उत्तर प्रदेश में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है, और अगले 24 घंटों में राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 18 जिलों के लिए भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें पूर्वी और दक्षिणी यूपी के जिले शामिल हैं। यह मौसमी बदलाव उत्तरी बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के कारण हो रहा है, जो उत्तर-पश्चिमी दिशा में बढ़ रहा है।
यह क्षेत्र मानसूनी हवाओं को और सक्रिय कर रहा है, जिससे शुक्रवार से बारिश की तीव्रता बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, एक ट्रफ लाइन श्रीगंगानगर, सिरसा, और मेरठ से होकर गुजर रही है, जिसने पश्चिमी यूपी में पहले ही भारी बारिश का दौर शुरू कर दिया है। गुरुवार सुबह तक मेरठ शहर में 108.6 मिमी, मवाना में 98.0 मिमी, और कासगंज में 71 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह स्थिति अब पूर्वी और मध्य यूपी की ओर बढ़ रही है, जहां हल्की से मध्यम और कुछ जगहों पर भारी बारिश की उम्मीद है।
प्रभावित क्षेत्र और जनजीवन पर असर
पश्चिमी यूपी में बीते दिन हुई भारी बारिश ने कई क्षेत्रों में जनजीवन को प्रभावित किया है। मेरठ, बागपत, और सहारनपुर जैसे जिलों में सड़कों पर जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान की आशंका बढ़ गई है। विशेष रूप से धान और गन्ने की फसलों पर इसका असर देखा जा रहा है।
मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में नालों की सफाई न होने के कारण जलभराव की समस्या और गंभीर हो गई है। प्रशासन ने स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी की घोषणा की है और लोगों से जरूरी होने पर ही घर से निकलने की अपील की है।
अगले 24 घंटों की चेतावनी और तैयारी
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 24 घंटों में लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों सहित पूर्वी और दक्षिणी यूपी में भारी बारिश हो सकती है। येलो अलर्ट के तहत लोगों को सतर्क रहने और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने आपदा प्रबंधन टीमें तैनात की हैं और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री वितरित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मौसम विभाग ने यह भी सुझाव दिया है कि लोग मौसम अपडेट्स के लिए नियमित रूप से समाचार और आईएमडी की वेबसाइट पर नजर रखें। यह बारिश जहां एक ओर गर्मी से राहत दे सकती है, वहीं बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं को भी बढ़ा सकती है।