अरब में मौत के बाद घर पहुंचा शव, गमगीन माहौल में दफन, शरीफ नगर के चालक की 2 जून की रात हार्ट अटैक से हुई थी मौत

सऊदी अरब में कमाने गए चालक की 2 जून की रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। उसने रात करीब एक बजे पत्नी से ठीक ठाक बात की थी। उसकी 15 जून को वापसी थी। वापसी की जगह शुक्रवार को उसका शव घर पहुंचा।

कोतवाली के ग्राम शरीफ नगर निवासी नईम अहमद पुत्र स्व. मेहंदी हसन लगभग दो वर्ष पूर्व सऊदी अरब कमाने गया था। वह दमाम की कम्पनी में वाहन चालक की नौकरी कर रहा था। 2 जून की रात उसने पानी पत्नी भूरी और बच्चों से ठीक ठाक बात की थी। बातचीत के दौरान शरीर मे बेचैनी बताई थी।

इसके बाद वह फोन काटकर सो गया था। सुबह नईम के चाचा कारी इरशाद अली के मोबाइल पर उसके रूम पार्टनर ने नईम की मौत की सूचना दी थी। उसके चाचा अब्दुल कलाम ने बताया कि नईम की 2 वर्ष पूर्ण होने पर 15 जून को वापसी थी। इससे पहले ही उसकी मौत हो गई।

शुक्रवार को नईम का शव घर पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। शव के साथ सऊदी अरब में ही नौकरी कर रहा छोटा भाई आया है। शव के घर पहुंचते ही पत्नी और बच्चों का रोते बिलखते बुरा हाल था। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। नईम की मौत पर सभी की आंख नाम थी। असर की नमाज के बाद शव को ईदगाह कब्रिस्तान में दफन किया गया है।

‘वो दूसरी जाति का था…’ पिता ने कबूला जुर्म, अपनी ही बेटी की हत्या कर दी

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के लुहारी गांव में एक ऐसी घटना ने सबको हिलाकर रख दिया, जो इंसानियत पर सवाल उठाती है। एक बेटी, शिवानी, जिसने अपने प्यार को जिंदगी का आधार बनाया, उसी प्यार की वजह से अपने परिवार के हाथों मारी गई। यह कहानी न सिर्फ एक प्रेमी जोड़े की है, बल्कि समाज की उन रूढ़ियों की भी है, जो आज भी इंसान से ज्यादा जाति और इज्जत को तवज्जो देती हैं।

प्रेम की कीमत चुकानी पड़ी जान देकर

शिवानी का दिल पड़ोसी युवक अंकित प्रजापति पर आ गया था। दोनों ने कोर्ट मैरिज का सपना देखा, लेकिन यह सपना उनके लिए काल बन गया। शिवानी के पिता संजीव, मां, भाई रवि और फुफेरी बहन को यह रिश्ता मंजूर नहीं था। वजह? अंकित दूसरी जाति का था। गांव में पहले से ही दोनों के प्रेम की चर्चाएं थीं, और परिवार को लगता था कि यह रिश्ता उनकी “इज्जत” को मिट्टी में मिला देगा। एक रात, जब शिवानी ने कोर्ट मैरिज की जिद की, गुस्से में आकर परिवार ने उसकी जिंदगी ही छीन ली।

हत्या की साजिश और क्रूरता की हद

पुलिस पूछताछ में संजीव ने बताया कि उस रात शिवानी को पहले बुरी तरह पीटा गया। फिर, चारों ने मिलकर उसका गला दबा दिया। संजीव और उसकी पत्नी ने शिवानी के हाथ-पैर पकड़े, जबकि रवि ने उसकी जान ले ली। हत्या के बाद, परिवार ने सबूत मिटाने की ठानी। शव को जलाया गया, और राख को यमुना नदी में बहा दिया। हैरानी की बात यह है कि हत्या के बाद चारों आरोपी शव के पास एक घंटे तक बैठे रहे, मानो यह कोई सामान्य बात हो।

गांव की बातें और परिवार का दबाव

शिवानी और अंकित के रिश्ते की खबर गांव में डेढ़ साल से फैली थी। गांववाले ताने मारते थे, और परिवार को लगता था कि उनकी बदनामी हो रही है। शिवानी की जिद और अंकित से उसकी लगातार बातचीत ने घर में तनाव बढ़ा दिया। कई बार झगड़े हुए, मारपीट तक बात पहुंची, लेकिन शिवानी अपने फैसले पर अडिग रही। वह बार-बार कहती थी कि वह अंकित से ही शादी करेगी। यह जिद उसके लिए मौत का कारण बन गई।

प्रेमी अंकित की जान पर खतरा

शिवानी की हत्या के बाद अंकित डर के साये में जी रहा है। उसने एक वीडियो जारी कर अपनी जान को खतरा बताया। “मुझे भी मार सकते हैं,” उसने कहा, “और अगर ऐसा हुआ तो इसके जिम्मेदार शिवानी का परिवार होगा।” अंकित की यह अपील न सिर्फ उसकी बेबसी दिखाती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या प्यार करना आज भी इतना बड़ा गुनाह है?

समाज के लिए एक सबक

यह घटना सिर्फ एक परिवार की कहानी नहीं है। यह उन सामाजिक बेड़ियों की सच्चाई है, जो आज भी प्रेम को जाति और इज्जत की भेंट चढ़ा देती हैं।

सीट से उठ भी नहीं पाए… और ज़िंदा जल गए! कार हादसे की ये कहानी हिला देगी आपको

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक ऐसी त्रासदी हुई, जिसने हर किसी का दिल दहला दिया। एक खुशी के मौके से लौट रहा एक परिवार उस वक्त मौत के आगोश में समा गया, जब उनकी कार में आग लग गई और पांच लोगों की जिंदगी छिन गई। यह हादसा न केवल एक परिवार की कहानी है, बल्कि सड़क सुरक्षा और जागरूकता की जरूरत को भी उजागर करता है।

खुशी से शुरू हुआ सफर, मातम में बदला
दिल्ली के मालवीय नगर में रहने वाले तनवीर अहमद अपने परिवार और बहनोई के परिवार के साथ बदायूं के सहसवान में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे। हंसी-खुशी के साथ शुरू हुआ यह सफर उस वक्त दुखद मोड़ लेगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। सुबह करीब 5:30 बजे, बुलंदशहर के जहाँगीराबाद कोतवाली क्षेत्र में अनूपशहर-बुलंदशहर रोड पर, उनकी स्विफ्ट कार एक बाइक सवार को बचाने की कोशिश में अनियंत्रित हो गई।

पलभर में सब कुछ राख
पुलिस के मुताबिक, कार एक पुलिया से टकराकर खाई में जा गिरी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार में तुरंत आग भड़क उठी। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कार में सवार छह लोगों में से पांच को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। मौके पर मौजूद लोगों ने मदद की कोशिश की, लेकिन आग की तीव्रता के सामने सभी बेबस थे। इस हादसे में केवल एक युवती गंभीर रूप से घायल अवस्था में बच पाई, जिसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।

पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया
एसपी देहात डॉक्टर तेजवीर सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह बाइक सवार को बचाने की कोशिश सामने आई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिया है।

जेई को पड़ी सात चांटे, वीडियो वायरल! जानें क्यों भड़की पान सिंह तोमर की पोती

उत्तर प्रदेश के बबीना में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया ने उस समय एक अप्रत्याशित मोड़ ले लिया, जब बिजली विभाग के एक अवर अभियंता को मशहूर बागी पान सिंह तोमर की पौत्री के गुस्से का सामना करना पड़ा। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है। आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।

स्मार्ट मीटर और विवाद की शुरुआत

बबीना के पंजाबी कॉलोनी में बिजली विभाग की एक टीम स्मार्ट मीटर स्थापना के लिए पहुंची थी। इस टीम का नेतृत्व कर रहे थे अवर अभियंता वैभव कुमार रावत। सब कुछ सामान्य ढंग से चल रहा था, लेकिन जब टीम शारदा तोमर के घर पहुंची, तो वहां का माहौल अचानक गर्म हो गया। शारदा तोमर की बेटी, सपना तोमर, ने मीटर बदलने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। बातचीत के दौरान मामला इतना बढ़ गया कि सपना ने गुस्से में आकर वैभव कुमार पर हमला कर दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सपना ने अभियंता को एक के बाद एक सात थप्पड़ जड़ दिए।

घटना का वायरल वीडियो और स्थानीय प्रतिक्रिया

इस पूरे घटनाक्रम को बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों ने अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड कर लिया। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सपना के व्यवहार ने सभी को हैरान कर दिया। हालांकि, सपना की मां शारदा और अन्य परिजनों ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभालने की कोशिश की।

पान सिंह तोमर का पारिवारिक इतिहास

इस घटना ने इसलिए भी सुर्खियां बटोरीं, क्योंकि सपना तोमर मशहूर बागी पान सिंह तोमर की पौत्री हैं। पान सिंह तोमर एक समय में भारतीय सेना में एक सम्मानित सैनिक थे, लेकिन सिस्टम की खामियों और अन्याय के खिलाफ उनकी बगावत ने उन्हें चंबल के बीहड़ों में ले जाया। उनकी कहानी को बॉलीवुड फिल्म “पान सिंह तोमर” के जरिए भी दर्शाया गया है। सपना के पिता, शिवराम तोमर, सेना में सूबेदार के पद से रिटायर हो चुके हैं। करीब 25-30 साल पहले शिवराम अपने परिवार के साथ बबीना में बस गए थे और तब से यहीं रह रहे हैं।

पुलिस कार्रवाई और आगे की जांच

घटना के बाद बिजली विभाग की शिकायत पर पुलिस ने सपना तोमर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश में है कि आखिर विवाद की जड़ क्या थी। स्थानीय पुलिस के अनुसार, दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है, ताकि मामले की पूरी सच्चाई सामने आ सके।

स्मार्ट मीटर योजना और जनता की शिकायतें

स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में तेजी से चल रही है, लेकिन कई जगहों पर उपभोक्ताओं के बीच इसे लेकर असंतोष भी देखने को मिल रहा है। कुछ लोग बिजली बिल में बढ़ोतरी की आशंका जता रहे हैं, तो कुछ तकनीकी खामियों की शिकायत कर रहे हैं। बबीना की इस घटना ने स्मार्ट मीटर योजना के प्रति लोगों की नाराजगी को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

एक ही परिवार की 6 बेटियों की दर्दनाक मौत, जिस घर में बजनी थी शहनाई, वहां गूंजा मातम

उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार को एक ऐसी त्रासदी हुई, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। यमुना नदी के किनारे हंसी-खुशी के पल अचानक मातम में बदल गए, जब नहाने गईं छह युवा लड़कियां गहरे पानी में डूब गईं। इस हादसे ने न केवल एक परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डुबो दिया। मृतक लड़कियों में तीन सगी बहनें, एक चचेरी बहन, एक मौसेरी बहन और एक रिश्तेदार शामिल थीं। इस दुखद घटना ने उस घर की खुशियों को छीन लिया, जहां कुछ ही दिनों बाद शादी की शहनाइयां गूंजने वाली थीं।

हंसी-खुशी से शुरू हुआ दिन, मातम में बदला

आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में नगला नाथू मौजा स्वामी के पास यह दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे, छह लड़कियां—दिव्या (14), संध्या (12), शिवानी (17), नैना (14), सोनम (12) और मुस्कान (18)—यमुना नदी में नहाने गई थीं। ये सभी आपस में रिश्तेदार थीं और नहाने से पहले उन्होंने रील बनाकर मौज-मस्ती भी की। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में लड़कियां हंसती-खेलती नजर आ रही थीं, लेकिन किसे पता था कि यह उनकी आखिरी हंसी होगी। नहाते समय अचानक वे गहरे पानी में चली गईं और एक-एक कर डूबने लगीं।

देर से शुरू हुआ रेस्क्यू, बुझ गई जिंदगियां

लड़कियों की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गोताखोरों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चार लड़कियों को तुरंत नदी से निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। बाकी दो लड़कियों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन दोपहर तक उन्होंने भी दम तोड़ दिया। इस हादसे ने पूरे इलाके को शोक में डुबो दिया। पुलिस ने शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।

शादी की तैयारियां मातम में बदलीं

इस हादसे ने एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं। मृतक लड़कियों में शामिल मुस्कान की अगले हफ्ते शादी होने वाली थी। जिस घर में बारात आने की तैयारियां चल रही थीं, वहां अब छह शवों का मातम है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंजर को देखकर हर किसी का दिल दहल गया। इस दुखद घटना ने न केवल परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे शोक में डुबो दिया।

प्रशासन का सहयोग और शोक संदेश

आगरा के जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों के लिए 4-4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद प्रदान की जाए। प्रशासन ने भी इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए परिवारों का साथ देने का वादा किया है।

नदियों में नहाने के खतरों की अनदेखी

यह हादसा एक बार फिर हमें नदियों और गहरे पानी के खतरों की याद दिलाता है। यमुना नदी में आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन जागरूकता की कमी और लापरवाही के कारण मासूम जिंदगियां असमय काल के गाल में समा जाती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नदियों में नहाने से पहले सुरक्षा उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। इस दुखद घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी की सदस्यता को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ने कर लिया बड़ा प्लान तैयार

उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के नेता और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी को हाल ही में कोर्ट के एक फैसले के बाद रद्द कर दिया गया है। यह फैसला 2022 के हेट स्पीच मामले से जुड़ा है, जिसमें अब्बास को दो साल की सजा सुनाई गई। इस घटनाक्रम ने न केवल सुभासपा बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति में चर्चा का माहौल बना दिया है। पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इस फैसले को चुनौती देने का ऐलान करते हुए कहा कि वे हाईकोर्ट का रुख करेंगे और अब्बास के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे। आइए, इस मामले की पूरी कहानी को समझते हैं।

हेट स्पीच मामला: क्या है पूरा विवाद?

यह पूरा विवाद 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से शुरू हुआ। उस दौरान सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। चुनाव प्रचार के समय अब्बास अंसारी ने एक जनसभा में ऐसा बयान दिया, जिसे हेट स्पीच माना गया। उन्होंने बिना नाम लिए कहा था, “भैया से बात हो गई है, सबका हिसाब-किताब होगा।” यह बयान इतना विवादित हो गया कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया। कोर्ट ने इस मामले में अब्बास को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी विधायकी को रद्द करने का आदेश जारी हुआ। यह सजा न केवल अब्बास के लिए बल्कि सुभासपा के लिए भी एक बड़ा झटका मानी जा रही है।

ओम प्रकाश राजभर का रुख: ‘न्याय के लिए लड़ेंगे’

सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने इस फैसले पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “कोर्ट का फैसला हम स्वीकार करते हैं, लेकिन हम इसे चुनौती देंगे। हाईकोर्ट में अपील की तैयारी चल रही है, और हमें पूरा भरोसा है कि वहां से न्याय मिलेगा।” राजभर ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी अब्बास के साथ पूरी तरह खड़ी है। उन्होंने कहा, “अब्बास हमारे विधायक हैं, और हम उनके साथ हर कदम पर रहेंगे। चाहे हम हाईकोर्ट जाएं या वे खुद जाएं, सुभासपा एकजुट है।” हालांकि, हाईकोर्ट की छुट्टियों के कारण अभी एक महीने तक कोई सुनवाई नहीं हो सकती, लेकिन पार्टी ने कानूनी कार्रवाई के लिए सभी जरूरी दस्तावेज तैयार कर लिए हैं।

राजनीतिक मायने: क्या बदलेगा सियासी समीकरण?

अब्बास अंसारी की विधायकी रद्द होने से उत्तर प्रदेश की राजनीति में कई सवाल खड़े हो गए हैं। सुभासपा और समाजवादी पार्टी के गठबंधन पर भी इसका असर पड़ सकता है। अब्बास, जो मुख्तार अंसारी के बेटे हैं, पूर्वांचल की सियासत में एक अहम चेहरा माने जाते हैं। उनकी विधायकी रद्द होने से क्षेत्र में सुभासपा की स्थिति पर भी सवाल उठ रहे हैं। हालांकि, ओम प्रकाश राजभर का दावा है कि यह मामला पार्टी की एकता को कमजोर नहीं करेगा। उन्होंने कहा, “हमारी लड़ाई न्याय के लिए है, और हम इसे पूरी ताकत से लड़ेंगे।”

इस मामले में अगला कदम हाईकोर्ट में अपील होगा। सुभासपा ने स्पष्ट किया है कि वे इस फैसले को पलटने के लिए हर संभव कोशिश करेंगे। अब्बास अंसारी की सजा और विधायकी रद्द होने से न केवल उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठे हैं, बल्कि सुभासपा की रणनीति पर भी इसका असर पड़ सकता है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि हाईकोर्ट का फैसला क्या होता है और यह मामला उत्तर प्रदेश की सियासत को किस दिशा में ले जाता है।

बकरीद की बलि निंदनीय धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर पूर्व सांसद एसटी हसन का तीखा हमला, योगी आदित्यनाथ बनने की होड़

बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री के बकरीद के मौके पर दिए गए विवादास्पद बयान पर मुरादाबाद के पूर्व सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन का तीखा पलटवार सामने आया है।

धीरेंद्र शास्त्री ने बकरीद पर बकरा बलि देने की प्रथा को निंदनीय और बर्बरतापूर्ण बताया था इस तरह की प्रथाओं को समाप्त करना चाहिए, क्योंकि इससे जानवरों के साथ अत्याचार होता है। यह बयान उन्होंने बकरीद के अवसर पर दिया था, जब मुस्लिम समुदाय बकरा ईद मनाता है और इस दिन पशुओं की कुर्बानी जाती है।

पूर्व सपा सांसद डॉक्टर एसटी हसन बागेश्वर धाम के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कुर्बानी केवल इस्लाम में नहीं बल्कि हिंदू धर्म में भी बलि प्रथा मौजूद है हम अपनी अच्छी चीज को अल्लाह को कुर्बान करते हैं अल्लाह हमारा और इन जानवरों को पैदा करने वाला एवं पालनहार है ।

सपा सांसद में आगे कहा धीरेंद्र शास्त्री का बयान उकसाने वाला है हम धार्मिक लोगों का सम्मान करते हैं लेकिन जो दूसरे मजहब को दुष्ट कहे उनका सम्मान नहीं करते ऐसी बातें देश में नफरत और दरार पैदा करती है डॉक्टर एसटी हसन ने कहा कि हर कोई योगी आदित्यनाथ नहीं बन सकता और ऐसी बयान बाजी से पहले सोचना चाहिए।

अब सीधे जनता चुनेगी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख, जानिए किया है पूरा प्लान

लखनऊ। प्रदेश सरकार सांसद और विधायक की तरह यूपी में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव भी सीधे जनता से कराने पर मंथन कर रही है। सूत्रों की माने तो प्रदेश सरकार जल्द ही इस बारे में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज सकती है। माना जा रहा है कि अगर केंद्र ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई तो आगामी पंचायत चुनाव में ही इसे लागू कर दिया जाएगा।

प्रदेश कि पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इस संबंध में उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात

पंचायती राज मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मुख्यमंत्री के सामने रखा प्रस्ताव

की है। उनके सामने प्रस्ताव रखा कि वह अधिकारियों को निर्देशित करें कि जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करें और जल्द केंद्र को भेजा जाए जिससे समय रहते इसकी तैयारी की जा सके।

राजभर का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनके इस प्रस्ताव से सहमति जताई है और जल्द ही प्रस्ताव केंद्र को भेजने का आश्वासन भी दिया है। उन्होंने कहा कि

वह पिछले चुनाव में ही यह चाहते थे। अधिकारियों से इसके लिए प्रस्ताव तैयार कराने के लिए कहेंगे। इस मुलाकात के दौरान ओम प्रकाश राजभर के पुत्र सुभासपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर भी साथ थे।

राजभर ने बताया कि पिछले महीने उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी, तो शाह ने भी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव सीधे जनता से कराने पर हामी भरी थी। उन्होंने राज्य सरकार से प्रस्ताव भिजवाने को कहा था।

रात के अंधेरे में बिना परमिशन खनन कर रहे एक लोडर सहित 4 ट्रैक्टर टिप्लर पकड़े, पांच वाहन सीज

पंडित अनिल शर्मा
Moradabad / Thakurdwara News: खनन अधिकारी ने अवनी सिंह के साथ रात के अंधेरे में ठाकुरद्वारा अलीगंज मार्ग पर स्थित चमड़ावाला गांव में बिना परमिशन के अवैध रूप से खनन करने की सूचना पर रविवार की देर रात्रि छापा मारा । खनन अधिकारी की टीम को देख कर
कर खनन माफिया अपने लोडर व ट्रक्टर ट्राली छोड़ कर अंधेरे का फायदा उठा कर भाग गए जबकि एक मजदूर को मोके पर पकड़ लिया गया।

रविवार की रात्रि को खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह को सूचना मिली कि अलीगंज रोड पर स्थित ग्राम चमरावाला के निकट जंगल में खनन माफिया बिना किसी परमिशन के रात के अंधेरे में अवैध रूप से मिट्टी का खनन कर नगर क्षेत्र मे निर्माणाधीन मकानों व प्लाटो में मोटे दामों में ठेका ले कर मिट्टी का भरान कर रहे है। सूचना मिलते ही खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे । टीम को देखकर खनन माफिया अपने वाहन छोड़ फरार हो गये ।

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छापे मारी की सूचना पर क्षेत्र के खनन माफियाओं मे हड़कंप मच गया। बताते चले कि क्षेत्र में रात के अंधेरे में बड़े पैमाने पर खेती में उपयोग आने वाली भूमि व आसपास की नदीयो में रातों रात खनन माफिया दबंगी के बल पर अवैध खनन कर मोटा मुनाफा कम आ रहे हैं । पिलकपुर, मानपुर दत्त राम, बथुआ खेड़ा, निर्मलपुर, गोपी वाला ,फरीदनगर, अस्लेमपुर, लोगी खुर्द आदि क्षेत्रों में खुले आम खनन किया जा रहा है ।

शिकायत के बाद भी पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता । खनन अधिकारी राघवेंद्र सिंह ने बताया की क्षेत्र में कहीं भी बिना स्वीकृति के खनन करना गैरकानूनी है कोई भी व्यक्ति अगर बिना सिक्योरिटी के खनन पड़ता पाया गया तो उसके विरुद्ध कठोरणात्मक कार्रवाई की जाएगी । खनन अधिकारीने लीडर सहित वाहनो को पड़कर चीज कर दिया और पुलिस को सोंप दिया है ।

योग आश्रम में रेप! संचालिका और सहायिका गिरफ्तार, मास्टरमाइंड फरार

गाजियाबाद के कौशांबी थाना क्षेत्र में स्थित Gurukul Shantidham में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया, बल्कि आश्रमों की साख पर भी सवाल उठा दिए हैं। यहाँ एक महिला साध्वी के साथ रेप की वारदात ने सभी को स्तब्ध कर दिया। इस घटना ने उस जगह की पवित्रता को कलंकित कर दिया, जहाँ लोग शांति और आत्मिक सुकून की तलाश में आते हैं। 

Gurukul Shantidham, जो योग और संयमित जीवन का पाठ पढ़ाने के लिए जाना जाता है, अब एक भयावह अपराध का केंद्र बन गया है। पुलिस के अनुसार, आश्रम की संचालिका Divya Yoga Maya Saraswati (60 वर्ष) और उनकी सहायिका Shabnam ने मिलकर एक साध्वी को अपने जाल में फंसाया।

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पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, उसे पहले कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया गया। जब वह बेहोश हो गई, तब उसे मुख्य आरोपी Gokul के हवाले कर दिया गया, जिसने उसके साथ रेप किया। होश में आने पर साध्वी ने इसका विरोध किया, लेकिन आरोपियों ने उसकी आवाज दबाने के लिए मारपीट की और उसका अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी।

घटना की सूचना मिलते ही Ghaziabad Police हरकत में आ गई। DCP Trans Hindon Nimish Patil के नेतृत्व में पुलिस ने तुरंत Divya Yoga Maya Saraswati और Shabnam को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। हालांकि, मुख्य आरोपी Gokul अब भी फरार है। पुलिस ने उसके संभावित ठिकानों पर दबिश तेज कर दी है, लेकिन वह अंडरग्राउंड हो गया है। DCP Nimish Patil ने बताया कि Gokul की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।