सनातन धर्म हिंदू इंटर कॉलेज में अनियमितताओं की जांच नही मिले दस्तावेज

पंडित अनिल शर्मा: मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा में स्थित सनातन धर्म हिंदू इंटर कॉलेज में चल रही कथित अनियमितताओं की जांच के लिए बुधवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक, मुरादाबाद मंडल के आदेश पर एक जांच टीम कॉलेज पहुंची। इस टीम में संस्कृत पाठशाला मुरादाबाद मंडल के उप निरीक्षक प्रीतम सिंह और लेखाकार नरेंद्र कुमार शामिल थे। जांच दल ने विद्यालय के अभिलेखों की बारीकी से जांच की और कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज अपने साथ ले गए। जांच के दौरान शिकायतकर्ता पंकज यादव और उनके साथी रुद्र दत्त शर्मा का पक्ष भी सुना गया। प्रीतम सिंह ने बताया कि सभी 17 बिंदुओं पर गहन जांच के बाद ही उनकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।

शिकायत में 17 बिंदुओं पर गंभीर आरोप

नगर के निवासी पंकज यादव ने जिला विद्यालय निरीक्षक को एक शिकायती पत्र भेजकर विद्यालय में चल रही कथित धांधलियों को उजागर किया था। इस पत्र में 17 बिंदुओं पर आधारित शिकायतें शामिल थीं, जिनमें विद्यालय की 385 बीघा कृषि भूमि को लंबे समय से एक ही व्यक्ति को ठेके पर देने, भूमि से होने वाली वार्षिक आय, और ब्लॉक परिसर के सामने बनी दुकानों के किराए में अनियमितता जैसे गंभीर आरोप शामिल थे। इसके अलावा, नवनिर्मित भवन में हुई अनियमितताओं की भी जांच की गई। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया कि विद्यालय प्रशासन द्वारा पारदर्शिता का अभाव है और कई दस्तावेज प्रबंधक के कब्जे में हैं, जिसके कारण जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है।

दुकानों के किराए और प्रबंधक पर सवाल

जांच के दौरान ब्लॉक परिसर के सामने स्थित दुकानों के किराएदारों से पूछताछ की गई। किराएदारों ने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष से उनसे किराया नहीं वसूला गया है, जबकि प्रति माह 650 रुपये किराया निर्धारित है। इस खुलासे ने जांच को और गंभीर बना दिया। प्रधान लिपिक पवन कुमार ने विद्यालय के प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज प्रबंधक के पास हैं, जिसके कारण जांच में कठिनाई हो रही है। इससे पहले भी विद्यालय की दो बार जांच हो चुकी है, लेकिन संपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण जांच अधूरी रह गई थी। जांच के दौरान निलंबित प्रिंसिपल डॉ. विक्रम सिंह, शिकायतकर्ता पंकज यादव, रुद्र दत्त शर्मा, संजीव सिंह और अन्य लोग मौजूद रहे। जांच टीम ने सभी बिंदुओं पर साक्ष्य जुटाने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार करने की बात कही।

सपा नेता अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान को बड़ा झटका दिया है। फर्जी पासपोर्ट और दो पैन कार्ड से जुड़े मामलों में दायर उनकी दोनों याचिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। बुधवार को अदालत ने यह फैसला सुनाया, जिसके बाद अब रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में इन मामलों की सुनवाई जारी रहेगी। कोर्ट ने एक जुलाई को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस निर्णय से अब्दुल्ला आजम की कानूनी मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि अब उन्हें निचली अदालत में चल रहे ट्रायल का सामना करना होगा।

फर्जी पासपोर्ट और पैन कार्ड मामले में याचिकाएं खारिज

अब्दुल्ला आजम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दाखिल की थीं। पहली याचिका फर्जी पासपोर्ट से संबंधित थी, जिसमें उन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। दूसरी याचिका दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ी थी, जो आयकर नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इन दोनों मामलों में अब्दुल्ला ने रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी दलीलों को स्वीकार नहीं किया और दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। कोर्ट के इस फैसले ने सपा नेता के लिए कानूनी चुनौतियों को और जटिल कर दिया है।

रामपुर कोर्ट में जारी रहेगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब इन मामलों की सुनवाई रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में आगे बढ़ेगी। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ ये मामले लंबे समय से चर्चा में हैं, और उनके पिता, सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान के साथ भी कई कानूनी विवाद जुड़े हैं। हाईकोर्ट का यह निर्णय अब्दुल्ला के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें निचली अदालत में इन गंभीर आरोपों का जवाब देना होगा। इस मामले में आगे की सुनवाई और सबूतों की जांच पर सभी की नजरें टिकी हैं।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा कोतवाली में सिपाहियों का व्यवहार सवालों के घेरे में

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद के ठाकुरद्वारा कोतवाली में हाल ही में तैनात किए गए नव नियुक्त सिपाहियों का व्यवहार चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रशिक्षण के दौरान इन सिपाहियों को कानून और व्यवस्था की बारीकियां सिखाई जाती हैं, लेकिन शिष्टाचार और जनता के साथ व्यवहार की शिक्षा का स्पष्ट अभाव उनकी कार्यशैली में नजर आता है। वर्दी पहनते ही कुछ सिपाहियों का रवैया इतना उद्दंड हो जाता है कि वे आम जनता को जवाब देना अपनी जिम्मेदारी नहीं समझते। इस तरह की घटनाएं पुलिस विभाग की छवि को धूमिल कर रही हैं और जनता के बीच असंतोष पैदा कर रही हैं।

अभद्र व्यवहार की ताजा घटना

हाल ही में ठाकुरद्वारा कोतवाली परिसर में एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पुलिस के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। कोतवाली परिसर में एक व्यक्ति अपनी कार सही स्थान पर खड़ी करने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान एक सिपाही ने उससे बेहद अभद्रता से बात की। जब व्यक्ति ने शांतिपूर्वक स्थिति समझाने की कोशिश की, तो सिपाही ने अपमानजनक लहजे में कहा, “चल वे, चल जा यहां से,” और उसे वहां से भगा दिया। यह घटना न केवल उस व्यक्ति के लिए अपमानजनक थी, बल्कि पुलिस की कार्यशैली और प्रशिक्षण प्रणाली पर भी सवाल उठाती है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में नाराजगी पैदा की है, और वे इसे एक गंभीर मुद्दे के रूप में देख रहे हैं।

मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में नवविवाहिता की हत्या: पति उमर फारुख गिरफ्तार

पंडित अनिल शर्मा: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा क्षेत्र के मोहल्ला मुंडो में रहने वाली नवविवाहिता मंतशा की हत्या के मामले में कोतवाली पुलिस ने कड़ा कदम उठाते हुए मुख्य आरोपी, मृतका के पति उमर फारुख को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने उमर फारुख को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया है।

इस मामले में दहेज हत्या और गला दबाकर हत्या करने के गंभीर आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। मंतशा की मौत ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है, और परिजनों ने दहेज उत्पीड़न को इस जघन्य अपराध का मुख्य कारण बताया है।

पुलिस के अनुसार, मृतका के पिता इरशाद अली, जो नगर के मोहल्ला नई बस्ती के निवासी हैं, ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने उमर फारुख, उसकी मां (सास), पिता (ससुर), और जेठ के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की।

इरशाद ने अपनी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी मंतशा को शादी के बाद से ही दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। परिजनों का कहना है कि दहेज की मांग को लेकर मंतशा को मानसिक और शारीरिक रूप से यातनाएं दी जाती थीं। घटना वाले दिन मंतशा और उमर फारुख के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ, जो धीरे-धीरे इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई। आरोप है कि इसी दौरान उमर फारुख ने गुस्से में आकर मंतशा का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

जांच में जुटी पुलिस, अन्य आरोपियों की तलाश जारी

मंतशा का शव उसके ससुराल, यानी उमर फारुख के घर से बरामद हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। मृतका के पिता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने तुरंत मुकदमा दर्ज किया और जांच शुरू की। प्रारंभिक जांच में दहेज उत्पीड़न और हत्या के आरोपों की पुष्टि होने पर पुलिस ने उमर फारुख को हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया। पुलिस ने बताया कि मामले में अन्य आरोपियों, यानी सास, ससुर, और जेठ की तलाश जारी है। पुलिस टीमें उनकी गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं।

इस घटना ने दहेज प्रथा और महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा जैसे गंभीर मुद्दों को एक बार फिर से उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं समाज में जागरूकता की कमी और दहेज जैसी कुप्रथाओं को दर्शाती हैं। मंतशा के परिजनों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच की जा रही है और सभी दोषियों को जल्द ही कानून के दायरे में लाया जाएगा।

सावन में शिवरात्रि पर भक्तों ने किया जलाभिषेक

पंडित अनिल शर्मा : श्रावण मास की शिवरात्रि पर उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के ठाकुरद्वारा में शिव भक्तों ने उत्साहपूर्वक भगवान शिव का जलाभिषेक किया। ठाकुरद्वारा निवासी मोहित सिंघल की अगुवाई में दर्जनभर शिव भक्त मंगलवार को अपने वाहनों से हरिद्वार रवाना हुए। उन्होंने वहां से डाक कांवड में गंगाजल लाकर नगर के प्रसिद्ध मंढ़ी मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। बुधवार को शिवरात्रि के पावन अवसर पर भक्तों ने विधि-विधान से गंगाजल से जलाभिषेक किया और भगवान शिव के जयकारे लगाए।

भक्तिमय हुआ ठाकुरद्वारा का माहौल

शिव भक्तों के जयकारों से ठाकुरद्वारा का माहौल भक्तिमय हो गया। मंढ़ी मंदिर, जो हाईवे पर स्थित है, में भक्तों की भीड़ उमड़ी। जलाभिषेक में आरूष अग्रवाल, निवेश अग्रवाल, पार्थ अग्रवाल, अर्चित अग्रवाल, हर्ष अग्रवाल, चेतन वर्मा, राहुल अग्रवाल, सार्थक रूहेला, सक्ष्म अग्रवाल सहित कई भक्त शामिल रहे। इस आयोजन ने क्षेत्र में धार्मिक उत्साह को और बढ़ा दिया, और श्रद्धालुओं ने भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने की कामना की।

मुरादाबाद में बैंक लॉकर से 30 लाख के जेवरात चोरी: फिल्मी अंदाज में हुआ खुलासा

लॉकर में रखे जेवरात गायब, ग्राहक के उड़े होश

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। मझोला थाना इलाके के दिल्ली रोड पर स्थित आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में एक ग्राहक के करीब 30 लाख रुपये की कीमत के जेवरात लॉकर से रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। ग्राहक ने अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी को सुरक्षित रखने के लिए बैंक के लॉकर का सहारा लिया था, यह सोचकर कि वहां उनके गहने पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। लेकिन जब उसे पता चला कि उसके जेवरात लॉकर से गायब हैं, तो उसके होश उड़ गए। इस घटना ने न केवल ग्राहक को झकझोर दिया, बल्कि बैंक की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए।

ग्राहक ने बैंक में 3 लाख रुपये का लोन लिया था और इसके बदले 365.53 ग्राम सोना लॉकर में गिरवी रखा था। यह सोना उसकी जिंदगी की धरोहर था, जिसे उसने बड़े जतन से सहेजा था। लेकिन जब वह अपने गहनों की स्थिति जानने बैंक पहुंचा, तो उसे लॉकर खाली मिला। इस खुलासे के बाद बैंक परिसर में हंगामा मच गया। ग्राहक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, और मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

बैंक मैनेजर ने दर्ज कराई शिकायत, दो कर्मचारी निशाने पर

जांच-पड़ताल शुरू होने के बाद मामला और भी पेचीदा हो गया। बैंक मैनेजर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और अपने ही दो कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। प्रारंभिक जांच में पता चला कि लॉकर से जेवरात गायब होने के पीछे बैंक के ही कुछ कर्मचारियों का हाथ हो सकता है। पुलिस ने दोनों कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की, और मामला धीरे-धीरे सुलझने लगा। यह खुलासा बैंक के ग्राहकों के लिए और भी चौंकाने वाला था, क्योंकि जिन कर्मचारियों पर वे भरोसा करते थे, वही इस चोरी में शामिल हो सकते थे।

पुलिस ने बैंक के सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों की जांच शुरू की। साथ ही, लॉकर की सुरक्षा प्रणाली की भी गहन छानबीन की जा रही है। यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद जेवरात कैसे गायब हो गए। क्या यह चोरी सुनियोजित थी, या फिर इसमें किसी तरह की सेंधमारी हुई? पुलिस इस मामले को हर कोण से जांच रही है।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, ग्राहकों में दहशत

इस घटना ने न केवल बैंक की साख को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि उन तमाम ग्राहकों में दहशत पैदा कर दी है, जो अपने कीमती सामान को सुरक्षित रखने के लिए बैंकों के लॉकर पर निर्भर हैं। मुरादाबाद के इस मामले ने पूरे देश में बैंक लॉकरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हैं कि अगर बैंक जैसे सुरक्षित स्थान में भी उनकी संपत्ति सुरक्षित नहीं है, तो फिर वे भरोसा कहां करें।

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को सजा दिलवाएगी। साथ ही, बैंक प्रबंधन ने भी ग्राहक को भरोसा दिलाया है कि उनकी हानि की भरपाई की जाएगी। लेकिन इस घटना ने एक बार फिर बैंकों की जवाबदेही और सुरक्षा प्रणाली पर सवाल उठाए हैं। यह मामला अभी जांच के दायरे में है, और जल्द ही इसके पूरे सच का खुलासा होने की उम्मीद है।

हनी ट्रैप गैंग का पर्दाफाश, दो महिलाओं समेत चार गिरफ्तार, सेवानिवृत्त कर्मचारी को बनाया था निशाना

नागफनी पुलिस ने एक हनी ट्रैप गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो महिलाओं समेत चार आरोपितों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को मैसेज करके अपनी बातों में फंसाता था और उनके साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर रंगदारी वसूल करता था। गिरफ्तार आरोपितों में दीवान का बाजार निवासी महक, गुलाबरा निवासी रानी, मझोला क्षेत्र के एकता कॉलोनी निवासी राहुल शर्मा और राधेश्याम शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, यह गिरोह लंबे समय से इस तरह की वारदातों को अंजाम दे रहा था और कई लोगों को अपना शिकार बना चुका था।

पुलिस ने बताया कि इस गैंग का तरीका बेहद शातिराना था। दोनों महिलाएं पहले लक्षित व्यक्ति को मैसेज करती थीं और फोन पर बातचीत शुरू करती थीं। धीरे-धीरे वे पीड़ित को अपने जाल में फंसाती थीं और उसे किसी सुनसान जगह या आवास पर बुलाती थीं। वहां गिरोह के अन्य सदस्य मिलकर पीड़ित का आपत्तिजनक वीडियो बना लेते थे। इसके बाद वीडियो को सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से वायरल करने की धमकी देकर मोटी रकम की उगाही की जाती थी।

सेवानिवृत्त कर्मचारी को बनाया निशाना, पुलिस ने की कार्रवाई

इस मामले में ठाकुरद्वारा निवासी एक सेवानिवृत्त कर्मचारी रूप किशोर को निशाना बनाया गया। आरोपित महिलाओं ने रूप किशोर को मैसेज कर बातचीत शुरू की और उसे मंगलवार को शहर के एक आवास पर बुलाया। वहां गिरोह ने उनकी आपत्तिजनक वीडियो बना ली और 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगनी शुरू कर दी। डर के मारे कर्मचारी ने 50 हजार रुपये दे दिए, लेकिन आरोपितों का लालच यहीं नहीं रुका। वे उसे उसकी ही कार में बैठाकर ठाकुरद्वारा रोड की ओर ले जाने लगे। रास्ते में रूप किशोर ने पुलिस को देखकर शोर मचाया, जिसके बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी की और चार आरोपितों को हिरासत में ले लिया। हालांकि, दो अन्य आरोपित मौके से भागने में सफल रहे।

बुधवार को एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए हैं। इस गैंग ने पहले भी कई लोगों को अपना शिकार बनाया है और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। पुलिस अब फरार दो अन्य आरोपितों की तलाश में जुटी है। एसपी ने बताया कि इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और जल्द ही बाकी आरोपितों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अनजान मैसेज या कॉल्स पर भरोसा न करें और ऐसी किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें।