नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आंगनवाड़ी कार्य के अलावा भी अतिरिक्त आय के स्रोत हो सकते हैं। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए केवल आंगनवाड़ी कार्य से प्राप्त वेतन से खुद या अपने परिवार का भरण-पोषण करना संभव नहीं है, और इसीलिए आय के अधिक स्रोत होना अस्वाभाविक नहीं है। इसलिए, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता दूसरा काम भी कर सकती हैं।
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यह आदेश जस्टिस हरिशंकर और सुधीर कुमार जैन की बेंच ने दिया है, जो एक Anganwadi worker की ओर से सुपरवाइजर भर्ती के लिए दिए गए प्रमाण पत्र पर आपत्ति करने के संबंध में था। कार्यकर्ता ने यह दावा किया कि वह खाली समय में एक एनजीओ में काम कर रही थी, जबकि प्रमाण पत्र में आंगनवाड़ी कार्य करने का उल्लेख था।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि भले ही धनशोधन कानून (PMLA पीएमएलए) में जमानत के लिए कड़े प्रावधान हैं, बीमार और अशक्त व्यक्तियों को जमानत मिल सकती है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए पीएमएलए मामले में एक आरोपी को अंतरिम जमानत प्रदान की। बेंच ने राहत देने से पहले याचिकाकर्ता की मेडिकल रिपोर्ट का अवलोकन किया। वरिष्ठ अधिवक्ता आत्माराम नादकर्णी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपी पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए अन्य थ्प्त् भी दर्ज हैं।