कर्नाटक के बेलागावी जिले के हुलीकट्टी गांव में स्थित सरकारी लोअर प्राइमरी स्कूल में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। स्कूल के पानी की टंकी में जहरीला पदार्थ मिलाए जाने के कारण 12 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। जांच में पता चला कि यह कोई लापरवाही नहीं, बल्कि एक सुनियोजित साजिश थी। इस साजिश का उद्देश्य स्कूल के मुस्लिम प्रिंसिपल सुलेमान गोरी नाईक को बदनाम कर उनका ट्रांसफर करवाना था। सुलेमान पिछले 13 साल से इस स्कूल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बच्चों का इलाज किया, और सौभाग्यवश सभी बच्चे अब स्वस्थ हैं। हालांकि, इस घटना ने स्कूल स्टाफ और अभिभावकों को स्तब्ध कर दिया।
साजिश का खुलासा: पांचवीं कक्षा के छात्र का इस्तेमाल
पुलिस जांच में सामने आया कि इस साजिश में एक पांचवीं कक्षा के छात्र का इस्तेमाल किया गया। इस छात्र को एक बोतल दी गई थी, जिसमें जहरीला पदार्थ था, और उसे यह टंकी में डालने के लिए कहा गया। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि उसे यह काम करने के लिए मजबूर किया गया था। टंकी का पानी पीने के बाद 12 छात्रों में बीमारी के लक्षण दिखाई दिए, जो सौभाग्यवश जानलेवा नहीं थे। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में डर और आक्रोश पैदा कर दिया। पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें श्रीराम सेना नामक राइटविंग संगठन से जुड़ा एक स्थानीय नेता भी शामिल है।
ब्लैकमेल और सांप्रदायिक साजिश का पर्दाफाश
जांच में यह भी सामने आया कि इस साजिश के पीछे सागर पाटिल, जो श्रीराम सेना का तालुका-स्तरीय अध्यक्ष है, का हाथ था। सागर ने कबूल किया कि वह नहीं चाहता था कि स्कूल की जिम्मेदारी किसी मुस्लिम व्यक्ति के पास रहे। इस साजिश को अंजाम देने के लिए सागर और उसके साथी नागनगौड़ा पाटिल ने कृष्णा मदार को ब्लैकमेल किया। कृष्णा को धमकी दी गई कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेगा, तो उसकी अंतरजातीय प्रेम कहानी को सार्वजनिक कर दिया जाएगा। डर के कारण कृष्णा ने उनकी बात मान ली और पांचवीं कक्षा के छात्र को जहरीला पदार्थ देकर टंकी में डलवाया। पुलिस ने सागर पाटिल, नागनगौड़ा पाटिल और कृष्णा मदार को गिरफ्तार कर लिया है, और उनसे पूछताछ जारी है।
मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया और सख्त कार्रवाई का वादा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “इस तरह की सांप्रदायिक साजिशें समाज में नफरत फैलाने का काम करती हैं। यह अत्यंत शर्मनाक है कि बच्चों की जान को खतरे में डालकर सांप्रदायिकता को बढ़ावा दिया गया।” उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ राजनीतिक दल धर्म के नाम पर समाज को बांटने और अपनी रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बीजेपी नेताओं को आत्मचिंतन करने की सलाह दी।
इसके साथ ही, सिद्धारमैया ने घोषणा की कि सांप्रदायिक घटनाओं और नफरत भरे भाषणों पर लगाम लगाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (STF) का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ऐसी साजिशों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेगी और समाज में शांति बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।”यह घटना न केवल एक स्कूल की सांप्रदायिक साजिश का पर्दाफाश करती है, बल्कि समाज में बढ़ती नफरत और धार्मिक कट्टरता पर भी सवाल उठाती है। सरकार और प्रशासन से अपेक्षा है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित किया जा सके।