कमरे में लटका मिला वकील, सुसाइड नोट में लिखा- ‘मैं कायर नहीं, मजबूर हूं’

प्रयागराज के झुंसी इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया। त्रिवेणीपुरम कॉलोनी के यमुना सेक्टर में किराए के मकान में रहने वाले 27 वर्षीय अधिवक्ता अजय साहू का शव शुक्रवार रात फंदे से लटकता हुआ मिला। उनके कमरे से मिले दो पेज के सुसाइड नोट ने न केवल उनके दर्द को उजागर किया, बल्कि एक ऐसी प्रेम कहानी की त्रासदी को भी सामने लाया, जो नौ साल तक चली, मगर अधूरी रह गई। इस घटना ने न सिर्फ अजय के परिवार, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर प्यार की राह में इतना दर्द क्यों?

एक अधूरी प्रेम कहानी का दुखद अंत

हंडिया के कुकुडहा गांव के रहने वाले अजय साहू अपने पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। चार साल से वे त्रिवेणीपुरम में बृजेंद्र कुमार राय के मकान की दूसरी मंजिल पर किराए पर रह रहे थे। उनकी जिंदगी एक आम अधिवक्ता की तरह चल रही थी, लेकिन उनके दिल में एक ऐसी आग सुलग रही थी, जिसने धीरे-धीरे उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर दिया। सुसाइड नोट में अजय ने अपनी प्रेमिका के लिए लिखा, “आई रियली लव यू, मैं हमेशा तुम्हें मिस करूंगा।” उन्होंने यह भी अपील की कि उनकी मौत के बाद परिवार और दोस्तों को परेशान न किया जाए, क्योंकि यह उनका अपना निर्णय था। नौ साल के प्यार को ठुकराए जाने का दर्द उनके लिए असहनीय हो गया था।

रात ने बदली जिंदगी की तस्वीर

शुक्रवार रात करीब साढ़े आठ बजे, मकान मालिक बृजेंद्र ने अजय को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। चिंतित होकर जब वे अजय के कमरे में पहुंचे, तो दरवाजा खुला था। अंदर का दृश्य देखकर वे सन्न रह गए—अजय फंदे से लटके हुए थे। शोर सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए, और पुलिस को सूचना दी गई। झुंसी के एसओ उपेंद्र प्रताप सिंह ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। अजय की मां शकुंतला देवी और उनके भाई संतोष, अशोक, संजय, और विनोद रात में रोते-बिलखते मौके पर पहुंचे। मां का दर्द देखकर वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं।

शादी का टूटा सपना

पिछले महीने 16 मई को अजय की शादी भदोही की एक युवती से तय थी। निमंत्रण कार्ड तक बंट चुके थे, लेकिन अजय ने 27 अप्रैल को शादी से इनकार कर दिया। एक दिन पहले वे अपनी मां के साथ कहीं चले गए थे। पुलिस जांच में पता चला कि अजय कई दिनों से अवसाद में थे और गुमसुम रहने लगे थे। उनके सुसाइड नोट में लिखा था, “मेरे नौ साल के प्यार को ठुकराकर तुमने मुझे मरने के लिए मजबूर कर दिया।” उन्होंने मीडिया से भी गुहार लगाई कि उनकी कहानी को दुनिया तक पहुंचाया जाए, ताकि लोग समझ सकें कि वे कायर नहीं, बल्कि मजबूर थे।

समाज के लिए एक सबक

अजय की इस त्रासदी ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक दर्द के मुद्दे को सामने ला दिया। प्यार में असफलता और सामाजिक दबाव कई बार इंसान को ऐसे कदम उठाने के लिए मजबूर कर देते हैं। उनके नोट में परिवार और समाज से अपील थी कि उनके परिजनों का मजाक न उड़ाया जाए। यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमें अपने आसपास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें समय रहते मदद पहुंचानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *