लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर अपने तीखे तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। प्रयागराज, वाराणसी, बदायूं, उन्नाव और कानपुर सहित 24 जिलों में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि अगले कुछ दिनों तक बारिश का सिलसिला थमने वाला नहीं है। 30 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जबकि 40 से अधिक जिलों में बिजली गिरने और गरज-चमक की आशंका जताई गई है। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
चक्रवाती सिस्टम और पश्चिमी विक्षोभ का असर
लखनऊ के आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती सिस्टम और उत्तरी उड़ीसा में बना मौसमी दबाव उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का प्रमुख कारण है। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ अरब सागर से नमी लेकर उत्तर भारत की ओर बढ़ रहा है, जिससे बारिश और तेज होने की संभावना है। इसका असर यह है कि अगले कुछ दिनों में मौसम और बिगड़ सकता है। खासकर बांदा, चित्रकूट, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, महोबा और ललितपुर जैसे जिलों में तेज बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी गई है।
प्रशासन सतर्क, लोगों से सावधानी की अपील
9 और 10 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना है। इससे पहले शुक्रवार को गोंडा, बहराइच, बाराबंकी और अयोध्या जैसे पूर्वी जिलों में भारी बारिश ने प्रशासन को हाई अलर्ट पर ला दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे खराब मौसम में घर से बाहर न निकलें और बिजली गिरने से बचने के लिए खुले मैदानों से दूर रहें। प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखने और नदियों के किनारे बसे गांवों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं।