इजरायल और गाजा के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंच चुका है। शुक्रवार को इजरायली मंत्रिमंडल ने गाजा पर पूरी तरह कब्जा करने की योजना को मंजूरी दे दी। इस फैसले के बाद इजरायली सेना ने अपनी सैन्य तैयारियां तेज कर दी हैं। गाजा के निवासियों में इस खबर से भय का माहौल है, लेकिन उनका हौसला अटल है। गाजा के लोग अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उनकी जड़ें इस जमीन से गहरे जुड़ी हैं, और वे इसे बचाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार हैं।
इजरायल का गाजा पर कब्जे का प्लान
इजरायल ने गाजा पर पूर्ण नियंत्रण स्थापित करने की रणनीति को अमल में लाना शुरू कर दिया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनकी सेना गाजा से हमास को पूरी तरह समाप्त कर देगी। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस घोषणा के बाद गाजा में डर का माहौल है, लेकिन वहां के निवासी अपनी जमीन को लेकर अडिग हैं। गाजा के लोग कहते हैं कि वे मरना स्वीकार करेंगे, लेकिन अपनी मातृभूमि को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उनकी यह दृढ़ता उनकी एकता और हौसले को दर्शाती है।
गाजा के लोगों का अटल संकल्प
गाजा के निवासी अहमद ने अल जजीरा को बताया, “अल्लाह की कसम, इजरायली हमलों में मैंने सौ बार मौत को गले लगाया है। मैं अपने परिवार के साथ गाजा में अलग-अलग जगहों पर रहा, मुश्किल हालात देखे, लेकिन हम गाजा नहीं छोड़ेंगे। यहां मरना बेहतर है।” अहमद की तरह ही गाजा के अन्य निवासी रजब ने भी यही जज्बा दिखाया। रजब ने कहा, “हम सड़कों पर जानवरों की तरह रह लेंगे, लेकिन अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे।” रजब का कहना है कि इजरायल ने उनका सबकुछ छीन लिया—उनके घर, उनका रोजगार, लेकिन अब वे उनकी जमीन भी छीनना चाहता है, जहां उनके पूर्वज दफन हैं। रजब ने गुस्से में कहा, “इजरायल को हमारे जिस्म और रूह के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।” गाजा के लोग अपनी जमीन और हक के लिए आखिरी सांस तक लड़ने को तैयार हैं। उनकी यह लड़ाई न केवल जमीन की है, बल्कि उनकी पहचान और इतिहास की भी रक्षा की जंग है।