हरिद्वार (उत्तराखंड): रानीपुर पुलिस ने पीड़ित महिला की ओर से लिखित शिकायत पर शहजाद पुत्र अल्ताफ निवासी ग्राम पिरान कलियर शरीफ थाना कलियर के खिलाफ बेहोश कर दुष्कर्म और पति की मृत्यु का भय दिखाने का केस दर्ज किया था।
एफटीएससी, अपर जिला जज चंद्रमणि राय की अदालत ने झाड़-फूंक के बहाने महिला से दुष्कर्म और पति की मौत का भय दिखाने के मामले में हकीम को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने हकीम को दस साल के कठोर कारावास और 60 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 19 नवम्बर 2020 में कोतवाली रानीपुर क्षेत्र के एक गांव में हकीम पर पीड़ित महिला से झाड़-फूंक के बहाने इलाज के दौरान दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
यही नहीं, हकीम ने घटना के बारे में किसी को बताने पर पीड़ित महिला को उसके पति की मृत्यु होने का डर दिखाया था। कई दिनों से डरी-सहमी पीड़ित महिला ने सारी आपबीती अपने पति को बताई थी। इसके बाद पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया था कि पड़ोसी महिला उसे हकीम के पास दवाई दिलाने के लिए ले गई थी।
आरोप लगाया था कि हकीम ने दुकान में अंदर ले जाकर नशीला पदार्थ सुंघाकर दुष्कर्म किया था। पीड़िता को होश आने पर अपने साथ दुष्कर्म होने का अंदेशा हो गया था।
रानीपुर पुलिस ने पीड़ित महिला की ओर से लिखित शिकायत पर शहजाद पुत्र अल्ताफ निवासी ग्राम पिरान कलियर शरीफ थाना कलियर के खिलाफ बेहोश कर दुष्कर्म और पति की मृत्यु का भय दिखाने का केस दर्ज किया था। पुलिस ने हकीम शहजाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
कोर्ट ने हकीम को धारा 376 (1) आईपीसी में 10 वर्ष और 50 हजार जुर्माना और धारा 508 के तहत एक वर्ष का कारावास और10 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना राशि 60 हजार में से 50 हजार पीड़िता को प्रतिकर के रूप में देने के आदेश दिए हैं।
पीड़िता की साथी महिला बयान से पलटी
पीड़ित महिला ने पुलिस को बताया कि वह काफी दिनों से बीमार चल रही थी। यही नहीं, काफी इलाज के बाद भी उसकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा था। तब पड़ोस में रहने वाली महिला उसे हकीम के पास इलाज के लिए ले गई थी। जहां हकीम ने उसके साथ घटना को अंजाम दिया था। कोर्ट में गवाही के दौरान पड़ोसी महिला ने घटना की पुष्टि नहीं की थी।
जुर्माना नहीं देने पर छह माह की सजा बढ़ेगी
जुर्माना न देने पर छह महीने की कैद एफटीएस कोर्ट ने आरोपी हकीम को 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 60 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना नहीं देने पर उसे छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए हैं।