समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने क्वालिटी बार मामले में उन्हें जमानत दे दी है। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने यह महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। इस फैसले के बाद अब आजम खान जल्द ही जेल से बाहर आ सकते हैं। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 21 अगस्त 2025 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में आजम खान की ओर से अधिवक्ता इमरान उल्ला और मोहम्मद खालिद ने बहस की थी। यह जमानत याचिका तब दाखिल की गई थी, जब रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 17 मई 2025 को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
क्वालिटी बार मामले में क्या है आरोप?
आजम खान पर रामपुर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में हाईवे के किनारे सईद नगर हरदोई पट्टी में स्थित क्वालिटी बार पर कब्जा करने का आरोप है। इस मामले में उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई चल रही थी, जिसके चलते वह लंबे समय से जेल में बंद थे। इस मामले में निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार उन्हें जमानत मिल गई। इस फैसले को आजम खान के समर्थकों के बीच एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।
आजम खान की रिहाई और राजनीतिक प्रभाव
आजम खान की जमानत समाजवादी पार्टी के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना है। उनकी रिहाई से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल है। आजम खान लंबे समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा रहे हैं, खासकर रामपुर क्षेत्र में उनका मजबूत जनाधार है। उनकी रिहाई के बाद यह माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी आगामी राजनीतिक गतिविधियों में और सक्रियता दिखा सकती है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि इस जमानत के बाद उनके खिलाफ चल रहे अन्य कानूनी मामलों का क्या प्रभाव पड़ता है। आजम खान के समर्थक इस फैसले को न केवल उनकी व्यक्तिगत जीत, बल्कि पार्टी के लिए भी एक सकारात्मक संदेश के रूप में देख रहे हैं। यह फैसला उनके राजनीतिक करियर को नई दिशा दे सकता है।