कटान की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। पुलिस ने मौके से फरार हुए आरोपियों की पहचान पूर्व जिला पंचायत सदस्य जरीफ मलिक, मोहम्मद उमर, मोहम्मद सगीर, शकील पुत्र जमील, और शमशुद्दीन पुत्र अली हसन के रूप में की है।

इनकी तलाश के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। मौके पर पहुंचे उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शिवकुमार राणा ने बरामद मांस का सैंपल लिया, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 3/5(क)/8 गौवध निवारण अधिनियम और धारा 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के जिला विधिक प्रमुख साजन शर्मा, जिला मंत्री पंकज सिंह, नगर अध्यक्ष लकी चौहान, नगर उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह, और पथरखेड़ा शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा भी मौके पर मौजूद रहे।

मुरादाबाद के पत्थरखेड़ा गांव में बरामद हुआ मांस और हथियार,महिला समेत तीन हिरासत में

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के पत्थरखेड़ा गांव में शुक्रवार को गोवंश काटे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने मौके से नौ कट्टों में भरा गोवंश का मांस बरामद किया है। इसके साथ ही तराजू, चाकू, छुरी और अन्य सामान भी जब्त किया गया। इस घटना में एक महिला समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह घटना क्षेत्र में तनाव का कारण बन गई है।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का हस्तक्षेप

पत्थरखेड़ा शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा ने बताया कि गोवंश कटान की सूचना मिलने पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता तुरंत मौके पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने तीन लोगों को गोवंश का मांस काटते हुए रंगे हाथों पकड़ा। बरामद सामान को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। महंत ने बताया कि इस घटना से गांव में आक्रोश का माहौल है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस मामले की तह तक जाया जा सके। स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

ड्रोन वाला चोर समझ ग्रामीणों ने प्रेमी की कर दी कुटाई, आधी रात को पहुंचा था प्रेमिका से मिलने

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इन दिनों रात में उड़ने वाले ड्रोन की दहशत फैली हुई है। लोग रात के समय आसमान में ड्रोन देखकर डर रहे हैं और इसे चोरों या संदिग्ध गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं। इस डर के बीच बरेली जिले के सिरौली कस्बे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ड्रोन चोर की अफवाह ने एक युवक की जान पर बन आई। यह घटना मंगलवार रात करीब दो बजे की है, जब एक युवक अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए आधी रात को उसके घर पहुंचा। लेकिन, मोहल्ले वालों ने उसे ड्रोन चोर समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के बीच डर को दर्शाती है, बल्कि अफवाहों के चलते होने वाली गलतफहमियों को भी उजागर करती है।

प्रेमी की रात में मुलाकात, बन गया हंगामा

सिरौली कस्बे के एक मोहल्ले में मंगलवार देर रात उस समय हंगामा मच गया, जब एक युवक अपनी प्रेमिका के बुलावे पर उसके घर पहुंचा। युवक ने छिपकर प्रेमिका के घर में प्रवेश किया, लेकिन वहां से निकलते समय उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। मोहल्ले के कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ गई और उन्होंने उसे संदिग्ध समझ लिया। ड्रोन चोर की अफवाह के चलते लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने बिना कुछ सोचे-समझे युवक को दबोच लिया और लाठी-डंडों से उसकी पिटाई शुरू कर दी। युवक ने अपनी सफाई देने की कोशिश की, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसकी एक न सुनी। इस बीच, युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा।

पुलिस ने बचाई जान, मामला सुलझा

हंगामे की सूचना मिलते ही सिरौली पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ से युवक को बचाकर थाने ले गई। पुलिस की समय पर हस्तक्षेप ने युवक की जान बचा ली। थाने में पूछताछ के दौरान युवक ने बताया कि वह अपनी प्रेमिका से मिलने आया था और उसका कोई गलत इरादा नहीं था। इस बीच, प्रेमिका के परिवार और मोहल्ले वालों के बीच बातचीत हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। कोतवाल जगत सिंह ने बताया कि इस मामले में कोई लिखित शिकायत या तहरीर नहीं मिली है, इसलिए युवक को छोड़ दिया गया। इस घटना को लेकर करीब दो घंटे तक मोहल्ले में ड्रामा चलता रहा। यह मामला न केवल ड्रोन की दहशत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अफवाहें और गलतफहमियां कितनी जल्दी स्थिति को बिगाड़ सकती हैं।

सांसद अफजाल अंसारी ने NH-31 को फोरलेन बनाने की उठाई मांग, नितिन गडकरी से करी मुलाकात

गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने आज केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और गाजीपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-31) को फोरलेन में तब्दील करने की मांग रखी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मार्ग पहले से ही नेशनल हाईवे के रूप में अधिसूचित है, जिसके कारण इसके लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि परियोजना की लागत को भी कम करेगा। सांसद ने बताया कि इस मार्ग के फोरलेन होने से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच आवागमन सुगम होगा, जिससे व्यापार, यात्रा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

अफजाल अंसारी ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि NH-31 पूर्वांचल और बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस मार्ग पर रोजाना भारी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है, जिसके कारण अक्सर जाम की स्थिति बनती है। फोरलेन निर्माण से न केवल यातायात की भीड़ कम होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने गडकरी से इस परियोजना को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया ताकि क्षेत्र के लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।

पूर्वांचल की आवाज़: अफजाल अंसारी का जनहित में प्रयास

पूर्वांचल की सियासत में एक जाना-माना नाम, अफजाल अंसारी, जो स्वर्गीय मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं, हमेशा से जनता के मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं। गाजीपुर से सांसद के रूप में, वह क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। NH-31 को फोरलेन बनाने की उनकी मांग भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से न केवल गाजीपुर, बल्कि आसपास के जिलों जैसे बलिया, मऊ और बिहार के हाजीपुर, पटना जैसे क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ होगा।

अफजाल अंसारी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को समझते हुए इस मुद्दे को केंद्रीय स्तर पर उठाया है। उनके इस प्रयास से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही उन्हें बेहतर सड़क सुविधाएं मिलेंगी। यह मार्ग न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि व्यापारियों और उद्यमियों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूर्वांचल को बिहार और अन्य राज्यों से जोड़ता है।

क्षेत्रीय विकास और भविष्य की संभावनाएं

NH-31 के फोरलेन होने से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह मार्ग पूर्वांचल के कई जिलों को जोड़ता है और इसका उन्नयन क्षेत्र में निवेश और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर सड़क संपर्क से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी। इसके अलावा, इस परियोजना से रोजगार सृजन के नए अवसर भी पैदा होंगे।

सांसद अफजाल अंसारी ने इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से यह भी अनुरोध किया कि परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए आवश्यक बजट और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। गडकरी ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया और आश्वासन दिया कि इस मांग पर विचार किया जाएगा। स्थानीय लोग अब इस परियोजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे वर्षों से चली आ रही यातायात समस्याओं से निजात पा सकें।

ब्लैकमेलिंग का जाल: हाय-हेलो से शुरू, वसूली पर खत्म

सिविल लाइंस पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया और वॉट्सएप का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग का जाल बुनता था। यह गिरोह खास तौर पर 40 साल से अधिक उम्र के संपन्न व्यक्तियों को निशाना बनाता था। गिरोह की महिलाएं वॉट्सएप पर ‘हाय’ का मैसेज भेजकर शिकार को फंसाने की शुरुआत करती थीं। जवाब मिलने पर कुछ घंटों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं देतीं और फिर ‘गलती से मैसेज’ होने का बहाना बनाकर बातचीत शुरू करती थीं। धीरे-धीरे बात को अपने एजेंडे पर लाकर वे व्यक्ति को अकेले में मुलाकात का लालच देती थीं। मुलाकात के दौरान पहले से मौजूद गिरोह की पूरी टीम अपनी भूमिका निभाती थी। जैसे ही वीडियो बन जाता, ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता। चारों तरफ से फंसा व्यक्ति रुपये देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं देख पाता था।

रेकी से शुरू होता था शिकार का चयन

गिरोह का पहला कदम था रेकी के जरिए ऐसे व्यक्ति की तलाश करना, जो 40 साल से अधिक उम्र का हो और आर्थिक रूप से सक्षम हो। पुरुष सदस्यों की जिम्मेदारी थी कि वे ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करें, जो महिलाओं से बात करने में रुचि रखते हों। खासकर उन लोगों को निशाना बनाया जाता था, जो किसी सरकारी विभाग में नौकरी करते हों, जिनकी पत्नी न हो या जो सेवानिवृत्त हो चुके हों। दीवान का बाजार निवासी महक उर्फ फरीदा (35 वर्ष) और गुलाबराय का बाग निवासी रानी (28 वर्ष) इस गिरोह की मुख्य महिला सदस्य थीं। अन्य सदस्यों में एकता कॉलोनी निवासी राहुल शर्मा, चंदनपुर इशापुर मूंढापांडे निवासी राधेश्याम, सोनू शर्मा और अमन शामिल थे। सभी की भूमिकाएं पहले से तय थीं।

उम्र का खेल और वसूली का जाल

महक की उम्र 35 वर्ष होने के कारण युवा पुरुष उसके झांसे में कम आते थे। वहीं, रानी की उम्र 28 वर्ष होने के चलते लोग उसके प्रति जल्दी आकर्षित हो जाते थे। वॉट्सएप पर बातचीत का जिम्मा महक संभालती थी, लेकिन जब चेहरा दिखाने या मुलाकात की बारी आती, तो रानी को आगे कर दिया जाता। पुलिस के अनुसार, गिरोह ‘हाय-हेलो’ के मैसेज के बाद महज पांच दिनों के भीतर शिकार को अपने जाल में फंसा लेता था। मुलाकात के दौरान बनाए गए वीडियो के आधार पर ब्लैकमेलिंग शुरू होती, और पीड़ित को भारी रकम चुकानी पड़ती। सिविल लाइंस पुलिस ने इस गिरोह के सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया है और मामले की गहन जांच कर रही है।

ठाकुरद्वारा में ड्रोन के दुरुपयोग पर प्रशासन सख्त, ड्रोन का उल्लंघन करने पर 5,00,000 का जुर्माना

पंडित अनिल शर्मा: मुरादाबाद जनपद के तहसील ठाकुरद्वारा में ड्रोन के माध्यम से जासूसी और चोरी की घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और जनता को चिंता में डाल दिया है। जन-सामान्य और प्रिंट मीडिया के माध्यम से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, रात्रि के समय ड्रोन उड़ाकर ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत फैलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने की शिकायतें सामने आई हैं। इन गतिविधियों के कारण क्षेत्र में शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका बढ़ गई है। स्थानीय लोगों में असुरक्षा का माहौल है, और इस स्थिति पर तत्काल नियंत्रण की आवश्यकता है। प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है।

ड्रोन पंजीकरण अनिवार्य, उल्लंघन पर भारी जुर्माना

तहसील ठाकुरद्वारा के उपजिलाधिकारी प्रीति सिंह ने एक अधिसूचना जारी कर सभी ड्रोन मालिकों को निर्देश दिया है कि वे अपने ड्रोन और व्यक्तिगत जानकारी, आधार कार्ड सहित, तीन दिनों के भीतर नजदीकी थाने में दर्ज कराएं। यह कदम क्षेत्र में ड्रोन के दुरुपयोग को रोकने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। अधिसूचना के अनुसार, तीन दिन की अवधि के बाद गहन जांच की जाएगी। यदि इस अवधि के बाद किसी व्यक्ति के पास बिना पंजीकरण का ड्रोन पाया जाता है, तो उसे सूचना छिपाने का दोषी माना जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित थाने के माध्यम से विधिक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 5,00,000 रुपये का जुर्माना भी शामिल है। इस कार्रवाई का संपूर्ण उत्तरदायित्व ड्रोन मालिक पर होगा। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस निर्देश का पालन करें और क्षेत्र में शांति बनाए रखने में सहयोग करें।

स्टेशन पर भीख मांगती लड़की की दर्दनाक कहानी… रो पड़ेंगे, प्यार में मिला धोखा

महोबा की रहने वाली दो युवतियों की जिंदगी उस वक्त उजड़ गई, जब एक अनजान कॉल ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। करीब एक साल पहले, एक युवती के मोबाइल पर आगरा के शमसाबाद निवासी एक युवक का फोन आया। गलत नंबर का बहाना बनाकर शुरू हुई बातचीत धीरे-धीरे दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। युवक ने शादी का वादा किया और युवती को 28 फरवरी को महोबा से अपने साथ ले गया। गुजरात में किराए के मकान में दोनों साथ रहने लगे, लेकिन यह रिश्ता जल्द ही दर्दनाक सच्चाई में बदल गया। युवक ने तीन महीने तक युवती का शारीरिक शोषण किया। जब युवती गर्भवती हुई, तो उसने दर्द की दवा के बहाने गर्भपात की गोली खिला दी। इसके बाद वह उसे राजस्थान के मेहंदीपुर ले गया, जहां उसका दुख और बढ़ गया। इस घटना ने न केवल युवती के विश्वास को तोड़ा, बल्कि उसके भविष्य को भी अंधेरे में धकेल दिया।

आगरा में बेवफाई और ठगी का शिकार

युवक की बेवफाई यहीं नहीं रुकी। युवती के दोबारा गर्भवती होने पर वह उसे आगरा ले आया। वहां उसका चचेरा भाई भी एक अन्य महिला के साथ शामिल हो गया। दोनों भाइयों ने होटल में कमरा बुक करने का बहाना बनाकर दोनों युवतियों को आगरा के कैंट स्टेशन पर छोड़ दिया और फरार हो गए। फोन बंद, पता गलत—युवतियों के पास अब कोई सहारा नहीं था। जब एक युवती शमसाबाद में आरोपी के बताए पते पर पहुंची, तो उसके परिजनों ने उसे मारपीट कर भगा दिया। शमसाबाद पुलिस ने भी उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। बेसहारा और ठगा हुआ महसूस करते हुए, दोनों युवतियां पिछले 18 दिनों से कैंट स्टेशन पर भीख मांगकर गुजारा कर रही हैं। यह घटना समाज में महिलाओं के प्रति विश्वासघात और असंवेदनशीलता की गंभीर समस्या को उजागर करती है।

इंसाफ की उम्मीद में डीसीपी कार्यालय पहुंचीं युवतियां

निराशा और दुख के बीच, दोनों युवतियों ने हिम्मत नहीं हारी। बुधवार को वे डीसीपी सिटी कार्यालय पहुंचीं और अपनी आपबीती के साथ शिकायती पत्र सौंपा। उनकी कहानी न केवल उनके दर्द को बयां करती है, बल्कि समाज में महिलाओं के साथ होने वाले विश्वासघात और शोषण की गंभीर समस्या को भी सामने लाती है। अब सवाल यह है कि क्या इन युवतियों को इंसाफ मिलेगा? क्या समाज और कानून उनकी मदद के लिए आगे आएंगे? यह मामला न केवल कानूनी कार्रवाई की मांग करता है, बल्कि समाज से यह भी अपेक्षा करता है कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता और संवेदनशीलता दिखाए। इन युवतियों की कहानी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमारा समाज और कानून व्यवस्था सचमुच कमजोर वर्ग की रक्षा करने में सक्षम है?

सनातन धर्म हिंदू इंटर कॉलेज में अनियमितताओं की जांच नही मिले दस्तावेज

पंडित अनिल शर्मा: मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा में स्थित सनातन धर्म हिंदू इंटर कॉलेज में चल रही कथित अनियमितताओं की जांच के लिए बुधवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक, मुरादाबाद मंडल के आदेश पर एक जांच टीम कॉलेज पहुंची। इस टीम में संस्कृत पाठशाला मुरादाबाद मंडल के उप निरीक्षक प्रीतम सिंह और लेखाकार नरेंद्र कुमार शामिल थे। जांच दल ने विद्यालय के अभिलेखों की बारीकी से जांच की और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने साथ ले गए। जांच के दौरान शिकायतकर्ता पंकज यादव और उनके साथी रुद्र दत्त शर्मा का पक्ष भी सुना गया। प्रीतम सिंह ने बताया कि सभी 17 बिंदुओं पर गहन जांच के बाद ही उनकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।

शिकायत में 17 बिंदुओं पर गंभीर आरोप

नगर के निवासी पंकज यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक को एक शिकायती पत्र भेजकर विद्यालय में चल रही कथित धांधलियों को उजागर किया था। इस पत्र में 17 बिंदुओं पर आधारित शिकायतें शामिल थीं, जिनमें विद्यालय की 385 बीघा कृषि भूमि को लंबे समय से एक ही व्यक्ति को ठेके पर देने, भूमि से होने वाली वार्षिक आय, और ब्लॉक परिसर के सामने बनी दुकानों के किराए में अनियमितता जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। इसके अलावा, नवनिर्मित भवन में हुई अनियमितताओं की भी जांच की गई। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि विद्यालय प्रशासन द्वारा पारदर्शिता का अभाव है और कई दस्तावेज प्रबंधक के कब्जे में हैं, जिसके कारण जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है।

दुकानों के किराए और प्रबंधक पर सवाल

जांच के दौरान ब्लॉक परिसर के सामने स्थित दुकानों के किराएदारों से पूछताछ की गई। किराएदारों ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष से उनसे किराया नहीं वसूला गया है, जबकि प्रति माह 650 रुपये किराया निर्धारित है। इस खुलासे ने जांच को और गंभीर बना दिया। प्रधान लिपिक पवन कुमार ने विद्यालय के प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रबंधक के पास हैं, जिसके कारण जांच में कठिनाई हो रही है। इससे पहले भी विद्यालय की दो बार जांच हो चुकी है, लेकिन संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण जांच अधूरी रह गई थी। जांच के दौरान निलंबित प्रिंसिपल डॉ. विक्रम सिंह, शिकायतकर्ता पंकज यादव, रुद्र दत्त शर्मा, संजीव सिंह और अन्य लोग मौजूद रहे। जांच टीम ने सभी बिंदुओं पर साक्ष्य जुटाने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करने की बात कही।

सपा नेता अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका दिया है। फर्जी पासपोर्ट और दो पैन कार्ड से जुड़े मामलों में दायर उनकी दोनों याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बुधवार को अदालत ने यह फैसला सुनाया, जिसके बाद अब रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने एक जुलाई को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस निर्णय से अब्दुल्ला आजम की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि अब उन्हें निचली अदालत में चल रहे ट्रायल का सामना करना होगा।

फर्जी पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में याचिकाएं खारिज

अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका फर्जी पासपोर्ट से संबंधित थी, जिसमें उन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। दूसरी याचिका दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ी थी, जो आयकर नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इन दोनों मामलों में अब्दुल्ला ने रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया और दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फैसले ने सपा नेता के लिए कानूनी चुनौतियों को और जटिल कर दिया है।

रामपुर कोर्ट में जारी रहेगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब इन मामलों की सुनवाई रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे बढ़ेगी। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ ये मामले लंबे समय से चर्चा में हैं, और उनके पिता, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के साथ भी कई कानूनी विवाद जुड़े हैं। हाईकोर्ट का यह निर्णय अब्दुल्ला के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें निचली अदालत में इन गंभीर आरोपों का जवाब देना होगा। इस मामले में आगे की सुनवाई और सबूतों की जांच पर सभी की नजरें टिकी हैं।