पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में लिंक एक्सप्रेसवे पर भगवानपुर टोल प्लाजा आम लोगों के लिए शुरू हो चुका है। इस टोल प्लाजा से गुजरने वाले सभी प्रकार के वाहनों से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। कार, टू-व्हीलर, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर जैसे वाहनों को भी इस टोल प्लाजा से गुजरने के लिए शुल्क देना पड़ रहा है। टोल टैक्स की शुरुआत के साथ ही इस मार्ग से गुजरने वाले वाहनों की संख्या में उल्लेखनीय कमी देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल टैक्स के कारण उनकी यात्रा लागत बढ़ गई है, जिसके चलते कई लोग वैकल्पिक रास्तों की तलाश कर रहे हैं। यह टोल प्लाजा क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए बनाया गया है, लेकिन टोल शुल्क के कारण इसका उपयोग कम हो रहा है।
टोल टैक्स से बाइकों और ऑटो की संख्या में भारी गिरावट
भगवानपुर टोल प्लाजा पर टोल टैक्स की वसूली शुरू होने के बाद लिंक एक्सप्रेसवे से गुजरने वाले दोपहिया वाहनों, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टरों की संख्या में भारी कमी आई है। पहले इस मार्ग से प्रतिदिन करीब 1000 से अधिक बाइक गुजरती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर 250-300 के बीच रह गई है। टोल टैक्स का भुगतान कारों के लिए फास्टैग के माध्यम से किया जा रहा है, जबकि दोपहिया, ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टर चालकों को नकद में शुल्क देना पड़ रहा है। इस नई व्यवस्था के कारण कई स्थानीय लोग और छोटे वाहन चालक इस मार्ग का उपयोग करने से कतरा रहे हैं। टोल टैक्स की लागत ने विशेष रूप से दैनिक यात्रियों और छोटे व्यवसायियों को प्रभावित किया है, जो अब अन्य रास्तों का सहारा ले रहे हैं।
वैकल्पिक मार्गों की तलाश में वाहन चालक
टोल टैक्स के लागू होने के बाद भगवानपुर टोल प्लाजा से गुजरने वाले ऑटो रिक्शा और ट्रैक्टरों की संख्या में भी कमी देखी गई है। पहले इस मार्ग का उपयोग करने वाले कई चालक अब वैकल्पिक रास्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो टोल-मुक्त हैं, लेकिन समय और ईंधन की खपत के मामले में कम सुविधाजनक हो सकते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि टोल टैक्स ने उनकी दैनिक यात्रा को और महंगा कर दिया है, जिसका असर उनके बजट पर पड़ रहा है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के किसान और छोटे व्यापारी, जो ट्रैक्टर और ऑटो का उपयोग करते हैं, इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सरकार से अपील की जा रही है कि छोटे वाहनों के लिए टोल शुल्क में कुछ छूट दी जाए, ताकि इस मार्ग का उपयोग फिर से बढ़ सके।