वृंदावन के अनिरुद्धाचार्य पर पिता का सनसनीखेज आरोप, पीएम और सीएम से मदद की गुहार

वृंदावन के मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। उनके दो वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है। पहला वीडियो अनिरुद्धाचार्य की अमेरिका यात्रा से जुड़ा है, जिसमें वह सिएटल शहर की सैर करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में वह बड़े उत्साह के साथ कहते हैं, “राधे-राधे, जय गौरी गोपाल। मैं सिएटल में हूं। यहां घरों के बीच 7-8 फीट की खाली जगह होती है। कोई भी मकान एक-दूसरे से सटाकर नहीं बनाया जाता।” उन्होंने बताया कि अमेरिका में ज्यादातर घर लकड़ी के बने होते हैं और हर घर के आसपास हरी-भरी पार्किंग या छोटा पार्क जरूर होता है। अनिरुद्धाचार्य ने यह भी उल्लेख किया कि सड़कों पर गाड़ियां पार्क नहीं की जातीं, बल्कि हर घर में निजी पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होती है। सड़क पार करने के लिए लोग तय जगह का ही इस्तेमाल करते हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब पसंद किया जा रहा है, क्योंकि इसमें अनिरुद्धाचार्य ने विदेशी संस्कृति और वहां के रहन-सहन को सरल और रोचक तरीके से प्रस्तुत किया है। उनके इस वीडियो को लाखों लोग देख चुके हैं और इसे साझा कर रहे हैं।

गौरी गोपाल आश्रम में विवाद: गंभीर आरोपों का दूसरा वीडियो

दूसरा वीडियो, जो वृंदावन के गौरी गोपाल आश्रम से जुड़ा है, ने विवाद की आग को और भड़का दिया है। इस वीडियो में एक बुजुर्ग व्यक्ति, जो दाढ़ी रखे हुए हैं और खुद को अनिरुद्धाचार्य का पिता बताते हैं, अपनी दुखभरी कहानी साझा करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने आश्रम में अपने साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का जिक्र किया है। बुजुर्ग का कहना है कि उनका हाथ खराब हो गया है और घंटों गुहार लगाने के बावजूद आश्रम के कर्मचारी उनकी मदद नहीं कर रहे। उन्होंने कर्मचारियों पर रंगदारी और अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया है। सबसे गंभीर आरोप यह है कि अनिरुद्धाचार्य ने उनकी जमीन हड़प ली, जिसके चलते वह भारी आर्थिक और मानसिक परेशानी में हैं। इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं और लोग अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ अपनी राय जाहिर कर रहे हैं।

बुजुर्ग की गुहार: सरकार से लगाई मदद की अपील

वीडियो में बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी आपबीती सुनाते हुए भारत सरकार और उत्तर प्रदेश प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मथुरा के जिला कलेक्टर और एसडीएम से हस्तक्षेप करने की अपील की। बुजुर्ग ने बताया कि उनकी उम्र 68 साल है और खराब स्वास्थ्य के बावजूद उन्हें आश्रम में तिरस्कार का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपनी व्यथा को विस्तार से बताया और कहा कि आश्रम में उनकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इस वीडियो ने न केवल अनिरुद्धाचार्य की छवि पर सवाल उठाए हैं, बल्कि उनके आश्रम की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

सोशल मीडिया पर हंगामा: जनता की प्रतिक्रियाएं

इन दोनों वीडियो ने सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा पैदा की है। जहां एक ओर अनिरुद्धाचार्य का अमेरिका वाला वीडियो लोगों को प्रेरित और मनोरंजक लगा, वहीं दूसरा वीडियो उनके खिलाफ गुस्से और नाराजगी का कारण बन गया है। कई यूजर्स ने बुजुर्ग के आरोपों का समर्थन करते हुए अनिरुद्धाचार्य की आलोचना की है, जबकि कुछ लोग इसे एकतरफा कहानी मान रहे हैं और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। यह विवाद न केवल अनिरुद्धाचार्य की सार्वजनिक छवि को प्रभावित कर रहा है, बल्कि वृंदावन जैसे धार्मिक स्थल की पवित्रता पर भी सवाल उठा रहा है। इस मामले में अभी तक अनिरुद्धाचार्य या उनके आश्रम की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि इस विवाद का अंत कैसे होगा और क्या सच्चाई सामने आएगी।

रिंकी ने बेरुखी भरे लहजे में कहा, “ज़हर खा लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,पति ने कर ली आत्महत्या

हरदोई के शाहाबाद में एक दुखद घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। मोहल्ला हत्था हकीमजी में रहने वाले सर्वेश उर्फ लाली ने अपनी पत्नी रिंकी के बार-बार प्रेमी के साथ भाग जाने और अपमानजनक तानों से आहत होकर ज़हर खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस घटना ने न केवल सर्वेश के परिवार, बल्कि पूरे समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया।

पत्नी का ताना बना मौत का कारण

जानकारी के अनुसार, सर्वेश की पत्नी रिंकी बुधवार को उसी मोहल्ले के एक अन्य समुदाय के युवक हकीम के साथ भाग गई थी। सर्वेश ने जब अपनी पत्नी से फोन पर इस बारे में बात की, तो रिंकी ने बेरुखी भरे लहजे में कहा, “ज़हर खा लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।” इस क्रूर बात ने सर्वेश को अंदर तक तोड़ दिया। गहरे दुख और अपमान से आहत होकर उन्होंने ज़हर खा लिया। परिजनों ने उन्हें तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शाहाबाद पहुंचाया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया। लेकिन देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस घटना ने स्थानीय लोगों में गहरी सहानुभूति और आक्रोश पैदा कर दिया।

पहले भी प्रेमी के साथ भाग चुकी थी रिंकी

सर्वेश नवीन गल्ला मंडी में पल्लेदारी का काम करके अपने चार बच्चों और परिवार का भरण-पोषण करता था। परिजनों ने बताया कि कुछ महीने पहले भी रिंकी अपने प्रेमी हकीम के साथ भाग गई थी। उस समय सर्वेश ने अपने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रिंकी को माफ कर दिया और उसे घर वापस ले आया। लेकिन इस बार रिंकी फिर से हकीम के साथ चली गई, जिसने सर्वेश को पूरी तरह से तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही तहसील प्रशासन के अधिकारी अस्पताल पहुंचे और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस भी इस मामले की तह तक जाने के लिए तहकीकात कर रही है।

प्रेमी को लेकर घर में तनाव और सर्वेश की भूख

सर्वेश अपनी पत्नी रिंकी और चार बच्चों के साथ मोहल्ला हत्था हकीमजी में रहता था। रिंकी का प्रेमी हकीम भी उसी इलाके में रहता है और मजदूरी करता है। हकीम के भी चार बच्चे हैं। बताया जाता है कि रिंकी और हकीम पिछले चार साल से संपर्क में थे और दोनों अक्सर फोन पर बातें करते थे। इस रिश्ते का सर्वेश और उनके बच्चे विरोध करते थे। हाल ही में रिंकी हकीम के साथ शाहजहांपुर चली गई, जबकि हकीम का परिवार घर पर ताला लगाकर फरार हो गया। सर्वेश की बेटी ने बताया कि माता-पिता के बीच रोजाना झगड़े होते थे। रिंकी के फिर से हकीम के संपर्क में आने और फोन पर बात करने से घर में तनाव बढ़ गया था। बेटी के अनुसार, सर्वेश ने पिछले चार दिन से कुछ नहीं खाया था। रिंकी ने फोन पर सर्वेश से कहा, “ज़हर खा लो, मर जाओ, हम क्या करें। पुलिस मेरा और हकीम का कुछ नहीं कर सकती।” इस बात ने सर्वेश को इतना आहत किया कि उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

क्या है मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना, यूपी सरकार दे रही है 5 लाख का फ्री लोन, बिना ब्याज के

उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम-युवा) शुरू किया है। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने और उनके उद्यमशीलता के सपनों को साकार करने में मदद करना है। चाहे आप छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहते हों या कोई बड़ा स्टार्टअप, यह योजना आपके लिए ब्याज मुक्त लोन प्रदान करती है। इसके अलावा, इस योजना के तहत किसी भी प्रकार की गारंटी देने की आवश्यकता नहीं है, जिससे युवाओं के लिए बिजनेस शुरू करना और भी आसान हो जाता है। सरकार का लक्ष्य हर साल 1 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है, और अगले 10 वर्षों में 10 लाख लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की योजना है। इस अभियान के तहत 650 से अधिक विभिन्न प्रकार के प्रोजेक्ट्स के लिए लोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

योजना के लाभ और विशेषताएं

सीएम-युवा योजना के तहत कई आकर्षक लाभ दिए जा रहे हैं। सबसे बड़ा लाभ है ब्याज मुक्त लोन, जिसका मतलब है कि आपको लोन चुकाने के लिए अतिरिक्त ब्याज का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। यह लोन छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इसके अलावा, सरकार द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें युवाओं को बिजनेस शुरू करने और उसे सफलतापूर्वक चलाने के गुर सिखाए जाएंगे। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी कौशल प्रदान करेगा, बल्कि मार्केटिंग, वित्तीय प्रबंधन और ग्राहक सेवा जैसे क्षेत्रों में भी मार्गदर्शन देगा। योजना के तहत महिलाओं और विशेष रूप से कमजोर वर्गों के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन भी दिए जा रहे हैं, ताकि समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिल सके।

कैसे करें आवेदन और शुरू करें अपना बिजनेस?

सीएम-युवा योजना में आवेदन करना बेहद आसान है। इच्छुक युवा उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग के कार्यालयों के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आपको अपने बिजनेस प्लान का विवरण, व्यक्तिगत जानकारी और प्रोजेक्ट का प्रकार बताना होगा। आवेदन स्वीकृत होने के बाद, लोन की राशि सीधे आपके खाते में जमा कर दी जाएगी। इसके बाद, आप प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और अपने बिजनेस की शुरुआत कर सकते हैं। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि युवाओं को आत्मविश्वास और तकनीकी ज्ञान भी देती है। तो देर न करें, अगर आप उत्तर प्रदेश के युवा हैं और अपने सपनों को हकीकत में बदलना चाहते हैं, तो इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं और आज ही आवेदन करें!

मंदिर दर्शन की खुशी बदली मातम में, बच्ची की कहानी सुन आंसू छलक पड़ेंगे,11 की मौत

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जिसने कई परिवारों की खुशियों को मातम में बदल दिया। सावन के पवित्र महीने में पृथ्वीनाथ शिव मंदिर दर्शन के लिए निकले 15 लोगों से भरी एक बोलेरो गाड़ी इटियाथोक थाना क्षेत्र के बेलवा बहुता गांव के पास अनियंत्रित होकर नहर में जा गिरी। इस भयानक हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि 4 लोग किसी तरह बच गए। मॉनसून के कारण नहर में पानी का तेज बहाव था, जिसने बचाव कार्य को और मुश्किल बना दिया। यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि सड़क सुरक्षा और वाहन की क्षमता का पालन न करने की गंभीरता को भी उजागर करता है।

बच्ची की आपबीती: “सब खत्म हो गया”

हादसे में जिंदा बची एक किशोरवय बच्ची की आपबीती सुनकर हर किसी का दिल पसीज गया। स्थानीय लोगों ने उसे नहर से सुरक्षित निकाला, लेकिन अपने परिवार को खोने का दर्द उसे तोड़ रहा है। एक वायरल वीडियो में बच्ची फूट-फूटकर रोते हुए कहती है, “हम लोग मंदिर दर्शन करने जा रहे थे। गाड़ी में सब हंस रहे थे, खुश थे। अचानक पता नहीं क्या हुआ… सब खत्म हो गया।” उसकी चीखें और आंसू वहां मौजूद लोगों के लिए असहनीय थे। बच्ची के पास बैठे लोग उसे सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे और उसके गांव-पते की जानकारी जुटा रहे थे। इस मासूम की कहानी ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया, और लोग इस त्रासदी पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।

पुलिस जांच और सड़क सुरक्षा पर सवाल

पुलिस के अनुसार, बोलेरो में 7 सीटों की क्षमता के बावजूद 15 लोग सवार थे, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन था। हादसे के बाद गाड़ी नहर में पलट गई, और चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू किया, लेकिन गहरे पानी और तेज बहाव ने राहत कार्य को चुनौतीपूर्ण बना दिया। पुलिस का कहना है कि गाड़ी में अधिक लोग होने के कारण ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने से हुई। इस हादसे ने सड़क सुरक्षा और वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इस त्रासदी ने पूरे गोंडा जिले को सदमे में डाल दिया है, और लोग मृतकों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।