‘उदयपुर फाइल्स’ ने खड़ा किया सियासी तूफान,  सपा नेता ने नूपुर शर्मा को ठहराया जिम्मेदार, ‘मुसलमानों के खिलाफ साजिश!’

8 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज हुई फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ ने कन्हैयालाल हत्याकांड को आधार बनाकर तीव्र विवाद पैदा कर दिया है। यह फिल्म उदयपुर में हुए टेलर कन्हैयालाल की निर्मम हत्या पर आधारित है, जिसे लेकर समाजवादी पार्टी के नेता और महाराष्ट्र विधायक अबू आजमी ने कड़ा विरोध जताया है। उनके अनुसार, यह फिल्म सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने और मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास है। इस मुद्दे ने राजनीतिक और सामाजिक मंचों पर तीखी बहस छेड़ दी है।

नफरत फैलाने वाली फिल्म?

अबू आजमी ने ‘उदयपुर फाइल्स’ को सामाजिक एकता के लिए खतरा बताया है। न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “ऐसी फिल्में समाज में प्यार नहीं, बल्कि नफरत को बढ़ावा देती हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां कानून का राज होना चाहिए और हर धर्म को सम्मान मिलना चाहिए।” आजमी ने बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान को भी इस घटना का मूल कारण ठहराया। उनके मुताबिक, अगर नूपुर शर्मा ने वह बयान नहीं दिया होता, तो शायद कन्हैयालाल की हत्या न होती। उन्होंने फिल्म को मुसलमानों के खिलाफ नफरत भड़काने का हथियार करार दिया।

नूपुर शर्मा के बयान का असर

आजमी ने जोर देकर कहा कि ‘उदयपुर फाइल्स’ में कन्हैयालाल की हत्या को नूपुर शर्मा के समर्थन से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा, “फिल्म में दिखाया गया है कि टेलर ने नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन किया, जिसके चलते उसकी हत्या हुई। हत्या निंदनीय और पूरी तरह गलत है, लेकिन सरकार को ऐसी परिस्थितियां पैदा करने वाली बयानबाजी पर रोक लगानी चाहिए।” आजमी ने यह भी उल्लेख किया कि बीजेपी ने नूपुर शर्मा को उनके बयान के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन इस तरह की घटनाओं ने सामाजिक तनाव को और बढ़ाया है।

‘नफरत की सियासत बंद हो’

अबू आजमी ने सरकार से नफरत भरी सियासत पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा, “अगर कोई इस्लामिक देश होता और वहां पैगंबर के खिलाफ कोई बोलता, तो उसका तुरंत ‘बंदोबस्त’ हो जाता। लेकिन भारत में कानून का राज है, और सभी धर्मों का सम्मान होना चाहिए।” उन्होंने फिल्म के जरिए नूपुर शर्मा के बयान को सही ठहराने और दंगे भड़काने की मंशा पर सवाल उठाए। आजमी ने सरकार से ऐसी फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, जो सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाती हैं।

राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन

आजमी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने जो सवाल उठाए हैं, वे बिल्कुल सही हैं। चुनाव आयोग के कुछ अधिकारी बीजेपी के साथ मिलकर वोटों की चोरी कर रहे हैं। इंडिया अलायंस और सेक्युलर सोच वाले लोगों को इसके खिलाफ हल्ला बोल आंदोलन शुरू करना चाहिए।” आजमी ने राहुल गांधी को उनके साहस के लिए बधाई दी और कहा कि इस तरह के मुद्दों को उठाना लोकतंत्र के लिए जरूरी है।

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