सरबजीत सिंह खालसा 2004 लोकसभा चुनाव में बठिंडा से लड़े थे लेकिन 1.13 लाख वोटों से हार गए थे। 2007 में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा।
इंदिरा गांधी के हत्या के आरोपी बेअंत सिंह के बेटे और पंजाब की फरीदकोट सीट से आजाद उम्मीदवार सरबजीत सिंह खालसा ने आम आदमी पार्टी उम्मीदवार करमजीत अनमोल और भाजपा के हंसराज हंस को बड़ी लीड से हरा दिया है। सरबजीत सिंह खालसा के फरीदकोट का सांसद चुन जाने से पंजाब में पंथक सियासत का नया अध्याय शुरू हो गया है।
सांसद चुने जाने के बाद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि वह खडूर साहिब से चयनित सांसद अमृतपाल सिंह के साथ मिलकर पंजाब में पंथ के लिए काम करेंगे और नौजवानों को पंथ से जोड़कर नशे के खिलाफ खड़ा करेंगे। दोनों सीटों पर जीतने वाले ये आजाद उम्मीदवार खालिस्तान का खुलकर समर्थन करते हैं। ऐसे में इन रुझानों ने सबको चौंकाया है।
कई बार चुनाव लड़े, एक बार भी नहीं जीते
सरबजीत सिंह खालसा 2004 लोकसभा चुनाव में बठिंडा से लड़े थे लेकिन 1.13 लाख वोटों से हार गए थे। 2007 में उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ा। तब वह भदौड़ सीट से उम्मीदवार थे और उनको सिर्फ 15,702 वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह पंजाब की फतहगढ़ साहिब सीट से चुनाव लड़े लेकिन यहां भी उनको हार का मुंह देखना पड़ा।
2019 लोकसभा चुनाव में वह बहुजन समाज पार्टी से चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन फिर हार गए। सरबजीत सिंह खालसा मां बिमल कौर भी 1989 में लोकसभा चुनाव लड़ी थीं। उनको इस चुनाव में जीत भी मिली और वह रोपड़ सीट से सांसद बनी थी। इसी साल उनके दादा बठिंडा सीट से सांसद बने थे।
अमृतपाल की मां ने की खुशी न मनाने की अपील
जेल में बंद अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव जीत लिया है। अमृतपाल ने 404430 वोटों के साथ खडूर साहिब सीट पर अपना नाम दर्ज करवाया। अमृतपाल 197120 इतनी सीटों से विजेता बने। खडूर साहिब क्षेत्र को सिखों के पवित्र स्थल के तौर पर जाना जाता है और इसे पंथक सीट का दर्जा प्राप्त है। यह सीट साल 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। यह क्षेत्र तरनतारन जिले का हिस्सा है।
खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 9 सीटें हैं, जिनमें जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी, जीरा शामिल हैं। इस बीच अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर ने मीडिया से बातचीत करते हुए खुशी जाहिर की है। मां का कहना है कि हम लोगों के बहुत अभारी हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि 6 जून से पहले कोई भी खुशी न मनाएं क्योंकि 6 जून को ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी है।
सिमरनजीत सिंह मान हारे
वहीं, एक और खालिस्तानी समर्थक संगरूर से मैदान में उतरे शिअद (अमृतसर) के सिमरनजीत सिंह मान को हार का मुंह देखना पड़ा। आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह मीत हेयर ने उन्हें मात दी। सिमरनजीत सिंह मान तीसरे नंबर पर रहे। उन्हें 187246 वोट मिले।