पहलगाम हमले पर आमिर खान बोले- ‘जो हुआ, वो इस्लाम नहीं सिखाता’

हाल ही में, बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आमिर खान ने रजत शर्मा के लोकप्रिय शो आप की अदालत में शिरकत की। इस खास मुलाकात में आमिर ने न सिर्फ अपने निजी जीवन और करियर की बातें साझा कीं, बल्कि कश्मीर के पहलगाम में हुए दिल दहला देने वाले आतंकी हमले पर भी खुलकर अपनी राय रखी। उनकी बातें न केवल भावनात्मक थीं, बल्कि देश और समाज के प्रति उनकी गहरी सोच को भी दर्शाती थीं। इस लेख में, हम आमिर खान के विचारों, आतंकवाद के खिलाफ उनकी बेबाक राय, और भारत सरकार के निर्णायक कदमों पर उनके समर्थन को विस्तार से जानेंगे।

आतंकवाद का विरोध: आमिर की बेबाक राय

आमिर खान ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। इस हमले में आतंकवादियों ने एक धर्म विशेष के लोगों को निशाना बनाया और उनके नाम पूछकर निर्दोषों की जान ली। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। शो में रजत शर्मा ने जब आमिर से इस संवेदनशील मुद्दे पर सवाल किया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा, “मैं एक मुस्लिम हूं और मुझे अपने धर्म पर गर्व है। साथ ही, मैं एक हिंदुस्तानी हूं और इस बात का भी मुझे उतना ही गर्व है।” आमिर ने आगे जोर देकर कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। “कोई भी धर्म निर्दोष लोगों की हत्या की इजाजत नहीं देता। ये आतंकी जो कर रहे हैं, वह इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ है। मैं उन्हें मुस्लिम भी नहीं मानता।”

इस्लाम के सिद्धांत और आतंकवाद का सच

आमिर ने इस्लाम के मूल सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि यह धर्म शांति और भाईचारे का संदेश देता है। उन्होंने बताया, “इस्लाम साफ कहता है कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना, खासकर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हिंसा, पूरी तरह गलत है।” आमिर ने आतंकवादियों को कट्टरपंथी बताते हुए कहा कि उनके कृत्य धर्म की आड़ में किए गए अपराध हैं, जो किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हैं। उनकी यह बात न केवल उनके धर्म के प्रति गहरी समझ को दर्शाती है, बल्कि समाज में एकता और शांति की जरूरत को भी रेखांकित करती है।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की जवाबी कार्रवाई

पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान से जुड़े आतंकी ठिकानों का हाथ होने की बात सामने आई थी। भारत सरकार ने इस हमले का जवाब देने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया। आमिर ने इस ऑपरेशन की तारीफ करते हुए कहा, “भारत सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया। आतंकवाद के खिलाफ ऐसी कार्रवाई जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।” उनकी यह राय देश की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को समर्थन देती है।

आमिर का दुख और देश के प्रति प्रेम

आमिर ने पहलगाम हमले पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, “जब भी ऐसी घटनाएं होती हैं, मेरा दिल टूट जाता है। यह सिर्फ एक समुदाय की बात नहीं, बल्कि पूरे देश की एकता और शांति पर हमला है।” आमिर की यह भावना उनके देशप्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाती है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ लड़ना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

एक संदेश: एकता और शांति

आमिर खान की यह बातचीत न केवल आतंकवाद के खिलाफ उनकी स्पष्ट राय को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि वह एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं। उनकी बातें युवाओं और समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा का काम करती हैं। वह चाहते हैं कि लोग धर्म और समुदाय की दीवारों को तोड़कर एक-दूसरे के साथ मिलकर रहें।

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