मुरादाबाद में दोहरे हत्याकांड ने मचाया हड़कंप, शराब के नशे में दोस्तों का खूनी झगड़ा, दो दोस्तों की हत्या

मुरादाबाद शहर के कटघर थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। गुलाबबाड़ी कॉलोनी में तीन दोस्तों—शाकिर, जुनैद और बबलू—के बीच शराब पीने के दौरान शुरू हुआ मामूली विवाद देखते ही देखते खूनी संघर्ष में बदल गया। नशे की हालत में शाकिर ने अपने ही दो दोस्तों, जुनैद और बबलू, पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला कर उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल है, और लोग इस क्रूर वारदात से स्तब्ध हैं। पुलिस के अनुसार, यह घटना रात करीब एक बजे की है, जब तीनों दोस्त एक साथ बैठकर शराब पी रहे थे। किसी छोटी सी बात को लेकर पहले बहस हुई, जो जल्द ही हिंसक रूप ले लिया।

मौके पर ही दोनों दोस्तों ने तोड़ा दम

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शाकिर ने गुस्से में आकर चाकू निकाला और जुनैद व बबलू पर कई बार वार किए। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर ही उनकी मौत हो गई। उनकी चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों युवकों की जान जा चुकी थी, और खून से लथपथ उनके शव सड़क पर पड़े थे। इस भयावह दृश्य को देखकर स्थानीय लोगों में डर और आक्रोश फैल गया। कुछ लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद कटघर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया।

आरोपी फरार, पुलिस ने शुरू की तलाश

हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी शाकिर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है। कटघर थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि शराब के नशे में हुई कहासुनी ही इस जघन्य अपराध का कारण बनी। पुलिस आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है ताकि शाकिर का पता लगाया जा सके। इस घटना ने न केवल गुलाबबाड़ी कॉलोनी, बल्कि पूरे मुरादाबाद में शराब और नशे से जुड़े अपराधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग पुलिस से इस मामले में सख्त कार्रवाई और इलाके में गश्त बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर नशे की लत और इसके दुष्परिणामों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

यूपी में मानसूनी आफत, 18 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट, बिजली गिरने की चेतावनी

उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, और अगले 24 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 18 जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें पूर्वी और दक्षिणी यूपी के जिले शामिल हैं। यह मौसमी बदलाव उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण हो रहा है, जो उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है।

यह क्षेत्र मानसूनी हवाओं को और सक्रिय कर रहा है, जिससे शुक्रवार से बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, एक ट्रफ लाइन श्रीगंगानगर, सिरसा, और मेरठ से होकर गुजर रही है, जिसने पश्चिमी यूपी में पहले ही भारी बारिश का दौर शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह तक मेरठ शहर में 108.6 मिमी, मवाना में 98.0 मिमी, और कासगंज में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह स्थिति अब पूर्वी और मध्य यूपी की ओर बढ़ रही है, जहां हल्की से मध्यम और कुछ जगहों पर भारी बारिश की उम्मीद है।

प्रभावित क्षेत्र और जनजीवन पर असर

पश्चिमी यूपी में बीते दिन हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में जनजीवन को प्रभावित किया है। मेरठ, बागपत, और सहारनपुर जैसे जिलों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। विशेष रूप से धान और गन्ने की फसलों पर इसका असर देखा जा रहा है।

मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में नालों की सफाई न होने के कारण जलभराव की समस्या और गंभीर हो गई है। प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की है और लोगों से जरूरी होने पर ही घर से निकलने की अपील की है।

अगले 24 घंटों की चेतावनी और तैयारी

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों सहित पूर्वी और दक्षिणी यूपी में भारी बारिश हो सकती है। येलो अलर्ट के तहत लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि लोग मौसम अपडेट्स के लिए नियमित रूप से समाचार और आईएमडी की वेबसाइट पर नजर रखें। यह बारिश जहां एक ओर गर्मी से राहत दे सकती है, वहीं बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं को भी बढ़ा सकती है।

Kanwar Yatra: दिल्ली हाईवे पर बडे़ वाहनों पर रोक, तीसरे सोमवार के लिए पुलिस की तैयारियां जोरों पर

सावन माह के तीसरे सोमवार को लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। शुक्रवार शाम छह बजे से दिल्ली हाईवे पर रोडवेज बसों, निजी बसों और भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। इस दौरान मुरादाबाद से दिल्ली जाने वाली लेन में केवल कार जैसे हल्के वाहनों को अनुमति होगी, जबकि दिल्ली से मुरादाबाद वाली लेन को कांवड़ियों और उनके वाहनों के लिए आरक्षित रखा जाएगा। एसपी ट्रैफिक सुभाष चंद्र गंगवार ने बताया कि कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रविवार से छोटे वाहनों का आवागमन भी बंद किया जा सकता है। यह व्यवस्था सोमवार शाम पांच बजे तक लागू रहेगी। पुलिस ने यातायात को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए वैकल्पिक मार्गों की भी व्यवस्था की है।

रूट डायवर्जन: भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग

ट्रैफिक डायवर्जन के तहत भारी वाहनों को बिलारी, सिरसी, संभल, गवां और बुलंदशहर के रास्ते दिल्ली और मेरठ भेजा जाएगा। इसी मार्ग से वाहनों की वापसी भी होगी। कांठ रोड पर भी भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह डायवर्जन शुक्रवार शाम से शुरू होकर सोमवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेगा। पुलिस प्रशासन ने वैकल्पिक मार्गों पर यातायात को सुगम बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही, कांवड़ियों के लिए सुरक्षित और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए विशेष निगरानी की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने और सहयोग करने की अपील की है।

रामपुर में भी कांवड़ यात्रा के लिए विशेष व्यवस्था

रामपुर में भी कांवड़ यात्रा के लिए शुक्रवार शाम से हाईवे और टांडा बाजपुर मार्ग पर भारी वाहनों के संचालन पर प्रतिबंध लागू कर दिया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक डायवर्जन की तैयारियां शुरू कर दी हैं, जो शुक्रवार शाम से प्रभावी होने की संभावना है। सावन माह में कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। कांवड़ियों की सुविधा के लिए मार्ग पर बैरियर, चेकपॉइंट और मेडिकल कैंप स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, यातायात को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। पुलिस प्रशासन ने श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की है, ताकि यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।

महक-परी के बाद अब गालीबाज़ यूट्यूबर आमिर गिरफ्तार, साधु-संतों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आरोप

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के पाकबड़ा थाना क्षेत्र में रहने वाले यूट्यूबर मोहम्मद आमिर को पुलिस ने 25 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आमिर पर अपने यूट्यूब चैनल ‘TRT’ के माध्यम से साधु-संतों और देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करने और समाज में घृणा फैलाने का आरोप है। एक वायरल वीडियो में आमिर साधु के भेष में भद्दी गालियां देता दिखाई दिया, जिसने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा किया। इस वीडियो के वायरल होने के बाद मुरादाबाद के निवासी अमन ठाकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मुरादाबाद पुलिस से कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आमिर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (अश्लील कृत्य) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) के तहत मुकदमा दर्ज किया। जांच में आरोप सही पाए गए, जिसके बाद आमिर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

सामाजिक और धार्मिक संदर्भ

यह मामला धार्मिक संवेदनशीलता से गहराई से जुड़ा है। आमिर के वीडियो में साधु-संतों और देवी-देवताओं का अपमान किया गया, जिससे स्थानीय समुदाय में तीव्र आक्रोश फैल गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई यूजर्स ने मुरादाबाद पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस तरह के भड़काऊ और आपत्तिजनक कंटेंट को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं। उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कंटेंट के खिलाफ पुलिस का अभियान तेज है। हाल ही में मेरठ में 40 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई इसका उदाहरण है। इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव और विभाजन को बढ़ावा दे सकती हैं, जिसके चलते प्रशासन और पुलिस ऐसे मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं।

कानूनी और सामाजिक प्रभाव

मोहम्मद आमिर की गिरफ्तारी ने सोशल मीडिया पर कंटेंट निर्माण और उसकी जिम्मेदारी को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के साथ, इस तरह के मामलों में कानूनी कार्रवाई और जागरूकता दोनों की जरूरत है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल के महीनों में ऐसे कई मामलों में त्वरित कार्रवाई की है, जिससे यह संदेश गया है कि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले कंटेंट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। X पर कई यूजर्स ने मांग की है कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स को भी ऐसी सामग्री की निगरानी के लिए और सख्त नीतियां लागू करनी चाहिए। इस घटना ने एक बार फिर सोशल मीडिया के दुरुपयोग और उससे उत्पन्न होने वाली सामाजिक चुनौतियों को उजागर किया है।

Moradabad News: ठाकुरद्वारा में बरामद हुआ मांस और हथियार, पूर्व जिला पंचायत सदस्य सहित आठ पर मुकदमा दर्ज

पंडित अनिल शर्मा मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में पुलिस ने गौवध निवारण अधिनियम और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 125 किलोग्राम गौवंशीय मांस के साथ तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में की गई, जहां पुलिस ने एक नीले रंग के छोटा हाथी वाहन से मांस, काटने के उपकरण, तराजू, बाट और अन्य सामग्री बरामद की। हालांकि, इस दौरान पांच अन्य आरोपी मौके से फरार होने में कामयाब रहे। पुलिस ने बरामद मांस का सैंपल जांच के लिए भेजा है और फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी शुरू कर दी है।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई

ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र में कांवड़ सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात उपनिरीक्षक कुलदीप कुमार को मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम काला झांडा की नहर पटरी के पास कुछ लोग एक वाहन में अवैध रूप से गौमांस ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने तत्काल कार्रवाई शुरू की और संदिग्ध वाहन (रजि. नं. UK18CA0743) को रोक लिया। वाहन रोकते ही उसमें सवार पांच लोग खेतों की ओर भाग निकले, लेकिन पुलिस ने कमरुद्दीन पुत्र अली हसन, अली हसन पुत्र अकबर अली, और गुलशन पुत्री अली हसन (तीनों निवासी ग्राम किशनपुर गांवड़ी) को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। वाहन की तलाशी में 125 किलोग्राम गौवंशीय मांस, एक कुल्हाड़ी, दो छुरियां, लकड़ी का गुटका, तराजू मय बाट, चार प्लास्टिक के कट्टे, और मांस ले जाने वाला वाहन बरामद किया गया। पुलिस ने बरामद सामान की वीडियोग्राफी भी कराई।

विश्व हिंदू परिषद ने जताया आक्रोश, फरार आरोपियों की तलाश जारी

गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे जंगल के पास खेत में गौवंशीय पशु का वध कर मांस बेचने की योजना बना रहे थे। इस घटना की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और घटना पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया। कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस क्षेत्र में गौवंशीय पशुओं के अवैध कटान की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं। पुलिस ने मौके से फरार हुए आरोपियों की पहचान पूर्व जिला पंचायत सदस्य जरीफ मलिक, मोहम्मद उमर, मोहम्मद सगीर, शकील पुत्र जमील, और शमशुद्दीन पुत्र अली हसन के रूप में की है।

इनकी तलाश के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। मौके पर पहुंचे उपमुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. शिवकुमार राणा ने बरामद मांस का सैंपल लिया, जिसे जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 3/5(क)/8 गौवध निवारण अधिनियम और धारा 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के जिला विधिक प्रमुख साजन शर्मा, जिला मंत्री पंकज सिंह, नगर अध्यक्ष लकी चौहान, नगर उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह, और पथरखेड़ा शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा भी मौके पर मौजूद रहे।

मुरादाबाद के पत्थरखेड़ा गांव में बरामद हुआ मांस और हथियार,महिला समेत तीन हिरासत में

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली क्षेत्र के पत्थरखेड़ा गांव में शुक्रवार को गोवंश काटे जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने मौके से नौ कट्टों में भरा गोवंश का मांस बरामद किया है। इसके साथ ही तराजू, चाकू, छुरी और अन्य सामान भी जब्त किया गया। इस घटना में एक महिला समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह घटना क्षेत्र में तनाव का कारण बन गई है।

विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का हस्तक्षेप

पत्थरखेड़ा शिव मंदिर के महंत बच्चा बाबा ने बताया कि गोवंश कटान की सूचना मिलने पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता तुरंत मौके पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने तीन लोगों को गोवंश का मांस काटते हुए रंगे हाथों पकड़ा। बरामद सामान को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। महंत ने बताया कि इस घटना से गांव में आक्रोश का माहौल है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए आरोपियों से पूछताछ शुरू कर दी है ताकि इस मामले की तह तक जाया जा सके। स्थानीय लोगों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रेम में पागल लड़की ने मंगेतर को मरवा दिया! वजह जानकर उड़ जाएंगे होश

गौरव, एक 28 वर्षीय युवा शिक्षक, जो बल्लभगढ़ के एक निजी स्कूल में शारीरिक शिक्षा शिक्षक (पीटीआई) के रूप में कार्यरत था, अपनी मंगेतर नेहा के साथ 19 अप्रैल को शादी के बंधन में बंधने वाला था। परिवार और दोस्तों के बीच उत्साह का माहौल था। गौरव अपने भविष्य को लेकर बेहद उत्साहित था और सपनों के नए आलम में खोया हुआ था। लेकिन, यह खुशी महज दो दिन पहले एक भयावह साजिश में बदल गई। 17 अप्रैल को, फरीदाबाद के आईएमटी क्षेत्र से घर लौटते समय गौरव पर एक सुनियोजित हमला हुआ, जिसने उसकी जिंदगी हमेशा के लिए छीन ली। इस घटना ने प्रेम, विश्वासघात और हिंसा की ऐसी तस्वीर पेश की, जो हर किसी के मन में डर और आक्रोश पैदा करती है।

साजिश का खुलासा: मंगेतर पर गंभीर आरोप

गौरव के परिवार ने इस हादसे के पीछे चौंकाने वाला खुलासा किया। उनका दावा है कि इस हत्या की साजिश में गौरव की मंगेतर नेहा का भी हाथ था। परिजनों के अनुसार, नेहा ने सौरव नाम के एक शख्स को गौरव की तस्वीरें और अन्य जानकारी व्हाट्सएप के जरिए दी थी। इसके बाद, नेहा और सौरव ने मिलकर इस जानलेवा हमले की योजना बनाई। परिवार का कहना है कि सौरव ने पहले भी गौरव को धमकियां दी थीं। करीब एक महीने पहले, सौरव और उसके दोस्त सोनू ने गौरव को जान से मारने की धमकी दी थी और नेहा से शादी न करने की चेतावनी दी थी। गौरव ने इसकी शिकायत बीपीटीपी थाने में दर्ज कराई थी, जिसके बाद सौरव ने लिखित में माफी मांगी थी। लेकिन यह माफी केवल एक दिखावा थी, जिसका असली मकसद गौरव को और गहरे जाल में फंसाना था। हमले में गौरव को गंभीर चोटें आईं, और तीन दिन तक वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझने के बाद उसने दम तोड़ दिया।

पुलिस की कार्रवाई और जांच जारी

फरीदाबाद पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू की। थाना सदर बल्लभगढ़ के एसएचओ उमेश सिंह ने बताया कि शुरुआत में सौरव और उसके साथियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। गौरव की मृत्यु के बाद, पुलिस ने सौरव और सोनू के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, और उनसे पूछताछ के लिए दो दिन का रिमांड लिया गया है। पुलिस का कहना है कि पूछताछ के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि इस साजिश में और कितने लोग शामिल थे। इस घटना ने न केवल गौरव के परिवार को सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे इलाके में आक्रोश और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है। यह कहानी न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज में प्रेम और विश्वास के रिश्तों पर सवाल उठाती है।

ड्रोन वाला चोर समझ ग्रामीणों ने प्रेमी की कर दी कुटाई, आधी रात को पहुंचा था प्रेमिका से मिलने

उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इन दिनों रात में उड़ने वाले ड्रोन की दहशत फैली हुई है। लोग रात के समय आसमान में ड्रोन देखकर डर रहे हैं और इसे चोरों या संदिग्ध गतिविधियों से जोड़कर देख रहे हैं। इस डर के बीच बरेली जिले के सिरौली कस्बे से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां ड्रोन चोर की अफवाह ने एक युवक की जान पर बन आई। यह घटना मंगलवार रात करीब दो बजे की है, जब एक युवक अपनी प्रेमिका से मिलने के लिए आधी रात को उसके घर पहुंचा। लेकिन, मोहल्ले वालों ने उसे ड्रोन चोर समझ लिया और उसकी पिटाई कर दी। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों के बीच डर को दर्शाती है, बल्कि अफवाहों के चलते होने वाली गलतफहमियों को भी उजागर करती है।

प्रेमी की रात में मुलाकात, बन गया हंगामा

सिरौली कस्बे के एक मोहल्ले में मंगलवार देर रात उस समय हंगामा मच गया, जब एक युवक अपनी प्रेमिका के बुलावे पर उसके घर पहुंचा। युवक ने छिपकर प्रेमिका के घर में प्रवेश किया, लेकिन वहां से निकलते समय उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया। मोहल्ले के कुछ लोगों की नजर उस पर पड़ गई और उन्होंने उसे संदिग्ध समझ लिया। ड्रोन चोर की अफवाह के चलते लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया, जिससे देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने बिना कुछ सोचे-समझे युवक को दबोच लिया और लाठी-डंडों से उसकी पिटाई शुरू कर दी। युवक ने अपनी सफाई देने की कोशिश की, लेकिन गुस्साई भीड़ ने उसकी एक न सुनी। इस बीच, युवक ने भागने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाम रहा।

पुलिस ने बचाई जान, मामला सुलझा

हंगामे की सूचना मिलते ही सिरौली पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ से युवक को बचाकर थाने ले गई। पुलिस की समय पर हस्तक्षेप ने युवक की जान बचा ली। थाने में पूछताछ के दौरान युवक ने बताया कि वह अपनी प्रेमिका से मिलने आया था और उसका कोई गलत इरादा नहीं था। इस बीच, प्रेमिका के परिवार और मोहल्ले वालों के बीच बातचीत हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया। कोतवाल जगत सिंह ने बताया कि इस मामले में कोई लिखित शिकायत या तहरीर नहीं मिली है, इसलिए युवक को छोड़ दिया गया। इस घटना को लेकर करीब दो घंटे तक मोहल्ले में ड्रामा चलता रहा। यह मामला न केवल ड्रोन की दहशत को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अफवाहें और गलतफहमियां कितनी जल्दी स्थिति को बिगाड़ सकती हैं।

सांसद अफजाल अंसारी ने NH-31 को फोरलेन बनाने की उठाई मांग, नितिन गडकरी से करी मुलाकात

गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने आज केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और गाजीपुर-हाजीपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-31) को फोरलेन में तब्दील करने की मांग रखी। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मार्ग पहले से ही नेशनल हाईवे के रूप में अधिसूचित है, जिसके कारण इसके लिए अतिरिक्त भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं होगी। यह कदम न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि परियोजना की लागत को भी कम करेगा। सांसद ने बताया कि इस मार्ग के फोरलेन होने से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच आवागमन सुगम होगा, जिससे व्यापार, यात्रा और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

अफजाल अंसारी ने केंद्रीय मंत्री को यह भी अवगत कराया कि NH-31 पूर्वांचल और बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इस मार्ग पर रोजाना भारी संख्या में वाहनों का आवागमन होता है, जिसके कारण अक्सर जाम की स्थिति बनती है। फोरलेन निर्माण से न केवल यातायात की भीड़ कम होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। उन्होंने गडकरी से इस परियोजना को प्राथमिकता देने का अनुरोध किया ताकि क्षेत्र के लोगों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।

पूर्वांचल की आवाज़: अफजाल अंसारी का जनहित में प्रयास

पूर्वांचल की सियासत में एक जाना-माना नाम, अफजाल अंसारी, जो स्वर्गीय मुख्तार अंसारी के बड़े भाई हैं, हमेशा से जनता के मुद्दों को लेकर मुखर रहे हैं। गाजीपुर से सांसद के रूप में, वह क्षेत्र के विकास और लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत रहते हैं। NH-31 को फोरलेन बनाने की उनकी मांग भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस पहल से न केवल गाजीपुर, बल्कि आसपास के जिलों जैसे बलिया, मऊ और बिहार के हाजीपुर, पटना जैसे क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ होगा।

अफजाल अंसारी ने अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को समझते हुए इस मुद्दे को केंद्रीय स्तर पर उठाया है। उनके इस प्रयास से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी है कि जल्द ही उन्हें बेहतर सड़क सुविधाएं मिलेंगी। यह मार्ग न केवल आम लोगों के लिए, बल्कि व्यापारियों और उद्यमियों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पूर्वांचल को बिहार और अन्य राज्यों से जोड़ता है।

क्षेत्रीय विकास और भविष्य की संभावनाएं

NH-31 के फोरलेन होने से उत्तर प्रदेश और बिहार के बीच आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। यह मार्ग पूर्वांचल के कई जिलों को जोड़ता है और इसका उन्नयन क्षेत्र में निवेश और पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर सड़क संपर्क से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी। इसके अलावा, इस परियोजना से रोजगार सृजन के नए अवसर भी पैदा होंगे।

सांसद अफजाल अंसारी ने इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से यह भी अनुरोध किया कि परियोजना को जल्द से जल्द शुरू करने के लिए आवश्यक बजट और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। गडकरी ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रुख दिखाया और आश्वासन दिया कि इस मांग पर विचार किया जाएगा। स्थानीय लोग अब इस परियोजना के जल्द शुरू होने की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि वे वर्षों से चली आ रही यातायात समस्याओं से निजात पा सकें।

ब्लैकमेलिंग का जाल: हाय-हेलो से शुरू, वसूली पर खत्म

सिविल लाइंस पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो सोशल मीडिया और वॉट्सएप का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी और ब्लैकमेलिंग का जाल बुनता था। यह गिरोह खास तौर पर 40 साल से अधिक उम्र के संपन्न व्यक्तियों को निशाना बनाता था। गिरोह की महिलाएं वॉट्सएप पर ‘हाय’ का मैसेज भेजकर शिकार को फंसाने की शुरुआत करती थीं। जवाब मिलने पर कुछ घंटों तक कोई प्रतिक्रिया नहीं देतीं और फिर ‘गलती से मैसेज’ होने का बहाना बनाकर बातचीत शुरू करती थीं। धीरे-धीरे बात को अपने एजेंडे पर लाकर वे व्यक्ति को अकेले में मुलाकात का लालच देती थीं। मुलाकात के दौरान पहले से मौजूद गिरोह की पूरी टीम अपनी भूमिका निभाती थी। जैसे ही वीडियो बन जाता, ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हो जाता। चारों तरफ से फंसा व्यक्ति रुपये देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं देख पाता था।

रेकी से शुरू होता था शिकार का चयन

गिरोह का पहला कदम था रेकी के जरिए ऐसे व्यक्ति की तलाश करना, जो 40 साल से अधिक उम्र का हो और आर्थिक रूप से सक्षम हो। पुरुष सदस्यों की जिम्मेदारी थी कि वे ऐसे व्यक्तियों को चिह्नित करें, जो महिलाओं से बात करने में रुचि रखते हों। खासकर उन लोगों को निशाना बनाया जाता था, जो किसी सरकारी विभाग में नौकरी करते हों, जिनकी पत्नी न हो या जो सेवानिवृत्त हो चुके हों। दीवान का बाजार निवासी महक उर्फ फरीदा (35 वर्ष) और गुलाबराय का बाग निवासी रानी (28 वर्ष) इस गिरोह की मुख्य महिला सदस्य थीं। अन्य सदस्यों में एकता कॉलोनी निवासी राहुल शर्मा, चंदनपुर इशापुर मूंढापांडे निवासी राधेश्याम, सोनू शर्मा और अमन शामिल थे। सभी की भूमिकाएं पहले से तय थीं।

उम्र का खेल और वसूली का जाल

महक की उम्र 35 वर्ष होने के कारण युवा पुरुष उसके झांसे में कम आते थे। वहीं, रानी की उम्र 28 वर्ष होने के चलते लोग उसके प्रति जल्दी आकर्षित हो जाते थे। वॉट्सएप पर बातचीत का जिम्मा महक संभालती थी, लेकिन जब चेहरा दिखाने या मुलाकात की बारी आती, तो रानी को आगे कर दिया जाता। पुलिस के अनुसार, गिरोह ‘हाय-हेलो’ के मैसेज के बाद महज पांच दिनों के भीतर शिकार को अपने जाल में फंसा लेता था। मुलाकात के दौरान बनाए गए वीडियो के आधार पर ब्लैकमेलिंग शुरू होती, और पीड़ित को भारी रकम चुकानी पड़ती। सिविल लाइंस पुलिस ने इस गिरोह के सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया है और मामले की गहन जांच कर रही है।