अबुल कलाम अश्क
Moradabad News: शहर इमाम शरीफ नगर मुफ्ती परवेज आलम ने जूमें की नमाज से पहले तकरीर करते हुए मुसलमान से अपील की है कि ईद-उल-अजहा पर कुर्बानी देते समय सरकारी दिशा निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
कुर्बान किए गए जानवरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा नहीं करें. ईद-उल-अजहा (बकरीद) सोमवार से (17 जून) को मनाया जाएगा।
जिस व्यक्ति पर कुर्बानी फर्ज है उसे हर हाल में इस कर्तव्य को निभाना है। पर्तमान परिस्थ्तियों को देखते हुए आवश्यक है कि मुसलमान स्वयं सावधानी से काम लें। प्रचार विशेष रूप से सोशल मीडीया पर कुर्बानी के जानवरों की तस्वीरें आदि शेयर न करें मुफ्ती परवेज ने कहा, ”इस्लाम में कुर्बानी का कोई विकल्प नहीं है हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है कुर्बानी मुफ्ती परवेज ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि मुसलमान कुर्बानी देते समय एहतियाती कदम उठाएं।
उन्होंने कहा, “अगर किसी स्थान पर शरारती तत्व भैंस की कुर्बानी देने से भी रोकते हैं तो कुछ समझदार और प्रभावशाली लोगों को प्रशासन को विश्वास में लेना चाहिए और फिर कुर्बानी देनी चाहिए।
नालियों में नहीं फेंकने की अपील
मुफ्ती परवेज ने मुसलमानों को ईद-उल-अजहा के मौके पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी और कहा कि कुर्बानी किए गए जानवरों के अवशेषों को सड़कों और नालियों में नहीं फेंकना चाहिए बल्कि उन्हें इस तरह से दबा देना चाहिए कि इससे बदबू न फैले.
हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है कुर्बानी
मुफ्ती परवेज ने कहा कि अल्लाह तआला ने मुसलमानों के लिए दो त्योहार अता किए हैं। एक ईद और दूसरा बकरीद, जिसके आने पर मुसलमानों के अंदर खुशी का माहौल पैदा होता है। ईद की खुशी तीस रोजा के बाद अल्लाह ताला अता करता है और बकरीद में मुसलमान हजरत इब्राहिम अलैहिस्सलाम की सुन्नत कुर्बानी अल्लाह रब्बुलइज्जत की बारगाह में पेश करके खुशी का इजहार करता है।